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Wednesday 4 September 2019 02:30:04 PM
नई दिल्ली। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने जम्मू-कश्मीर के विभिन्न जिलों के सरपंचों, फल उत्पादकों, व्यापारियों, आढ़तियों और फल उत्पादक एसोसिएशन के सदस्यों से मुलाक़ात की। वर्ष 1947 के दौरान कश्मीरी विस्थापितों के प्रतिनिधिमंडल से भी गृहमंत्री मिले। प्रतिनिधिमंडलों के सदस्यों ने उन्हें जम्मू-कश्मीर से अलगाववादी धारा 370 हटाने वाले साहसिक कदम के लिए बधाई दी। अमित शाह ने भी उनसे कहा कि धारा 370 हटने के बाद जम्मू-कश्मीर में संविधान के 73वें व 74वें संशोधन एक्ट लागू हैं, जिससे राज्य में लोकतांत्रिक व्यवस्था मजबूत रहेगी।
केंद्रीय गृहमंत्री ने जम्मू-कश्मीर के सरपंचों से कहा कि वे ही अब जम्मू-कश्मीर के असली नेता हैं और उन्हें जम्मू-कश्मीर की लोककल्याणकारी और सुरक्षा व्यवस्थाओं को वहां के लोगों तक ले जाना है। उनका कहना था कि जम्मू-कश्मीर में अब गांवों की हुकूमत गांवों के पास आ गई है, इसलिए ग्रामीण विकास से संबंधित सभी कार्य सरपंचों को करने हैं। सरपंचों के कश्मीर में मोबाइल कनेक्टिविटी बहाल करने के विषय पर गृहमंत्री ने उम्मीद जताई कि आनेवाले दिनों में बहुत जल्द मोबाइल कनेक्टिविटी बहाल हो जाएगी। गृहमंत्री ने कहा कि भारत सरकार की 85 योजनाएं हैं, जिन्हें जम्मू-कश्मीर में हर गांव तक पहुंचाना है। उन्होंने विशेष रूपसे वृद्धावस्था पेंशन योजना, विधवा सहायता योजना, मातृत्व सहयोग योजना का उल्लेख किया।
गृहमंत्री अमित शाह ने जम्मू-कश्मीर के सरपंचों से कहा कि अब उनका दायित्व है कि वे इन कल्याणकारी योजनाओं को लागू करने की प्रक्रिया पूर्ण करने में गांव के लोगों की मदद करें। गृहमंत्री ने कहा कि बहुत शीघ्र विभिन्न सरकारी सेवाओं में भर्ती शुरु की जाएंगी और यह सुनिश्चित किया जाएगा कि बिना किसी सिफारिश के हर गांव से कम से कम 5 लोगों को सरकारी नौकरी मिले। जम्मू-कश्मीर के फल उत्पादकों ने फसल बर्बाद होने और उत्पाद की उचित कीमत न मिलने पर चिंता जताई, जिसपर गृहमंत्री ने कहा कि इस संबंध में संबंधित संस्थानों से चर्चा की जा रही है, ताकि छोटे से छोटे किसान से भी फसल की खरीद की जा सके, इस संदर्भ में भारत सरकार की सभी योजनाओं जैसे फसल बीमा योजना, किसान बीमा योजना का लाभ अब जम्मू-कश्मीर के किसानों को भी मिलेगा। अमित शाह ने स्पष्ट रूपसे कहा कि स्थितियां सामान्य होते ही जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा दे दिया जाएगा, जम्मू-कश्मीर के लोग इसके विपरीत किसी भी प्रकार के दुष्प्रचार पर विश्वास न करें। गृहमंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि कोई भी जमीन किसी से जबरन नहीं ली जाएगी तथा सरकारी जमीन पर उद्योग लगाए जाएंगे, अस्पताल तथा शिक्षण संस्थान खोले जाएंगे, जिनका फायदा जम्मू-कश्मीर की जनता को ही होगा। अमित शाह ने कहा कि उद्योग लगने से रोज़गार के नए अवसर खुलेंगे तथा राज्य को विभिन्न प्रकार के टैक्सों के रूपमें आय होगी, जिससे वहां की जनता लाभांवित होगी।
अमित शाह ने कहा कि अब हमें माहौल बदलना है, जिससे जम्मू-कश्मीर के सभी नागरिकों को देश के साथ मुख्यधारा में जोड़ा जा सके। उन्होंने संभावना व्यक्त की कि बहुत जल्द ब्लॉक स्तर के चुनाव की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी। अमित शाह ने प्रतिनिधियों से कहा कि हमारी लड़ाई आतंकवादियों और आतंकवाद से है और आपकी लड़ाई भी उन्हीं से है, इसीलिए जम्मू-कश्मीर में माहौल को शीघ्र से शीघ्र सामान्य बनाया जाए जिससे वहां की जनता को लाभ मिल सके। अमित शाह ने 1947 के दौरान के उन विस्थापितों के प्रतिनिधिमंडल से बातचीत की, जो शुरुआत में भारत के विभिन्न राज्यों में रजिस्टर हुए थे, पर बाद में ये परिवार जम्मू-कश्मीर में आकर बस गए। अमित शाह ने उन्हें विश्वास दिलाया कि जिस योजना के तहत जम्मू-कश्मीर में रजिस्टर विस्थापित परिवारों को वित्तीय सहायता दी जा रही है, उसमें ऐसे छूटे हुए विस्थापित परिवारों को भी शामिल करने पर विचार किया जा रहा है।