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Tuesday 27 August 2019 12:25:12 PM
नई दिल्ली। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने वामपंथी उग्रवाद पर केंद्र सरकार के मंत्रियों, प्रभावित राज्य के मुख्यमंत्रियों, मुख्य सचिवों, केंद्र और राज्यों के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक में कहा है कि वामपंथी उग्रवाद पिछले कुछ दशक से देश के सामने बड़ी चुनौती है। उन्होंने कहा कि वामपंथी उग्रवाद लोकतांत्रिक व्यवस्था में विश्वास नहीं करता और वामपंथी उग्रवादी सत्ता हथियाने एवं अपने लाभ के लिए सबसे कम विकसित क्षेत्रों में निर्दोष लोगों को गुमराह करते हैं। अमित शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जिस नए भारत के निर्माण की बात करते हैं, उसमें वामपंथी उग्रवाद की कोई जगह नहीं है। उन्होंने कहा कि बंदूक के बल पर विकास और लोकतंत्र को झुकाने में वामपंथी उग्रवाद को कभी सफलता नहीं मिलेगी।
गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि वामपंथी उग्रवाद में पहले से काफी गिरावट आई है। उन्होंने कहा कि जहां 2009 में वामपंथी उग्रवाद की 2258 घटनाएं हुईं, वहीं 2018 में घटकर 833 हो गई हैं। उन्होंने बताया कि पिछले साल केवल 60 जिलों में वामपंथी उग्रवाद की घटना नोट की गई है और इस कमी में राज्य सरकार, राज्य के सुरक्षा बल तथा केंद्रीय बलों के संयुक्त प्रयासों से सफलता प्राप्त हुई है। उन्होंने कहा कि हमें समन्वय के साथ काम करना होगा, तभी वामपंथी उग्रवाद को निर्मूल किया जा सकता है। अमित शाह ने कहा कि वामपंथी उग्रवाद को समाप्त करने के लिए उन्हें उपलब्ध होने वाले धन को रोकना आधारभूत मंत्र है और इससे उनके रहने, खाने-पीने, घूमने, हथियारों की खरीद, ट्रेनिंग आदि व्यवस्थाओं को रोका जा सकता है।
अमित शाह ने कहा कि उनका मानना है कि वामपंथी उग्रवाद की घटनाएं निरंतर कम हो रही हैं, इसे खत्म करने का प्रयास उसी तरह से जारी रहना चाहिए। अमित शाह ने कहा कि वामपंथी उग्रवाद से निपटने के लिए वर्ष 2015 में एक राष्ट्रीय नीति और कार्ययोजना बनाई गई थी, जिसमें सुरक्षा से संबंधित उपायों के साथ-साथ विकास कार्यों, स्थानीय समुदायों के अधिकारों और हकधारियों को सुनिश्चित करना इत्यादि शामिल है। उन्होंने कहा कि 2015 की राष्ट्रीय नीति के अंतर्गत स्थानीय नागरिकों के अधिकारों की सुरक्षा हमारी प्राथमिकता है, पुलिस बलों का आधुनिकीकरण भी किया जा रहा है। अमित शाह ने कहा कि उग्रवाद प्रभावित राज्यों में स्थानीय पुलिस की सतर्कता और दक्षता के बिना वामपंथी उग्रवाद समाप्त नहीं किया जा सकता, इसलिए उनकी भूमिका महत्वपूर्ण है।
गृहमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार ने विभिन्न मंत्रालयों की प्रमुख योजनाओं के अलावा वामपंथी उग्रवाद से प्रभावित क्षेत्रों के लिए विशिष्ट पहल की हैं, जिनमें प्रमुख तौरपर सड़क एवं टेलीकॉम कनेक्टिविटी में सुधार, वित्तीय समावेशन, कौशल विकास तथा शिक्षा शामिल है। उन्होंने एकलव्य मॉडल के अंतर्गत खोले जाने वाले स्कूलों की गति तेज़ करने, साथ ही सभी नागरिकों को 5 किलोमीटर के भीतर बैंकिंग सुविधाओं की उपलब्धता सुनिश्चित कराने की बात कही। गृहमंत्री ने राज्य सरकारों को विश्वास दिलाया की वामपंथी उग्रवाद को निर्मूल करने में केंद्र सरकार पूरा सहयोग करेगी। उन्होंने कहा कि सुरक्षाबलों को माओवादियों से निपटने के लिए सक्रिय रणनीति बनाने का समय आ गया है और आतंक की घटनाओं को हर कीमत पर टालना जरूरी है। अमित शाह ने कहा कि विगत वर्षों में आईडी की घटनाओं से काफी नुकसान हुआ है, जिन्हें रोकने के लिए सभी उपायों को लागू करना होगा।
अमित शाह ने कहा कि वामपंथी उग्रवाद के अंतर्गत जो निर्दोष फंसे हैं, उन्हें उग्रवाद की धारा से मुख्यधारा में वापस लाना जरूरी है और उनके आत्मसमर्पण को बढ़ावा देना चाहिए। उन्होंने कहा कि इस प्रकार हम सबको मिलकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नए भारत की परिकल्पना को साकार करना है। गृहमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार एक तय समयसीमा में वामपंथी उग्रवाद के समूल निवारण तथा क्षेत्रों के सर्वांगीण विकास को सुनिश्चित करने के लिए कृत संकल्प है। बैठक में केंद्र सरकार के वित्त, सड़क परिवहन, राजमार्ग, कृषि, ग्रामीण विकास, पंचायती राज, कौशल विकास व उद्यमिता, जनजातीय मामले, गृह राज्यमंत्री, आंध्र प्रदेश, बिहार, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, झारखंड, ओडिशा और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री एवं केंद्र और राज्य सरकारों के वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए।