शुभांग राज
Friday 16 August 2019 05:47:27 PM
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के 73वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर लाल किले के प्राचीर से वैश्विक और क्षेत्रीय आतंकवाद को ललकारा। उन्होंने देश में जनसंख्या विस्फोट के खतरों से सतर्क करते हुए इस मामले पर भविष्य में ठोस योजना के संकेत दिए और देश में जल संचय के लिए बड़ी परियोजना का ऐलान किया। उन्होंने जम्मू-कश्मीर से हटाई गई अस्थाई धारा 370 और 35ए के कारणों का उल्लेख किया और संकल्प व्यक्त किया कि जम्मू-कश्मीर और लद्दाख को केंद्रशासित राज्य बनाने से इन क्षेत्रों का अभूतपूर्व विकास किया जाएगा। प्रधानमंत्री ने नाम लिए बिना कहा कि पड़ोसी देश क्षेत्र में आतंकवाद को संरक्षण देकर क्षेत्रीय शांति भंग कर रहा है, जिसके इरादे पूर्ण नहीं होंगे। नरेंद्र मोदी ने स्वतंत्रता दिवस और रक्षाबंधन के पावन पर्व पर सभी देशवासियों को अनेक-अनेक शुभकामनाएं दीं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपना संबोधन पूरी तरह देश की समृद्धि, विश्वास और विकास एवं विश्व स्तरपर समर्थन हासिल करने पर ही केंद्रित रखा, जबकि पाकिस्तान के राष्ट्रपति अल्वी और प्रधानमंत्री इमरान खान ने एक दिन पहले अपने स्वतंत्रता दिवस पर भारत के खिलाफ इस्लामिक जेहाद, युद्ध और केवल कश्मीर-कश्मीर की जहरीली उल्टियां की हैं। पाकिस्तान के इन दोनों नेताओं के भाषण सुनकर अंदाजा लगाया जा सकता है कि पाकिस्तान भारत के खिलाफ जम्मू-कश्मीर में किस प्रकार इस्लामिक आतंकवाद को पनाह दिए हुए हैं। जम्मू-कश्मीर से धारा 370 और 35ए हटाने के बाद पाकिस्तानी नेताओं की बौखलाहट दुनिया देख रही है। इनकी युद्ध की धमकी से भारत डरा नहीं है, बल्कि अपने शांतिपूर्ण और विकासशील मुद्दों के साथ उनकी धमकियों का जवाब दे रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संबोधन पाकिस्तान को चिढ़ा रहा है कि भारत ने उसकी युद्ध की धमकी पर वैसी ही प्रतिक्रिया क्यों नहीं दी। पाकिस्तान में इस समय मातम सा माहौल है और वह इस्लामिक देशों से भारत के खिलाफ समर्थन मांग रहा है। प्रधानमंत्री ने पाकिस्तान की धमकियों को नज़रअंदाज करते हुए अपने देश की विकास योजनाओं और समस्याओं, शिक्षा, स्वास्थ्य, ग़रीबी, उद्योगों, पर्यटन, रोज़गार आदि पर ही पूरा फोकस किया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि अति वर्षा और बाढ़ के कारण आज देश के कई भागों में लोग कठिनाइयों से जूझ रहे हैं, पीड़ित नागरिकों का कष्ट कैसे कम हो, सामान्य स्थिति जल्दी कैसे लौटे उसके लिए राज्य सरकार, केंद्र सरकार, एनडीआरएफ सभी जैसे बचाव संगठन दिन-रात प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि दस हफ्ते के भीतर ही अनुच्छेद 370 का हटना, 35ए का हटना सरदार वल्लभ भाई पटेल के सपनों को साकार करने की दिशा में एक अहम कदम है, जो काम पिछले 70 साल में नहीं हुआ, नई सरकार बनने के बाद 70 दिन में हो गया। उन्होंने कहा कि भारत के दोनों सदनों राज्यसभा और लोकसभा ने दो-तिहाई बहुमत से इसे खत्म कर दिया। उन्होंने कहा कि लाल किले से मैं गर्व के साथ कहता हूं कि आज हर हिंदुस्तानी कह सकता है-एक देश और एक संविधान। उन्होंने कहा कि इसी प्रकार हमने दस हफ्ते के भीतर ही मुस्लिम