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Friday 6 September 2019 03:23:06 PM
नई दिल्ली। केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो यानी सीबीआई के 'साइबर अपराध जांच और न्यायिक विज्ञान' विषय पर प्रथम राष्ट्रीय सम्मेलन को संबोधित करते हुए केंद्रीय राज्यमंत्री डॉ जितेंद्र सिंह ने कहा है कि सीबीआई को पिछले वर्षों में अत्यधिक विश्वसनीयता मिली है और यह अपराधों की जांच के लिए एक विश्वसनीय मानक बन गया है। डॉ जितेंद्र सिंह ने देश में अपने तरह के पहले राष्ट्रीय सम्मेलन के लिए सीबीआई को बधाई दी और सीबीआई की सराहना करते हुए कहा कि देश के अधिकांश हिस्सों और दूरस्थ क्षेत्रों के लोग सीबीआई के क्रियाकलाप में विश्वास करते हैं। डॉ जितेंद्र सिंह ने कहा कि भारत अभी भी एक राष्ट्र के रूपमें विकसित हो रहा है और सीबीआई जैसे संगठनों ने भारतीय लोकतंत्र के प्रति विश्वसनीयता बढ़ाने में मदद की है।
केंद्रीय राज्यमंत्री डॉ जितेंद्र सिंह ने कहा कि समाज के विकास के साथ अपराध की प्रकृति में भी बदलाव आता है, जिससे जांच एजेंसियों के लिए अपनी तकनीकों को विकसित करना अनिवार्य हो जाता है। उन्होंने कहा कि पिछले वर्षों में अपराध के पूरे परिदृश्य में बदलाव आया है। उन्होंने कहा कि साइबर अपराध का अध्ययन करना भारत के लिए महत्वपूर्ण है और अध्ययन के दौरान भारत की विशाल जनसंख्या को ध्यान में रखने के साथ-साथ इस बात को भी ध्यान में रखना चाहिए कि विश्वभर में इंटरनेट उपभोक्ता की संख्या के मामले में भारत का दूसरा स्थान है। डॉ जितेंद्र सिंह ने देश में हाल के बदलाव की चर्चा करते हुए कहा कि हम अनुच्छेद 370 की समाप्ति के बाद के परिदृश्य में हैं। उन्होंने इस बात पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि साइबर अपराधी सोशल मीडिया पर फर्जी वीडियो डालकर राष्ट्र के लिए खतरा उत्पन्न करते हैं, जिसका समाधान करना जरूरी है। उन्होंने कहा कि आतंकवाद के विरुद्ध संघर्ष में हमारी स्पष्टता पर सरकार जोर दे रही है और इसके बारे में निर्णायक कार्रवाई की गई है।
डॉ जितेंद्र सिंह ने कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार ने प्रौद्येागिकी के मन-मुताबिक इस्तेमाल पर जोर दिया है। उन्होंने डिजिटल इंडिया, जेइएम, आधार और जनधन योजना का उदाहरण दिया। उन्होंने कहा कि कंप्यूटर प्रौद्योगिकी देश के अधिकांश परिवारों में पहुंच चुकी है। डॉ जितेंद्र सिंह ने घोषणा करते हुए कहा कि सीबीआई में 99 करोड़ रुपये की लागत से एक केंद्रीकृत प्रौद्योगिकी वर्टिकल स्थापित किया जाएगा, जो अगले वर्ष से काम करने लगेगा। उन्होंने कहा कि जांचकर्ताओं के फायदे के लिए तत्काल विवरण प्राप्त करने में इससे मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि साइबर अपराध से निपटने का काम केवल सीबीआई पर नहीं छोड़ा जा सकता। उन्होंने गैर सरकारी संगठनों और कार्यकर्ताओं की भूमिका पर जोर देते हुए कहा कि वे लोगों की सोच में बदलाव लाकर साइबर अपराध को रोकने के लिए आगे आएं।
सीबीआई के निदेशक आरके शुक्ला ने कहा कि यह सम्मेलन राज्य की पुलिस और प्रवर्तन एजेंसियों के लिए उनकी श्रेष्ठ परंपराओं को साझा करने तथा उन्हें अपनाने के क्रम में एक मंच है। उन्होंने कहा कि फिलहाल विश्वभर में साइबर अपराध की घटनाएं हो रही हैं और जमीनी स्तरपर कार्यरत एजेंसियों के लिए अनुभव बढ़ाने में यह सम्मेलन मददगार साबित होगा। राज्य और केंद्रशासित पुलिस के साइबर अपराध से निपटने वाले पुलिस महानिदेशकों, अपर पुलिस महानिदेशकों, पुलिस महानिरीक्षकों, पुलिस उपमहानिरीक्षकों और पुलिस अधीक्षकों सहित केंद्रीय एजेंसियों, गृह मंत्रालय, इलेक्ट्रिोनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय, अन्य मंत्रालयों, कानून प्रवर्तन एजेंसियों और शिक्षाजगत के लगभग 50 अधिकारियों ने सम्मेलन में भाग लिया।