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Wednesday 11 September 2019 04:51:59 PM
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रधान सचिव के रूपमें डॉ प्रमोद कुमार मिश्रा आईएएस की पदस्थापना हो गई है। उन्होंने नृपेंद्र मिश्र का स्थान लिया है। ओडिशा के संबलपुर में जन्मे प्रमोद कुमार मिश्रा ग़ुजरात काडर के आईएएस हैं। पीके मिश्रा को इसके पहले की सरकार में मिशन क्लीन गंगा का प्रभार दिया गया था। वह 2001 से 2004 तक गुजरात में तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी के भी प्रमुख सचिव और उसके बाद वहां के मुख्य सचिव रह चुके हैं। उनकी शानदार कार्यशैली उन्हें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बहुत करीब लाई है।
डॉ पीके मिश्रा को कृषि, आपदा प्रबंधन, ऊर्जा क्षेत्र, ढांचागत संरचना, वित्तीय प्रबंधन और नियामक मामलों से संबंधित कार्यक्रमों के प्रबंधन का लंबा अनुभव है। उनका नीति निर्माण कार्यक्रम और अनुसंधान, परियोजना प्रबंधन और प्रकाशन में शानदार प्रदर्शन रहा है। उन्हें प्रशासन का लंबा अनुभव तो है ही। डॉ पीके मिश्रा प्रधानमंत्री के अपर मुख्य सचिव, कृषि व सहयोग के सचिव और राज्य विद्युत नियामक आयोग के चेयरमैन के पदों पर कार्य कर चुके हैं। कृषि और सहयोग सचिव के रूपमें उन्होंने राष्ट्रीय कृषि विकास कार्यक्रम और राष्ट्रीय सुरक्षा मिशन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
प्रधानमंत्री के अपर मुख्य सचिव के रूपमें वर्ष 2014-19 के दौरान डॉ पीके मिश्रा को वरिष्ठ पदों पर नियुक्तियों समेत मानव संसाधन प्रबंधन में नवाचार और बदलाव का श्रेय दिया जाता है। उन्होंने इंस्टीट्यूट ऑफ डेवलपमेंट स्टडीज़ यूके में चार वर्ष तक अनुसंधान और शिक्षा संबंधी कार्य किए हैं। उन्होंने परियोजनाओं के लिए एडीबी और विश्वबैंक के साथ विचार-विमर्श किया एवं इंटरनेशनल क्रॉप रिसर्च इंस्टीट्यूट फॉर सेमी-एरिड ट्रोपिक्स के प्रशासनिक परिषद के सदस्य हुए। पीके मिश्रा ने विभिन्न अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलनों में विशेषज्ञ के रूपमें भाग लिया है। हाल ही में उनको संयुक्तराष्ट्र सासाकावा पुरस्कार-2019 से सम्मानित भी किया जा चुका है। आपदा प्रबंधन में यह सबसे प्रतिष्ठित अंतर्राष्ट्रीय सम्मान है। डॉ पीके मिश्रा ने यूनिवर्सिटी ऑफ ससेक्स से अर्थशास्त्र में पीएचडी तथा विकास अर्थशास्त्र में एमए की डिग्री हासिल की है। वे दिल्ली स्कूल ऑफ इकॉनोमिक्स से अर्थशास्त्र में एमए हैं।
डॉ पीके मिश्रा 1970 में जीएम कॉलेज संबलपुर विश्वविद्यालय से प्रथम श्रेणी में बीए ऑनर्स अर्थशास्त्र की परीक्षा पास हैं। ओडिशा के सभी विश्वविद्यालयों में अर्थशास्त्र में प्रथम श्रेणी हासिल करने वाले वे एकमात्र छात्र थे। उनके कई लेख और पुस्तकें भी प्रकाशित हुई हैं जैसे-द कच्छ अर्थक्वेक 2001 : रिकलेक्शन लेसंस एंड इनसाइट्स, नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ डिजास्टर मैनेजमेंट नई दिल्ली भारत (2004)। एग्रीकल्चरल रिस्क, इंश्योरेंस एंड इनकम : ए स्टडी ऑफ द इम्पैक्ट एंड डिजाइन ऑफ इंडियाज काम्प्रिहेंसिव क्रॉप इंश्योरेंस स्कीम एवेबरी एल्डरशॉट यूके (1996)। संपादन-डेवलपमेंट एंड ऑपरेशन ऑफ एग्रीकल्चरल इंश्योरेंस स्कीम्स इन एशिया, एशियन प्रोडक्टिविटी ऑर्गनाइजेशन टोक्यो जापान (1999)। कई अंतरराष्ट्रीय पत्रिकाओं में भी उनके लेख और समीक्षाएं प्रकाशित हुई हैं।
इनके साथ पीके सिन्हा को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का प्रधान सलाहकार नियुक्त किया गया है। वे फिलहाल प्रधानमंत्री कार्यालय में विशेष कार्याधिकारी के रूपमें कार्यरत हैं। पीके सिन्हा ने 13 जून 2015 से 30 अगस्त 2019 तक मंत्रिमंडल सचिव के रूपमें कार्य किया था। वे उत्तर प्रदेश काडर के 1977 बैच के भारतीय प्राशसनिक सेवा के अधिकारी हैं। अपने शानदार करियर के दौरान पीके सिन्हा ने विद्युत और जहाजरानी मंत्रालयों में सचिव के रूपमें सेवाएं दी हैं। उन्होंने पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय में विशेष सचिव के रूपमें काम किया है। दिल्ली विश्वविद्यालय के सेंट स्टीफंस कॉलेज से अर्थशास्त्र में स्नातक और इसके बाद दिल्ली स्कूल ऑफ इकनॉमिक्स से अर्थशास्त्र में स्नातकोत्तर पीके सिन्हा ने लोक प्रशासन में स्नातकोत्तर डिप्लोमा और सामाजिक विज्ञान में एमफिल किया हुआ है। भारतीय प्राशसनिक सेवा के अपने लम्बे कार्यकाल के दौरान पीके सिन्हा ने उत्तर प्रदेश राज्य सरकार के साथ-साथ केंद्र सरकार के विभिन्न पदों पर विशिष्टतापूर्वक काम किया है।