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Wednesday 28 August 2019 01:38:40 PM
देहरादून। केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री डॉ हर्षवर्धन और मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने भारतीय पेट्रोलियम संस्थान आईआईपी देहरादून में वेस्ट प्लास्टिक से डीजल बनाने वाले प्लांट का शुभारंभ किया। इस प्लांट की क्षमता 1 टन प्रतिदिन है, जिसमें करीब 800 लीटर डीजल बनाया जा सकता है। यह प्लांट अभी पायलट प्रोजेक्ट के रूपमें काम करेगा। दोनों ने आईआईपी स्थित जेट्रोफा और हाइड्रोजन से बनने वाले बायोजेट फ्यूल और पीएनजी बर्नर का भी निरीक्षण किया। उन्होंने बताया कि एक वर्ष पूर्व आज ही के दिन उन्होंने 25 प्रतिशत बायोजेट फ्यूल पर उड़ान भरने वाली देश की पहली फ्लाइट को देहरादून से दिल्ली में रिसीव किया था, इसमें उपयोग किया गया बायोजेट फ्यूल आईआईपी में ही बनाया गया था।
डॉ हर्षवर्धन ने कहा कि भारत के सामने आयातित कच्चे तेल की मात्रा को घटाने और पर्यावरण पर मानव जनित प्रदूषण के प्रभाव को कम करना दो मुख्य विषय हैं। उन्होंने कहा कि सरकार सिंगल यूज़ प्लास्टिक को बाहर करने की नीति को लेकर प्रतिबद्ध है, प्लास्टिक वेस्ट से डीजल बनाने की पहल से आयातित कच्चे तेल पर भारत की निर्भरता में कमी आएगी और प्लास्टिक के निदान से प्रदूषण का स्तर भी गिरेगा एवं यह स्वच्छ पर्यावरण की ओर एक अहम कदम साबित हो सकता है। डॉ हर्षवर्धन ने बताया कि प्लास्टिक वेस्ट में 70 प्रतिशत से अधिक पोल्योफिंस होते हैं, जो सबसे कम बायोडीग्रेडीबल है।
डॉ हर्षवर्धन ने कहा कि देहरादून जैसे शहर से रोज़ाना करीब 20 टन प्लास्टिक वेस्ट निकलता है, यह प्लांट इस वेस्ट प्लास्टिक के 5 प्रतिशत हिस्से को प्रोसेस्ड कर डीजल तैयार करेगा, जो शुरुआत में सेना और पुलिस की गाड़ियों में ईंधन के रूपमें प्रयोग होगा। उन्होंने कहा कि पीएनजी बर्नर की शुरुआत सीएसआईआर में ही हुई है, जिससे 20 से 25 फीसदी नेचुरल गैस को वेस्ट होने से बचाया गया है। उन्होंने कहा कि यह गर्व की बात है कि इस वर्ष गणतंत्र दिवस पर वायुसेना के जेट ने आईआईपी देहरादून में तैयार बायोफ्यूल पर उड़ान भरी। उन्होंने आईआईपी देहरादून के कैंपस में रिसर्च और रिटेल रिन्यूएबल रिसोर्स पार्क को विकसित करने की घोषणा की, जिससे स्थानीय लोगों को रिन्यूएबल डीजल, पेट्रोल और नेचुरल गैस मिलेगी, इस पार्क में बायोफ्यूल हाइब्रिड चार्जिंग स्टेशन भी लगाया जाएगा।