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Monday 19 August 2019 01:00:09 PM
नई दिल्ली। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कहा है कि ट्रिपल तलाक को समाप्त करने का रास्ता आसान नहीं था, किंतु नरेंद्र मोदी सरकार की दृढ़ इच्छाशक्ति के कारण इसमें सफलता प्राप्त हुई है। अमित शाह ने कहा कि वोट बैंक बचाने के लिए तुष्टिकरण किया जाता है और इससे देश के विकास की गति को नुकसान होता है। उन्होंने कहा कि तुष्टिकरण सामाजिक समरसता के आड़े आता है, जबकि केंद्र की पूर्ववर्ती सरकार केवल वोट बैंक के लालच के कारण इस कुप्रथा को समाप्त करने का विरोध करती रही है। गृहमंत्री ने यह भी कहा कि गरीब और पिछड़ा किसी भी धर्म का हो उसे ऊपर उठाना चाहिए।
गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि इस कानून का जिन राजनीतिक दलों ने विरोध किया है, वह भी अपने मन के अंदर से चाहते होंगे कि ट्रिपल तलाक खत्म हो। उन्होंने कहा कि ट्रिपल तलाक कानून देश की करोड़ों मुस्लिम बहनों के हित के लिए है, मुस्लिम समाज के फायदे के लिए है, क्योंकि ट्रिपल तलाक की प्रताड़ना मुस्लिम बहनों और माताओं को सहनी पड़ती थी। उनका कहना था कि नारी को समानता का अधिकार प्राप्त हो, इसलिए यह ट्रिपल तलाक समाप्त किया गया है। अमित शाह ने कहा कि पाकिस्तान, बांग्लादेश, अफगानिस्तान, मोरक्को, टर्की, इंडोनेशिया जैसे कई इस्लामिक और गैर इस्लामिक देशों में भी 56 साल पहले ट्रिपल तलाक को तलाक देने का काम किया जा चुका है, किंतु हमें इस काम को करने में 56 साल लगे हैं। अमित शाह ने आरिफ मोहम्मद खान का जिक्र करते हुए कहा कि उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की सरकार में ट्रिपल तलाक का विरोध करते हुए इस्तीफा दे दिया था।
अमित शाह का कहना था कि साठ के दशक के बाद की तुष्टिकरण की राजनीति के कारण हमारे देश के राष्ट्र जीवन, सामाजिक जीवन को बड़ा नकारात्मक असर पहुंचा, जिससे देश के गरीबों के विकास का कार्य रुक गया, किंतु 2014 में इस देश की जनता ने नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारतीय जनता पार्टी को पूर्ण बहुमत देकर इस तुष्टिकरण को तिलांजलि दे दी। उन्होंने नरेंद्र मोदी का आभार प्रकट करते हुए कहा कि नरेंद्र मोदी ने सर्व-समावेशी विकास किया है और यही कारण है कि देश की जनता ने उनको दोबारा सत्ता सौंपी है। अमित शाह ने कहा कि मोदी सरकार ने 5 साल में कई ऐतिहासिक निर्णय लेकर दृढ़ राजनीतिक इच्छाशक्ति का परिचय दिया है। उन्होंने ट्रिपल तलाक बिल पेश करने के समय को याद करते हुए कहा कि संसद में बिल का विरोध करने वाले सभी सांसदों की दलीलें केवल वोटबैंक की राजनीति से प्रेरित थीं, विरोध करने वालों को न तो मुस्लिम बहनों की चिंता है न ही उनके बच्चों की चिंता है, उनको केवल वोट बैंक की चिंता है।
सांसद असदुद्दीन ओवैसी का जिक्र करते हुए गृहमंत्री ने बताया कि पहले भी बहुत सारे समाज सुधार के कार्यक्रमों में क्रिमिनल सजा तय की जा चुकी है, सती प्रथा, बाल विवाह जैसी कुप्रथाएं समाप्त की गईं पर किसी ने विरोध नहीं किया, इन्हें खत्म करना भी चाहिए था, क्योंकि यदि समय के साथ समाज नहीं बदलता है तो वह गंदे तालाब जैसा बन जाता है और समय के साथ बदलने वाला समाज निर्मल गंगा की तरह पवित्र रहता है। अमित शाह ने कहा कि कोर्ट ने भी ट्रिपल तलाक को गैर इस्लामिक और गैर संवैधानिक घोषित किया था, जज कोरियन साहब ने भी कहा था कि यदि यह व्यवस्था कुरान के अंदर पाप है तो कानून के अंदर कैसे मान्य हो सकती है। अमित शाह ने कहा कि मुस्लिम महिलाओं के सशक्तिकरण का काम भारतीय जनता पार्टी ने किया है और मुझे इस बात की खुशी और गर्व है कि ट्रिपल तलाक खत्म करने वाली प्रक्रिया के समर्थन में मेरा भी एक वोट शामिल है।
अमित शाह का कहना था कि परिवारवाद, जातिवाद और तुष्टिकरण इन तीन चीजों ने देश को बहुत नुकसान पहुंचाया है, किंतु प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारतीय जनता पार्टी ने इन तीनों को निर्मूल कर दिया है। उन्होंने बताया कि इस कानून के बनने के बाद पूरी दुनिया से इस तरह के मेल प्राप्त हुए हैं कि जब यह कानून बन जाए तो उन्हें भी कॉपी भेजिए। उन्होंने कहा कि भारतीय समाज को आगे बढ़ाने में राजा राममोहन राय, वीर सावरकर, महात्मा गांधी, मदनमोहन मालवीय, बाबासाहेब डॉ भीमराव आम्बेडकर एवं तमाम समाज सुधारकों का हाथ है, उन लोगों ने देश की कुप्रथाओं को समाप्त करने में अपना योगदान दिया है, समाज को आगे बढ़ाने का काम किया है। उनका कहना था कि जब भी देश के समाज सुधारकों का नाम लिया जाएगा, नरेंद्र मोदी का नाम भी इन समाज सुधारकों की श्रेणी में शामिल हो गया है।