माताओं और बहनों को तीन तलाक से मुक्ति दिलाने के खिलाफ कानून बनाया। उन्होंने कहा कि अगर देश में हम सतीप्रथा को खत्म कर सकते हैं, हम भ्रूण हत्या को खत्म करने का कानून बना सकते हैं, अगर हम बाल-विवाह के खिलाफ आवाज़ उठा सकते हैं, हम दहेज में लेन-देन की प्रथा के खिलाफ कठोर कदम उठा सकते हैं, तो क्यों न हम तीन तलाक के खिलाफ भी आवाज़ उठाएं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पाकिस्तान के भारत विरोधी आतंकवाद पर कहा कि हमने आतंकवाद से जुड़े कानूनों में आमूल-चूल परिवर्तन करके उसको एक नई ताकत देने, आतंकवाद के खिलाफ लड़ने के संकल्प को और भी मजबूत करने का काम किया है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के तहत 90 हजार करोड़ रुपये किसानों के खाते में जमा करने का महत्वपूर्ण काम आगे बढ़ा है। उन्होंने कहा कि किसानों और छोटे व्यापारी भाई-बहनों ने कभी कल्पना नहीं की थी कि कभी उनके जीवन में भी पेंशन की व्यवस्था हो सकती है, हमने वह काम भी कर दिया है। प्रधानमंत्री ने कहा कि जलसंकट की चर्चा बहुत होती है और भविष्य जलसंकट से गुजरेगा यह भी चर्चा होती है, उन चीजों को पहले से ही सोच करके केंद्र और राज्य मिलकर योजनाएं बनाएं, इसके लिए एक अलग जलशक्ति मंत्रालय का भी निर्माण किया गया है। उन्होंने कहा कि जल जीवन मिशन पर केंद्र और राज्य सरकारें मिलकर काम करेंगी और आने वाले वर्ष में साढ़े तीन लाख करोड़ रुपये से भी ज्यादा रकम इस मिशन के लिए खर्च करने का हमने संकल्प लिया है। उन्होंने कहा कि हमारे देश में डॉक्टरों की बहुत बड़ी जरूरत है, आरोग्य की सुविधाएं और व्यवस्थाओं की आवश्यकता है, चिकित्सा शिक्षा को पारदर्शी बनाने के लिए अनेक महत्वपूर्ण कानून और निर्णय लिए गए हैं। उन्होंने कहा कि बच्चों की सुरक्षा के लिए कठोर कानून प्रबंधन आवश्यक था, हमने इस काम को भी पूर्ण कर लिया है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि अगर 2014 से 2019 आवश्यकताओं की पूर्ति का दौर था तो 2019 के बाद का कालखंड देशवासियों की आकांक्षाओं की पूर्ति का कालखंड है, उनके सपनों को साकार करने का कालखंड है। नरेंद्र मोदी ने कहा कि जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के नागरिकों की आशा-आकांक्षा पूरी हो यह हम सबका दायित्व है। उन्होंने कहा कि वहां के दलित भाई-बहनों को देश के अन्य दलितों के समान अधिकार प्राप्त नहीं थे, वो उनको भी मिलने चाहिएं, वहां ऐसे समाज और व्यवस्था के लोग चाहे वह गुर्जर हों, बकरवाल हों, गद्दी हों, सिप्पी हों, बाल्टी हों और ऐसी अनेक जनजातियों को राजनीतिक अधिकार भी मिलने चाहिएं। उन्होंने कहा कि भारत विभाजन हुआ लाखों-करोड़ों लोग विस्थापित होकर आए, उनका कोई गुनाह नहीं था, लेकिन जो जम्मू-कश्मीर में आकर बसे, उनको मानवीय अधिकार भी नहीं मिले, नागरिक अधिकार भी नहीं मिले। प्रधानमंत्री ने कहा कि जम्मू-कश्मीर और लद्दाख सुख-समृद्धि और शांति के लिए भारत के लिए प्रेरक बन सकता है, भारत की विकास यात्रा में बहुत बड़ा योगदान दे सकता है। उन्होंने कहा कि अब जम्मू-कश्मीर का सामान्य नागरिक भी दिल्ली सरकार से पूछ सकता है, उसको बीच में रुकावटें नहीं आएंगी, यह सीधी-सीधी व्यवस्था हमने कर दी है।
जीने में आसानी आजाद भारत की आवश्यकता
