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Sunday 11 August 2019 03:37:49 PM
नई दिल्ली। वित्त मंत्रालय ने स्टार्टअप कंपनियों के संदर्भ में कर निर्धारण की प्रक्रिया को सरल बनाया है। ऐसे मामलों में जहां स्टार्टअप कंपनियों के कर निर्धारण की जांच प्रक्रिया लंबित है, सीबीडीटी ने निर्णय लिया है कि डीपीआईआईटी से मान्यता प्राप्त स्टार्टअप कंपनियां जिन्होंने फॉर्म नंबर 2 दाखिल किया है और जिनके मामले धारा 56 (2) (वीआईआईबी) की उपयुक्तता के एकल मुद्दे पर सीमित जांच के तहत हैं, ऐसी कंपनियों के दावों को संक्षिप्त रूपमें स्वीकार किया जाएगा, कर निर्धारण प्रक्रिया के तहत इस मामले की जांच नहीं की जाएगी और निरीक्षण प्राधिकरण से अनुमोदन प्राप्त करने के बाद कर निर्धारण अधिकारी द्वारा अन्य मामलों की जांच की जाएगी। डीपीआईआईटी से मान्यता प्राप्त स्टार्टअप कंपनियों के मामले में, जिन्होंने फॉर्म नंबर 2 दाखिल नहीं किया है और जिनके मामलों को जांच के लिए चुना गया है, निरीक्षण प्राधिकरण से अनुमोदन प्राप्त करने के बाद कर निर्धारण अधिकारी ऐसे मामलों की जांच करेगा।
केंद्र सरकार ने डीपीआईआईटी अधिसूचना संख्या 127 (ई) दिनांक 19 फरवरी 2019 के पैरा-6 को शिथिल करने का निर्णय लिया है और यह स्पष्ट किया है कि यह अधिसूचना वैसी स्टार्टअप कंपनियों पर भी लागू होगी, जहां धारा 56 (2) (viib) के तहत संकलन (जोड़) किया गया है तथा निर्धारिती को डीपीआईआईटी ने मान्यता दी है और निर्धारिती ने बाद में फॉर्म नंबर 2 दाखिल किया है। इस आशय की अधिसूचना www.incometaxindia.gov.in पर सीबीडीटी के फॉर्म नंबर 173/149/2019-आईटीए-1 के द्वारा 8 अगस्त 2019 को अपलोड कर दी गई है।