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Thursday 12 September 2019 05:10:54 PM
नई दिल्ली। केंद्रीय पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास, प्रधानमंत्री कार्यालय, कार्मिक, लोक शिकायत, पेंशन, परमाणु ऊर्जा एवं अंतरिक्ष मंत्रालय में राज्यमंत्री डॉ जितेंद्र सिंह से आज नई दिल्ली में जम्मू-कश्मीर के सरपंचों ने मुलाकात की। जम्मू-कश्मीर के डोडा जिले के दूरस्थ गंदोह तहसील से आए 16 सरपंच इनमें शामिल थे। डॉ जितेंद्र सिंह ने सरपंचों से बातचीत करते हुए कहा कि अनुच्छेद 370 के निरस्तीकरण के बाद उनको स्वायत्तता दी गई है और इस प्रकार वे अब ज्यादा सशक्त हुए हैं। राज्यमंत्री ने कहा कि इससे राज्य के जमीनी स्तर के नेताओं का मनोबल बढ़ा है। डॉ जितेंद्र सिंह ने कहा कि अब केंद्र सरकार के अनुदान सीधे तौरपर पंचायतों तक पहुंचेंगे, जिससे उनका और जम्मू-कश्मीर का संपूर्ण विकास होगा।
राज्यमंत्री डॉ जितेंद्र सिंह ने कहा कि सरपंच जम्मू-कश्मीर के दूरस्थ क्षेत्रों से निर्वाचित नेता हैं और इन क्षेत्रों के विकास के निर्णयों के बारे में उनके विचारों का अत्यधिक महत्व है। उन्होंने कहा कि केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने भी हाल में वहां की स्थिति के बारे में उनसे विचार-विमर्श किया था। उन्होंने कहा कि कुछ निहित हितों से जुड़े लोगों ने सरकार के निर्णय के बारे में गलत जानकारी फैलाने की कोशिश की है। उन्होंने कहा कि वास्तविक स्थिति को समझने में ये नेता सरकार के लिए मददगार हैं। डॉ जितेंद्र सिंह से बातचीत करते हुए सरपंचों ने कहा कि वे सरकार के निर्णय के साथ खड़े हैं। उन्होंने बताया कि वे स्वायत्तता और वित्तीय शक्तियों के बल पर अब अधिक सशक्त महसूस करते हैं।
सरपंचों ने कहा कि प्रत्यक्ष वित्तीय शक्तियों से वे जम्मू-कश्मीर के लोगों के फायदे के लिए निर्णय लेने में समर्थ होंगे। उन्होंने कहा कि इससे अन्य क्षेत्रों के साथ-साथ स्वास्थ्य एवं शिक्षा के क्षेत्रों में मदद मिलेगी। डॉ जितेंद्र सिंह ने कहा कि सरकार नियमित रूपसे जम्मू-कश्मीर से संबंधित विभिन्न समूहों के साथ बातचीत कर रही है। उन्होंने कहा कि छात्रों एवं नेताओं सहित विभिन्न समूहों के साथ बैठकें आयोजित की जा रही हैं। उन्होंने सरपंचों को आश्वासन देते हुए कहा कि सरकार जम्मू-कश्मीर के लोगों के विकास के लिए प्रतिबद्ध है और उसे सुनिश्चित करने के लिए सभी प्रयास भी कर रही है।