नरेंद्र मोदी ने कहा कि हमने एक राष्ट्र एक कर के सपने को साकार किया है, ऊर्जा क्षेत्र में वन नेशन, वन ग्रिड को पार किया है, वन नेशन, वन मोबिलिटी कार्ड व्यवस्था को विकसित किया है और अब चर्चा चल रही है एक देश, एक साथ चुनाव। उन्होंने कहा कि यह चर्चा होनी चाहिए और लोकतांत्रिक तरीके से होनी चाहिए। नरेंद्र मोदी ने कहा कि जनसंख्या विस्फोट हमारे लिए हमारी आने वाली पीढ़ी के लिए अनेक नए संकट पैदा करता है, लेकिन हमारे देश में एक जागरुक वर्ग भी है, जो इस बात को भली-भांति समझता है, उनके सम्मान की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि समाज के बाकी वर्गों को जोड़कर जनसंख्या विस्फोट की हमें चिंता करनी ही होगी। उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार और भाई-भतीजावाद ने हमारे देश का कल्पना से परे नुकसान किया है और यह दीमक की तरह हमारे जीवन में घुंस गया है, यह एक ऐसी बीमारी है, जिसको हमने निरंतर प्रौद्योगिकी का उपयोग करते हुए निरस्त करने की दिशा में कई कदम उठाए हैं। उन्होंने कहा कि आजाद भारत का मतलब मेरे लिए यह है कि धीरे-धीरे सरकारें लोगों की जिंदगी से बाहर आएं, ऐसा पारिस्थितिकी तंत्र हमको बनाना ही होगा न सरकार का दबाव हो, न सरकार का अभाव हो, लेकिन हम सपनों को लेकर आगे बढ़ें। उन्होंने कहा कि जीने में आसानी आजाद भारत की आवश्यकता है। नरेंद्र मोदी ने कहा कि हमारा देश आगे बढ़े, लेकिन वृद्धिशील प्रगति के लिए देश अब ज्यादा इंतजार नहीं कर सकता है, हमें ऊंची छलांग लगानी पड़ेगी।
प्रधानमंत्री ने कहा कि हमने तय किया है कि इस कालखंड में 100 लाख करोड़ रुपये आधुनिक भारत के लिए लगाए जाएंगे, जिससे रोज़गार भी मिलेगा, जीवन में नई व्यवस्था भी विकसित होगी। उन्होंने कहा कि हमने 5 ट्रिलियन डॉलर अर्थव्यवस्था का सपना संजोया है, आजादी के 70 साल बाद हम दो ट्रिलियन डॉलर अर्थव्यवस्था पर पहुंचे थे, लेकिन पिछले पांच साल के भीतर हम लोग दो ट्रिलियन से तीन ट्रिलियन पहुंच गए, इस गति से हम आने वाले पांच साल में 5 ट्रिलियन डॉलर इकॉनोमी बन सकते हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि देश के किसान की आय दो गुनी होनी चाहिए, हर ग़रीब के पास पक्का घर होना चाहिए, हर परिवार के पास बिजली होनी चाहिए, हर गांव में ऑप्टिकल फाइबर नेटवर्क और ब्रॉडबैंड की कनेक्टिविटी हो, साथ ही साथ लंबी दूरी से कम शिक्षा की सुविधा हो। उन्होंने कहा कि समुद्री संपत्ति नीली अर्थव्यवस्था पर हम बल दें, हमारे किसान अन्नदाता हैं, ऊर्जादाता भी बनें, हमारे किसान भी निर्यातक क्यों न बनें, हमारे देश को निर्यात बढ़ाना ही होगा, हर जिला निर्यात हब बनने की दिशा में क्यों न सोचे? प्रधानमंत्री ने कहा कि हिंदुस्तान का कोई जिला ऐसा नहीं होगा, जहां से कुछ न कुछ निर्यात न होता हो। उन्होंने कहा कि हमारा देश पर्यटन स्थल के लिए दुनिया के लिए अजूबा हो सकता है, हम सभी तय करें कि हमें देश के पर्यटन पर बल देना है। उन्होंने कहा कि जब पर्यटन बढ़ता है, कम से कम पूंजी निवेश में ज्यादा से ज्यादा रोज़गार मिलता है, देश की अर्थव्यवस्था को बल मिलता है, क्या आप तय कर सकते हैं कि 2022 में आजादी के 75 साल पूरे होने के पहले हम अपने परिवार के साथ भारत के कम से कम 15 पर्यटन स्थल पर जाएं?
