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Tuesday 20 August 2019 04:01:35 PM
नई दिल्ली। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने राजधानी दिल्ली के द्वारका में कारबी आंगलोंग ऑटोनॉमस काउंसिल और नॉर्थ कछार हिल्स ऑटोनॉमस काउंसिल ऑफ असम के कार्बी और डिमासा भवन का शिलान्यास किया। अमित शाह ने इस अवसर पर कहा कि पूरे भारत के विकास कार्यों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आबादी के अनुपात में सबसे ज्यादा समय उत्तर-पूर्व को दिया है और 5 साल में कई विकास परियोजनाओं की शुरुआत की है। उन्होंने कहा कि कार्बी और डिमासा भवन यहां पर अस्तित्व में आएंगे और दुनिया के नक्शे पर उनकी संस्कृति को नई पहचान के लिए एक नई जगह मिलेगी। अमित शाह ने बताया कि नार्थ ईस्ट काउंसिल की बैठक में अध्यक्षता करने के लिए पूर्व प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई के 40 वर्ष बाद प्रधानमंत्री के रूपमें नरेंद्र मोदी शामिल हुए और प्रत्येक 15 दिन में एक केंद्रीय मंत्री को उत्तर-पूर्व का दौरा करने का चक्र तय किया, जिससे वहां ढेर सारी सुविधाएं और विकास के कार्य आगे बढ़े हैं।
गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि उत्तर-पूर्व के विकास के लिए पहले जो बजट 87 हजार करोड़ था, उसे 258 प्रतिशत बढ़ाते हुए 3,13,375 करोड़ कर दिया गया है, जो नरेंद्र मोदी सरकार की उत्तर-पूर्व के सर्वांगीण विकास की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि आज उत्तर-पूर्व वायु, रेलवे तथा सड़कमार्ग से जुड़ चुका है, वहां सड़कों को चौड़ा करने का काम तेजी से किया जा रहा है। अमित शाह ने कहा कि उत्तर-पूर्व में जो परिवर्तन आया है, वह देश के प्रधानमंत्री और हमारे नेता नरेंद्र मोदी के मन में उत्तर-पूर्व के लिए, जो प्यार, सम्मान और अनुकंपा है वह सामने आई है। अमित शाह ने कहा कि उत्तर-पूर्व में हुए विकास कार्यों के कारण वहां आतंकवाद कम हुआ है और शांति स्थापित हुई है। उन्होंने कहा कि पूर्व की सरकारों में पूर्वोत्तर का इलाका विकास के रास्ते से भटक गया था, जो भाजपा सरकार बनने के बाद नरेंद्र मोदी नेतृत्व में वापस रास्ते पर आया है। उन्होंने कहा कि डोनर मंत्रालय ने लगभग 153 करोड़ रुपये की 17 अलग-अलग परियोजनाओं पर काम शुरु कर दिया है, जिनमें अंतर्राष्ट्रीय स्तर का बांस के औद्योगिक पार्क शुरु करने, उत्तर पूर्व के विभिन्न राज्यों में कई मेडिकल कॉलेज, डिग्री कॉलेज, कानून महाविद्यालय, तारामंडल, सांस्कृतिक हॉल का निर्माण आदि कितनी ही बड़ी परियोजनाएं शामिल हैं।
अमित शाह ने कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार जनजाति को विकास तक नहीं, बल्कि विकास कार्यों को जनजातियों तक पहुंचाना चाहती है। उन्होंने कहा कि उत्तर-पूर्व में शांति भी होनी चाहिए, समृद्धि भी होनी चाहिए और विकास हर गांव में पहुंचना चाहिए, लेकिन उत्तर-पूर्व की पहचान को भी बनाए रखना सरकार का लक्ष्य है। अमित शाह ने कहा कि पूर्वोत्तर की चिकित्सा विज्ञान पद्धतियां अत्यंत प्राचीन हैं, वहां वनस्पति के क्षेत्र में अपार संभावनाएं हैं और इन भवनों में मेडिटेशन गुण वाली औषधियों पर रिसर्च एंड डेवलपमेंट विभाग खोलकर आगे बढ़ाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि इस भवन निर्माण से उत्तर-पूर्व के बच्चे दुनिया को जानेंगे, विश्व के साथ जुड़ेंगे और प्रतिस्पर्धा कर सकेंगे। कार्यक्रम में डोनर मंत्री डॉ जितेंद्र सिंह भी मौजूद थे। उन्होंने कहा कि उत्तर-पूर्व का विकास नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में किया जा रहा है और वे कहते हैं कि यदि एक भुजा बलवान हो और दूसरी मजबूत न हो तो देश का समुचित विकास नहीं हो सकता, इसलिए उत्तर-पूर्व का विकास भी देश के बाकी हिस्सों की तरह ही होना चाहिए। डॉ जितेंद्र सिंह ने कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार ने नॉर्थ ईस्ट रोड डेवलपमेंट का काम भी शुरु किया है।
असम के मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने भी केंद्र की सरकार, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह का धन्यवाद दिया। कार्बी और डिमासा भवन के शिलान्यास पर आसाम राज्य सरकार के वित्तमंत्री हेमंता विश्वसर्मा ने कहा कि देश में करोड़ों रुपये के प्रोजेक्ट शुरु किए गए हैं, किंतु कार्बी और डिमासा भवन के शिलान्यास लिए गृहमंत्री अमित शाह का आगमन उनके उत्तर-पूर्व के प्रति विशेष प्रेम को दर्शाता है। इस दौरान उत्तर-पूर्व के कई सांसद और विधायक भी मौजूद थे।इन भवनों के निर्माण से भारत के अन्य राज्यों की तरह दोनों स्वायत्त परिषदों के पास राष्ट्रीय राजधानी में अपनी समृद्ध परंपरा और संस्कृति और विकास कार्यक्रमों का प्रदर्शन करने के लिए दिल्ली में एक मंच होगा। कार्बी आंगलोंग स्वायत्त परिषद का दो जिलों पर अधिकार क्षेत्र है-कार्बी आंग्लोंग और पश्चिम कार्बी आंगलोंग। दीमा हसाओ जिला (पूर्व में उत्तरी कछार हिल्स) उत्तरी कछार स्वायत्त परिषद द्वारा शासित है। दोनों क्षेत्र आदिवासी क्षेत्र हैं, जहां हरे-भरे जंगल और जीव हैं, यहां के लोगों के पास एक समृद्ध पारंपरिक और संस्कृति है, जो सदियों से संरक्षित है। मूल रूपसे मकीर हिल, कार्बी आंगलोंग या करबियों की भूमि के रूपमें जाना जाता है। इसमें रोलिंग हिल्स, घने जंगल, झरने, नदियां और नाले हैं। कार्बी आंगलोंग को कोको फॉल्स, खंडुली टूरिस्ट सेंटर, उमवांग टूरिस्ट सेंटर और कोहोरा टूरिस्ट रिज़ॉर्ट जैसे आकर्षण भी मिलते हैं।