स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम
Friday 13 September 2019 01:08:37 PM
नई दिल्ली। पुलिस अनुसंधान और विकास ब्यूरो ने 'जेलों में आपराधिक गतिविधियां और कट्टरता : कैदियों एवं जेल कर्मचारियों की असुरक्षा और उनका संरक्षण' विषय पर दो दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन किया, जिसका उद्घाटन बीपीआरएंडडी मुख्यालय में केंद्रीय गृह राज्यमंत्री जी किशन रेड्डी ने किया। उन्होंने गृह मंत्रालय, सीएपीएफ और राज्य पुलिस के सेवारत एवं सेवानिवृत्त अधिकारियों, शिक्षाविदों, सिविल सोसायटी संगठनों के प्रतिनिधियों, जेल अधिकारियों और बीपीआरएंडडी के अधिकारियों एवं कर्मचारियों की उपस्थिति में मुख्य भाषण दिया। गृह राज्यमंत्री ने इस अवसर पर सुधारक सेवाओं के क्षेत्र में विभिन्न चुनौतियों का उल्लेख किया और इसके साथ ही जेल प्रणालियों एवं संबंधित मानव संसाधन को बेहतर बनाने के लिए एक सचेत नीति बनाने की आवश्यकता पर बल दिया।
केंद्रीय गृह राज्यमंत्री ने कहा कि आज़ादी के बाद से ही देश में जेल प्रशासन विभिन्न मंचों पर गहन विचार-विमर्श का विषय रहा है, यहां तक कि देश के उच्चतम न्यायालय ने भी जेलों की स्थितियों पर अपनी चिंता जताई है, अत: जेलों में सुरक्षा सुनिश्चित करने, कैदियों के रहन-सहन का स्तर बेहतर करने और जेलों को एक सुधार केंद्र में तब्दील करने की जरूरत है।जी किशन रेड्डी ने कहा कि जेल की व्यवस्था ऐसी हो जिससे कि कारावास प्रक्रिया के दौरान ज्यादा कष्ट न हो। उन्होंने कैदियों के व्यवहार में सुधार लाने और फिर इसके बाद उनका पुनर्वास करने की जरूरत पर बल दिया। उन्होंने जेल सुधारों से जुड़ी विभिन्न चुनौतियों जैसे कि जेलों में जरूरत से ज्यादा कैदियों को रखे जाने, विचाराधीन कैदियों की अधिक संख्या, जेलों में अपर्याप्त बुनियादी ढांचागत सुविधाएं, जेलों में आपराधिक गतिविधियां एवं कट्टरता, महिला कैदियों एवं उनके बच्चों की सुरक्षा, समुचित जेल प्रशासन के लिए धन एवं स्टाफ की कमी इत्यादि का भी उल्लेख किया।
जी किशन रेड्डी ने जेलों में स्थितियां बेहतर करने के लिए केंद्र सरकार के विभिन्न कदमों का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि इनमें फास्ट-ट्रैक कोर्ट और लोक अदालतों की स्थापना भी शामिल है, जिससे विचाराधीन कैदियों से जुड़े लंबित मामलों में कमी आएगी और इसके परिणामस्वरूप जेल प्रणाली पर कम बोझ पड़ेगा। उन्होंने केंद्र सरकार की ‘जेल आधुनिकीकरण योजना’ का भी जिक्र किया, जिसपर 1800 करोड़ रुपये की लागत आएगी और जिसका उद्देश्य 199 नई जेलें, 1572 अतिरिक्त बैरक एवं जेल कर्मियों के लिए 8568 आवासीय परिसर बनाना है। सम्मेलन में पुलिस अनुसंधान और विकास ब्यूरो के महानिदेशक वीएसके कौमुदी और वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।