प्रधानमंत्री ने कहा कि स्थिर सरकार बहुत जरूरी है। उन्होंने कहा कि जब भरोसेमंद सरकार होती है तो दुनिया का भी एक भरोसा बनता है, विश्व भी भारत की राजनीतिक स्थिरता को बड़े गर्व और आदर के साथ देख रहा है। उन्होंने कहा कि आज हमारे लिए गर्व का विषय है कि महंगाई नियंत्रित करते हुए हम विकास दर को बढ़ाने वाले एक महत्वपूर्ण समीकरण को ले करके चले हैं। नरेंद्र मोदी ने कहा कि हमारी अर्थव्यवस्था की बुनियादी बातें बहुत मजबूत हैं, जीएसटी और आईबीसी जैसे सुधार लाना अपने आपमें एक नया विश्वास पैदा करते हैं, हमारे निवेशक ज्यादा कमाएं, ज्यादा निवेश करें और ज्यादा रोज़गार पैदा करें, हम धन निर्माता को आशंका की नजरों से न देखें, उनका गौरव बढ़ना चाहिए और धन निर्माता नहीं होंगे तो धन का वितरण भी नहीं होगा, अगर धन का वितरण नहीं होगा तो देश के गरीब आदमी की भलाई नहीं होगी। उन्होंने कहा कि भारत आतंक फैलाने वालों के खिलाफ मजबूती के साथ लड़ रहा है, आतंकवाद को पनाह, प्रोत्साहन देने वाली ताकतों को उजागर करने में दुनिया के देशों के साथ मिलकर भारत अपनी भूमिका अदा करे, हम यही चाहते हैं। उन्होंने कहा कि आतंकवाद को नेस्तनाबूद करने में हमारे सैनिकों, सुरक्षा बलों और सुरक्षा एजेंसियों ने बहुत प्रशंसनीय काम किया है, मैं उनको नमन करता हूं।
नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत के पड़ोसी देश बांग्लादेश, अफगानिस्तान, श्रीलंका आतंकवाद से जूझ रहे हैं, हमारा पड़ोसी और एक अच्छा मित्र अफगानिस्तान चार दिन बाद 100वीं आजादी का उत्सव मनाने जा रहा है, मैं अफगानिस्तान के मित्रों को अनेक-अनेक शुभकामनाएं देता हूं। उन्होंने कहा कि हमारे देश में सैन्य व्यवस्था, सैन्य शक्ति, सैन्य संसाधन उसके सुधार पर लंबे अरसे से चर्चा चल रही है, अनेक सरकारों ने इसकी चर्चा की है, अनेक आयोग बैठे हैं, अनेक रिपोर्ट आई हैं और सारी रिपोर्ट्स करीब-करीब एक ही स्वर को उजागर करती रही हैं। उन्होंने कहा कि हमारी पूरी सैन्यशक्ति को एकमुश्त होकर एक साथ आगे बढ़ने की दिशा में काम करना होगा, जल, थल, नभ में तीनों सेनाएं एक साथ एक ही ऊंचाई पर आगे बढ़ें। प्रधानमंत्री ने घोषणा की कि हमने निर्णय किया है कि अब हम रक्षा कर्मचारियों के प्रमुख यानी सीडीएस का पद गठित कर रहे हैं, जिसके बाद तीनों सेनाओं को शीर्ष स्तर पर प्रभावी नेतृत्व मिलेगा। उन्होंने कहा कि हिंदुस्तान की सामरिक दुनिया की गति में सीडीएस एक बहुत अहम सुधार तथा बल देने वाला काम है। उन्होंने कहा कि मैंने इसी लाल किले से 2014 में स्वच्छता की बात कही थी, कुछ ही सप्ताह बाद बापू की 150वीं जयंती 2 अक्तूबर को भारत अपने-आपको खुले में शौच मुक्त राष्ट्र घोषित कर पाएगा। उन्होंने कहा कि राज्यों, गांवों, नगरपालिकाओं और मीडिया ने स्वच्छता अभियान को जन-आंदोलन बना दिया है।
