स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम
Friday 30 August 2019 05:46:41 PM
कोच्चि/ नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज राजधानी नई दिल्ली से वीडियो कॉफ्रेंसिंग के माध्यम से कोच्चि में मलयालय मनोरमा कॉन्क्लेव 2019 को सम्बोधित किया। प्रधानमंत्री ने केरल के लोगों को और अधिक जागरुक बनाने और भारत के स्वतंत्रता आंदोलन में समर्थनकारी भूमिका के लिए मलयालय मनोरमा के योगदान की प्रशंसा की। सम्मेलन का विषय ‘नया भारत’ के बारे में प्रधानमंत्री ने कहा कि नए भारत के मूल में व्यक्तिगत आकांक्षाएं, सामूहिक प्रयास और राष्ट्रीय प्रगति के लिए स्वामित्व की भावना है। उन्होंने कहा कि नया भारत भागीदारी मूलक लोकतंत्र, नागरिक केंद्रित सरकार और नागरिकों की सक्रियता के बारे में है। उन्होंने कहा कि नया भारत उत्तरदायी जनता और उत्तरदायी सरकार का युग है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि नए भारत की भावना नए क्षेत्रों में दिखाई दे रही है, चाहे खेल हो या स्टार्टअप। उन्होंने कहा कि छोटे शहरों और गांवों के साहसी युवा अपनी आकांक्षाओं को उत्कृष्टता में बदल रहे हैं और भारत को गौरव प्रदान कर रहे हैं, यह वैसा भारत है, जहां किसी भी व्यक्ति के लिए भ्रष्टाचार विकल्प नहीं है, केवल सक्षमता ही तौर-तरीका है। उन्होंने कहा कि नया भारत प्रत्येक 130 करोड़ भारतीयों की आवाज़ है और मीडिया मंचों के लिए महत्वपूर्ण है कि वह जनता की आवाज़ को सुने। सरकार के कार्यों की चर्चा करते हुए प्रधानमंत्री ने विभिन्न प्रयासों जैसे जीवन की सुगमता, मूल्यों को नियंत्रित रखना, पांच वर्ष में 1.25 करोड़ मकान बनाना, सभी गांवों का विद्युतीकरण, प्रत्येक परिवार को पेयजल उपलब्ध कराना और स्वास्थ्य तथा शिक्षा के आधारभूत ढांचे में सुधार का जिक्र किया। उन्होंने बताया कि 36 करोड़ बैंक खाते खोले गए हैं, छोटे उद्यमियों को 20 करोड़ ऋण दिए गए हैं, आठ करोड़ से अधिक गैस कनेक्शन से धुआं रहित रसोई सुनिश्चित हुई है और सड़क बनाने की गति दोगुनी हुई है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत में भावना किस तरह बदली है, इसका उल्लेख सिर्फ दो शब्दों में किया जा सकता है, पांच वर्ष पहले लोग पूछते थे कि क्या हम कर पाएंगे? क्या हम गंदगी से कभी मुक्त होंगे? क्या हम नीतिगत निर्बलता समाप्त कर पायेंगे? क्या हम कभी भ्रष्टाचार मिटा पायेंगे? आज लोग कह रहे हैं कि हम करेंगे, हम स्वच्छ भारत होंगे, हम भ्रष्टाचारमुक्तराष्ट्र होंगे, हम सुशासन को जनांदोलन बनाएंगे। उन्होंने कहा कि पहले ‘करेंगे’ शब्द निराशावादी संदेश देता था, अब यही शब्द युवा राष्ट्र की आशावादी भावना को व्यक्त करता है। प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार नया भारत बनाने के लिए समग्र रूपसे कार्य कर रही है। इस संदर्भ में उन्होंने गरीब लोगों के लिए 1.5 करोड़ मकान बनाने में सरकार के दृष्टिकोण का जिक्र किया। प्रधानमंत्री ने कहा कि एक समग्र दृष्टिकोण अपनाया गया है, अधिक सुविधा दी गई है, अधिक मूल्य प्रदान किए गए हैं, कम समय में सुविधा दी गई है और सुविधा प्रदान करने में किसी तरह का अतिरिक्त खर्च नहीं हुआ है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि लोगों की जरूरतों को सुना गया है, स्थानीय कारीगरों को शामिल किया गया है और टेक्नालॉजी को इस योजना का महत्वपूर्ण अंग बनाया गया है। प्रधानमंत्री ने कहा कि नए भारत के हमारे विजन में न केवल देश में रहने वाले लोगों को शामिल किया गया है, बल्कि विदेश में रहने वाले भारतीयों को भी शामिल किया गया है, भारत की आर्थिक प्रगति में योगदान करने वाले भारतवंशी हमारे लिए गौरव हैं। प्रधानमंत्री ने अपनी हाल की बहरीन यात्रा का जिक्र करते हुए कहा कि उन्हें बहरीन की यात्रा करने वाले प्रथम भारतीय प्रधानमंत्री बनने का गौरव प्राप्तहुआ है। उन्होंने बताया कि उनकी यात्रा का प्रमुख आकर्षण वहां की जेलों में बंद 250 भारतीय लोगों को क्षमादान करने का शाही परिवार का निर्णय है। प्रधानमंत्री ने संयुक्त अरब अमीरात में रुपे कार्ड लॉंच किए जाने का जिक्र किया और कहा कि इससे खाड़ी में काम करने वाले लाखों लोगों को लाभ होगा, जो पैसा स्वदेश भेजते हैं।
प्रधामनंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वच्छ भारत, प्लास्टिक के एकल उपयोग को समाप्त करने, जल संरक्षण, फिट इंडिया तथा प्रमुख आंदोलनों में मीडिया की सार्थक भूमिका का उल्लेख किया। भारत को एकता सूत्र में बांधने में भाषा की शक्ति के बारे में प्रधामनंत्री ने मीडिया से विभिन्न भाषा-भाषी लोगों को एकसाथ लाने में सेतू की भूमिका निभाने का आग्रह किया। उन्होंने सुझाव दिया कि मीडिया एक शब्द को 10-12 भाषाओं में प्रकाशित कर सकता है, एक बार व्यक्ति दूसरी भारतीय भाषा सीख ले तो वह समान सूत्र को जान लेगा और भारतीय संस्कृति की एकात्मता की सराहना करेगा। प्रधामनंत्री ने कहा कि हमारे पूर्वजों के सपनों को पूरा करना हमारा कर्तव्य है और हमारे द्वारा बनाया गया भारत पूर्वजों को गौरवांवित करेगा।