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Tuesday 10 September 2019 04:02:00 PM
मैसूर। केंद्र सरकार की नवीनतम सेवा इंडियन स्किल डेवलपमेंट सर्विसेज यानी आईएसडीएस के पहले बैच ने मैसूर में प्रशासनिक प्रशिक्षण संस्थान में प्रशिक्षण कार्यक्रम की शुरुआत की। यह सेवा विशेष रूपसे कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय के प्रशिक्षण निदेशालय के लिए बनाई गई है। यह ग्रुप 'ए' सेवा है। आईएसडीएस कैडर में शामिल हुआ यह पहला बैच यूपीएससी के आयोजित भारतीय इंजीनियरिंग सेवा परीक्षा के जरिये आया है। देश में कौशल विकास पारिस्थितिकी तंत्र को मजबूत करने के लिए आईएसडीएस अधिकारियों के रूपमें प्रशासकों को शामिल करना कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय यानी एमएसडीई और सरकार की समग्र रूपसे की गई विशेष पहलों में से एक है। यह एमएसडीई में शामिल होने वाले भारतीय इंजीनियरिंग सेवा के अधिकारियों का पहला बैच है। इसका उद्देश्य देश में कौशल विकास के माहौल को संस्थागत बनाने की दिशा में युवाओं और प्रतिभाशाली प्रशासकों को आकर्षित करना है।
कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्री डॉ महेंद्रनाथ पांडेय ने इस अवसर पर बुनियादी पाठ्यक्रम की शुरुआत की और कहा कि यह सेवा दक्षता में उल्लेखनीय सुधार और विभिन्न योजनाओं के प्रभावी कार्यांवयन से सरकार की कौशल पहल को नई गति देगी। उन्होंने कहा कि आनेवाले वर्ष में यह मंत्रालय प्रशिक्षित कौशल प्रशासकों का एक कार्यबल बनाने में सक्षम होगा, जो हमें स्किल इंडिया मिशन के निर्धारित लक्ष्यों को प्राप्त करने में सक्षम बनाएंगे। उन्होंने कहा कि भारतीयों को कुशल बनाने की बड़ी चुनौती का सामना करने के लिए प्रशासनिक प्रशिक्षण सर्वश्रेष्ठ है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नेतृत्व में कौशल विकास को इस उम्मीद के साथ प्राथमिकता दी गई है कि यह न केवल भारत, बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी महत्वपूर्ण मानव संसाधन की आपूर्ति करेगा। उन्होंने कहा कि आईएसडीएस सेवाएं कौशल, प्रौद्योगिकी, प्रबंधन एवं सार्वजनिक सेवा का एक अनूठा संयोजन हैं। इंडियन स्किल डेवलपमेंट सर्विसेज के लिए पूरे देश में 263 पद हैं। इस कैडर में वरिष्ठ प्रशासनिक ग्रेड में 3 पद, जूनियर प्रशासनिक ग्रेड में 28 पद, सीनियर टाइम स्केल में 120 पद और जूनियर टाइम स्केल पर 112 पद हैं।
डीजीटी के महानिदेशक राजेश अग्रवाल ने कहा कि उन्हें नवीनतम सेवा इंडियन स्किल डेवलपमेंट सर्विसेज के अधिकारियों से आशा है कि वे अपने हुनर और नए विचारों से कौशल पारिस्थितिकी तंत्र को मजबूती देने के लिए कारगर और रचनात्मक बदलाव लाएंगे। राजेश अग्रवाल ने बताया कि प्रशिक्षण कार्यक्रम के तहत विशेष रूपसे कौशल प्रबंधन एवं प्रशासन और सरकारी प्रणाली के कामकाज को लेकर एक पूर्ण विवरण दिया जाएगा, इसके बाद बुनियादी पाठ्यक्रम होगा और फिर अधिकारियों को कौशल पारिस्थितिकी तंत्र को चलाने के लिए आवश्यक ज्ञान एवं कौशल से समृद्ध करने की खातिर आगे का प्रशिक्षण दिया जाएगा।