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Saturday 7 September 2019 05:58:03 PM
नई दिल्ली। हिंदी कथाकार और सेना में कर्नल रहे मुकुल जोशी ने हिंदू कालेज दिल्ली के राष्ट्रीय कैडेट कोर के छात्रों से कहा है कि वे अपने भीतर लक्ष्य तय करें और उन्हें अपने भीतर हौसला और साहस उत्पन्न करना चाहिए। उन्होंने अपने सफल कैरियर के अनुभवों के साथ कहा कि अपनी प्रकृति और रुचि के अनुकूल लक्ष्य तय करके वे न केवल अपने कैरियर बल्कि देश और समाज के लिए भी सार्थक कार्य कर सकते हैं। कर्नल मुकुल जोशी ने कहा कि पाश की पंक्तियां सदैव प्रेरक बनी रहेंगी जिनमें वे कहते हैं कि सबसे ख़तरनाक होता है हमारे सपनों का मर जाना। मुकुल जोशी ने कहा कि युवाओं को देश और समाज के लिए स्वप्नदृष्टा होना होगा, हम बड़े सपने देखें और उन्हें पूरा करने के लिए संकल्पबद्ध हों।
हिंदू कालेज के इब्तिदा लॉन में राष्ट्रीय कैडेट कोर के विद्यार्थियों ने बड़ी एकाग्रता के साथ उनके सैन्यजीवन के अनुभवों को ग्रहण किया। राष्ट्रीय कैडेट कोर के अधिकारी और सब लेफ्टिनेंट डॉ हरींद्र कुमार ने कर्नल मुकुल जोशी का स्वागत किया और साथ ही अपने उद्बोधन में हिंदू कालेज में एनसीसी की गतिविधियों एवं उपलब्धियों की चर्चा की। डॉ हरींद्र कुमार ने कहा कि कर्नल मुकुल जोशी में सेना और साहित्य का दुर्लभ संगम है, उन्होंने युद्ध के मोर्चे पर और साहित्य के संसार में एक साथ सार्थक योगदान दिया है। गौरतलब है कि कर्नल जोशी हिंदी कथा जगत में एक जानामाना नाम हैं और वे अक्सर अपने उद्बोधन में युवाओं को सफलता की प्रेरणाएं देते पाए जाते हैं।
हिंदी विभाग के अध्यापक डॉ पल्लव ने कहा कि सैन्यजीवन के प्रामाणिक अनुभवों के जीवंत चित्रण के लिए कर्नल जोशी की कहानियों को जाना जाता है। डॉ पल्लव ने उनके कहानी संग्रह 'मैं यहां कुशल से हूं' की चर्चा करते हुए कहा कि कारगिल युद्ध और सीमा के कठिन सैन्यजीवन के दुर्लभ चित्र इस कहानी संग्रह में हैं। उन्होंने कहा कि मुकुल जोशी की कहानियों में पहाड़ के जीवन की विसंगतियों के मार्मिक अनुभव हैं, जो उन्हें स्तरीय कथाकार बनाते हैं। चित्तौड़गढ़ के सैनिक स्कूल के प्रधानाचार्य के रूपमें कर्नल जोशी के योगदान को भी डॉ पल्लव ने रेखांकित किया। कालेज के सीनियर कैडेट आयुष सैनी ने आभार प्रदर्शित किया।