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Wednesday 21 August 2019 03:02:32 PM
गुवाहाटी। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने असम में राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर के अंतिम प्रकाशन से जुड़े मुद्दों की समीक्षा की। हाल के दिनों में केंद्रीय गृह मंत्रालय और असम राज्य सरकार के बीच एनआरसी मुद्दों पर गहन चर्चा हुई है। बैठक में तय किया गया कि जिन लोगों के नाम अंतिम एनआरसी में शामिल होने से छूट गए हैं, उन्हें अपील करने का पूरा अवसर प्रदान किया जाए और जिस भी व्यक्ति का नाम अंतिम एनआरसी में नहीं है, वह अपीलीय प्राधिकरण यानी विदेशी न्यायाधिकरण के सामने अपना मामला रख सकते हैं। विदेशी अधिनियम-1946 और विदेशी न्यायाधिकरण आदेश-1964 के तहत केवल विदेशी न्यायाधिकरणों को किसी व्यक्ति को विदेशी घोषित करने का अधिकार है, इसलिए एनआरसी में जिन व्यक्तियों का नाम शामिल नहीं हुआ है, उसका मतलब यह नहीं है कि उन्हें विदेशी घोषित कर दिया गया है।
असम सरकार ने सुविधाजनक स्थानों पर पर्याप्त संख्या में न्यायाधिकरणों के गठन के लिए सहमति व्यक्त की। यह भी तय किया गया है कि राज्य सरकार एनआरसी में शामिल होने से छूट जाने वाले जरूरतमंदों को कानूनी सहायता देने का पूरा इंतजाम करेगी। चूंकि अंतिम एनआरसी में शामिल होने से छूट जाने वाले व्यक्तियों के लिए निर्धारित अवधि के अंदर अपील करना संभव नहीं है, इसलिए गृह मंत्रालय अपील दायर करने की वर्तमान समय सीमा को 60 दिन से बढ़ाकर 120 दिन करने के लिए नियमों में संशोधन करेगा। नागरिकता (नागरिकों का पंजीरकण और राष्ट्रीय पहचान पत्र निर्गमन) नियम-2003 को भी संशोधित किया जा रहा है। कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए राज्य सरकार के आकलन के अनुसार केंद्रीय सशस्त्र अर्द्धसैनिक बलों की तैनाती उपलब्ध कराई जा रही है। समीक्षा बैठक में असम के मुख्यमंत्री, केंद्रीय गृह सचिव, असम के मुख्य सचिव और वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।