स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम
Monday 25 March 2013 07:55:09 AM
लखनऊ। मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा है कि उत्तर प्रदेश की जनता ने डॉ लोहिया के सिद्धांतों को आगे बढ़ाने का अवसर दिया है, राज्य सरकार अपने तमाम कार्यक्रमों एवं योजनाओं के माध्यम से इन सिद्धांतों को लागू कर रही है, वर्तमान परिवेश में डॉ लोहिया के विचार और अधिक प्रासंगिक हो गए हैं। उन्होंने कहा कि यह उनके लिए गौरव का विषय है कि उन्होंने लोकसभा में उस क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया, जहां डॉ लोहिया ने संघर्ष किया था, उन्होंने समाज में व्याप्त गैर बराबरी को समाप्त करने के लिए हमेशा संघर्ष किया, डॉ लोहिया के रास्ते पर चलकर ही समाज में खुशहाली लाई जा सकती है।
मुख्यमंत्री ने डॉ राम मनोहर लोहिया राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय में डॉ लोहिया की जयंती पर उनकी प्रतिमा का अनावरण करने के बाद एक विचार गोष्ठी को संबोधित किया। इस अवसर पर सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव भी उपस्थित थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस विश्वविद्यालय की स्थापना पिछली समाजवादी सरकार में की गई थी, उन्होंने प्रसन्नता जाहिर की कि वर्तमान में डॉ लोहिया विधि विश्वविद्यालय की गणना देश के बेहतरीन विश्वविद्यालयों में की जाती है। मुख्यमंत्री ने कहा कि मुलायम सिंह यादव एवं उनके समाजवादी साथियों ने डॉ लोहिया के विचारों को आगे बढ़ाया।
मुलायम सिंह यादव ने कहा कि डॉ राम मनोहर लोहिया सबसे ज्यादा विद्यार्थियों में लोकप्रिय थे, उनके विचारों से प्रभावित होकर बड़ी संख्या में छात्र समाजवादी आंदोलन में शामिल हुए, डॉ लोहिया के चिंतन से प्रेरित होकर विद्यार्थी जीवन से ही वे समाजवादी आंदोलन में सक्रिय हो गए, डॉ लोहिया ने अन्याय व अत्याचार का विरोध किया, वे कहा करते थे कि जहां अन्याय हो, पक्षपात हो, उसके खिलाफ संघर्ष करो और उसका विरोध करो। उन्होंने कहा कि डॉ राम मनोहर लोहिया की नीतियां और विचार समाज के हर वर्ग के कल्याण के लिए हैं।
डॉ लोहिया के नाम पर विधि विश्वविद्यालय की स्थापना के संबंध में मुलायम सिंह यादव ने कहा कि वे कानून के छात्र तो नहीं रहे, लेकिन दुनिया के विभिन्न देशों के कानूनों की उन्हें बहुत अच्छी जानकारी थी, इसके साथ ही डॉ लोहिया कमजोर व गरीब लोगों को न्याय दिलाने एवं उनके अधिकारों के प्रति हमेशा संघर्षरत रहे, इसे ध्यान में रखकर डॉ राम मनोहर लोहिया के नाम पर विधि विश्वविद्यालय की स्थापना करने का निर्णय लिया गया था। उन्होंने विश्वविद्यालय के छात्र-छात्राओं से कहा कि वे भी गरीबों का ध्यान रखें और उन्हें न्याय दिलाने में मदद करें, वे डॉ लोहिया के साहित्य का भी अध्ययन करें, जिससे उन्हें बहुत कुछ सीखने को मिलेगा।
इस मौके पर मौजूद उद्योगपति और पूर्व सांसद संजय डालमिया ने डॉ लोहिया से जुड़े अपने संस्मरणों का उल्लेख किया। उन्होंने बताया कि गांधीजी के ट्रस्टीशिप सिद्धांत को लागू करने के संबंध में सर्वप्रथम डॉ लोहिया ने ही लोकसभा में निजी विधेयक प्रस्तुत किया था। संजय डालमिया ने कहा किमुलायम सिंह यादव एक मात्र ऐसे समाजवादी हैं, जो डॉ लोहिया की जयंती व पुण्यतिथि पर नियमित रूप से सार्वजनिक कार्यक्रमों का आयोजन करते हैं।
विश्वविद्यालय की प्रभारी कुलपति अनीता मिश्रा ने अतिथियों का स्वागत तथा कार्यक्रम के समापन पर आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम में प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री राकेश गर्ग, प्रमुख सचिव उच्च शिक्षा टी वेंकटेश, प्रमुख सचिव न्याय एसके पांडेय, सचिव मुख्यमंत्री अनीता सिंह एवं आलोक कुमार अधिकारी, विश्वविद्यालय के शिक्षक तथा छात्र-छात्राएं उपस्थित थे।