प्रधानमंत्री ने देशवासियों से अपेक्षा की कि प्लास्टिक मुक्त भारत बनाएं। उन्होंने कहा कि क्या हम इस 2 अक्तूबर को भारत को प्लास्टिक से मुक्ति दिला सकते हैं? इसके लिए हर नागरिक, नगरपालिकाएं, महानगर पालिकाएं और ग्राम पंचायतें सब मिलकर प्रयास करें। उन्होंने कहा कि मेक इन इंडिया हमारी प्राथमिकता क्यों न होनी चाहिए? हमें कल के लिए स्थानीय उत्पाद पर बल देना है, इससे हम देश की अर्थव्यवस्था में भी मदद कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि डिजिटल पेमेंट बड़ी मजबूती के साथ उभर रहा है, लेकिन हमारे गांव में, छोटी-छोटी दुकानों में भी हमारे शहर के छोटे-छोटे मॉल में भी हम क्यूं न इसपर बल दें? प्रधानमंत्री ने कहा कि हमें रासायनिक उर्वरकों का उपयोग नहीं करना चाहिए, इनका इस्तेमाल करके हम धरती के स्वास्थ्य को खराब कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि आजादी के 75 साल होने जा रहे हैं, क्या हम अपने खेत में रासायनिक उर्वरक के इस्तेमाल को कम करेंगे, हो सके तो मुक्तिकर अभियान चलाएंगे? मेरे किसान मेरी इस मांग को पूरा करेंगे यह मुझे पूरा विश्वास है। उन्होंने कहा कि हमारे देश के पेशेवर की आज पूरी दुनिया में गूंज है, हमारा चंद्रयान तेजी से चांद के उस छोर की ओर आगे बढ़ रहा है, जहां अब तक कोई नहीं गया है। उन्होंने कहा कि आज दुनिया के खेल के मैदानों में मेरे देश के 18 से 22 साल के बेटे-बेटियां हिंदुस्तान का तिरंगा झंडा फहरा रही हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि आने वाले दिनों में गांवों में डेढ़ लाख कल्याण केंद्र बनाने होंगे, हर तीन लोकसभा के बीच एक मेडिकल कॉलेज, दो करोड़ से अधिक गरीब लोगों के लिए घर, 15 करोड़ ग्रामीण घरों में पीने का पानी पहुंचाना है, सवा लाख किलोमीटर गांव की सड़कें बनानी हैं और हर गांव को ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी, ऑप्टिकल फाइबर नेटवर्क से जोड़ना है, 50 हजार से ज्यादा नये स्टार्टअप का जाल बिछाना है। उन्होंने कहा कि भारत के संविधान के 70 साल हो गए हैं, बाबासाहेब डॉ भीमराव आम्बेडकर के सपने और यह वर्ष महत्वपूर्ण है, गुरू नानक देवजी का 550वां पर्व भी है, आइये बाबासाहेब, गुरू नानक देवजी की शिक्षा को लेकर हम आगे बढ़ें और एक उत्तम समाज का निर्माण, उत्तम देश का निर्माण, विश्व की आशाओं-अपेक्षाओं के अनुरूप भारत का निर्माण करें।