स्वतंत्र आवाज़
word map

व्‍यापार नीति पर उद्योगजगत से विचार-विमर्श

सरकार भ्रष्‍टाचार मुक्‍त माहौल केलिए प्रतिबद्ध-वाणिज्‍य मंत्री

हितधारकों को नियामक दस्‍तावेजों के प्रति जागरुक किया

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Thursday 12 September 2019 03:55:16 PM

consultation with industry on trade policy

नई दिल्‍ली। केंद्रीय वाणिज्‍य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने घरेलू उद्योगों, विनिर्माताओं, विभिन्‍न क्षेत्रों के परिसंघों के प्रतिनिधियों और उपयोगकर्ताओं के साथ प्रभावी व्यापार नीति के लिए नियामक दस्‍तावेजों पर विचार-विमर्श किया। पीयूष गोयल ने कहा कि उद्योग को अधिक प्रतिस्‍पर्धी बनाने के लिए भारत न्‍यायसंगत तरीके से टैरिफ और गैर-टैरिफ उपाय करेगा। पीयूष गोयल ने कहा कि उद्योग और डीपीआईआईटी विभाग घरेलू उद्योग और उपभोक्‍ताओं के हितों को संतुलित रखेगा। उन्होंने कहा कि डीजीटीआर कार्यालय को अधिक सक्षम बनाया जा रहा है। पीयूष गोयल ने कहा कि निर्यातकों को वाणिज्‍य एवं उद्योग मंत्रालय के सचिव के पास शिकायत भेजनी चाहिए, सरकार अपने सभी मंत्रालयों तथा विभागों में भ्रष्‍टाचार मुक्‍त माहौल बनाने के लिए प्रतिबद्ध है।
अपर सचिव तथा व्‍यापार समाधान के महानिदेशक ने कहा कि व्‍यापार समाधान निदेशालय का हेल्‍पडेस्‍क सशक्‍त बनाया गया है, जो एमएसएमई, घरेलू उत्‍पादकों और उद्योगजगत को सहायता प्रदान करेगा। इसका हेल्‍पलाइन नंबर-1800111808 और ईमेल helpdesk.dgtr@gov.in है। इस बैठक का उद्देश्‍य सभी हितधारकों को नियामक दस्‍तावेजों के प्रति जागरुकता बढ़ाना है और एक ऐसा मंच उपलब्‍ध कराना है, जहां घरेलू उद्योगजगत की समस्‍याओं का उचित समाधान निकाला जा सके। बैठक में टैरिफ और गैर-टैरिफ उपायों एवं उद्योग समाधान उपायों जैसे उद्योग नीति दस्‍तावेजों के बेहतर उपयोग पर चर्चा की गई। बैठक में अन्‍य देशों में लागू नीतियों पर भी चर्चा हुई। इस संदर्भ में यह पाया गया कि विकसित देश टैरिफ उपायों की तुलना में गैर-टैरिफ उपायों का अधिक उपयोग करते हैं। वर्ष 2017-18 की तुलना में 2018-19 के दौरान निर्यात से अधिक आयात हुआ है। स्‍पष्‍ट है कि निर्यात को तेज़गति से बढ़ाने की जरूरत है।
बैठक में पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय, कोयला, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय, कृषि सहयोग और किसान कल्याण मंत्रालय तथा खान, कपड़ा, नई और नवीकरणीय ऊर्जा, नागरिक उड्डयन, इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी, इस्पात, शिपिंग, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण, खाद्य प्रसंस्करण उद्योग, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम, पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन,दूरसंचार, उर्वरक, भारी उद्योग, उद्योग व आंतरिक व्यापार संवर्धन, रसायन और पेट्रो रसायन, औषधि, पशुपालन एवं डेयरी और मत्स्य पालन मंत्रालयों के वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया। बैठक में केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग राज्यमंत्री हरदीप सिंह पुरी और सोमप्रकाश भी उपस्थित थे।

हिन्दी या अंग्रेजी [भाषा बदलने के लिए प्रेस F12]