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आईटी मंत्री ने किया समुद्री संचार सेवा का शुभारंभ

'नेल्‍को उपलब्‍ध कराएगी समुद्र में गुणवत्तापूर्ण ब्रॉडबैंड सेवाएं'

चोरी हुए मोबाइलों की रिपोर्टिंग के लिए वेबपोर्टल भी शुरु

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Saturday 14 September 2019 06:08:48 PM

it minister launched marine communication service

मुंबई। केंद्रीय संचार, इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी, विधि एवं न्याय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने मुंबई में समुद्री संचार सेवा का शुभारंभ किया और कहा है कि इस संचार सेवा से समुद्र में यात्रा करने वाले मालवाहक और यात्री जहाजों में तीव्रगति की वायस डेटा तथा वी‍डियो सेवा उपलब्‍ध कराई जा सकेगी। उन्होंने कहा कि वीसैट सोल्‍यूशन सेवा प्रदान करने वाली नेल्‍को देश की पहली ऐसी भारतीय कंपनी है, जो समुद्री क्षेत्र में गुणवत्तापूर्ण ब्रॉडबैंड सेवाएं उपलब्‍ध कराएगी। उन्होंने कहा कि वैश्विक भागीदारी के माध्यम से नेल्को, इसरो के उपग्रह पर ट्रांसपोंडर क्षमता सहित और एक व्यापक सेवा मालवाहक और यात्री जहाजों की परिचालन दक्षता बढ़ाने, चालक दल की सुविधाओं में सुधार और ग्राहक सेवाओं को सक्षम बनाने में मदद करेगी।
भारत सरकार ने दिसंबर 2018 में इनफ़्लाइट और मैरीटाइम कम्युनिकेशंस के लिए लाइसेंसों की घोषणा की थी, जिसने जहाजों पर ऑनबोर्ड उपयोगकर्ताओं के लिए न केवल कनेक्टिविटी को सक्षम बनाया, बल्कि जहाजरानी कंपनियों के लिए परिचालन क्षमता बढ़ाने में भी सहायक रहा। आईएफएमसी अंतर्राष्‍ट्रीय और घरेलू विमानों तथा समुद्री जहाजों को यात्रा के दौरान वायस और इंटरनेट सेवाएं देने की अनुमति देता है। आईएफएमसी लाइसेंस दूरसंचार मंत्रालय की एक महत्वपूर्ण पहल है, जो भारत में उपग्रह संचार सेवाओं को उदार बनाने की दिशा में उठाया गया एक बड़ा कदम है। इस अवसर पर नेल्को के प्रबंध निदेशक और सीईओ पीजे नाथ ने कहा कि वे विभिन्न प्रकार के समुद्री जहाजों की जरूरतों को पूरा करने के लिए एकसाथ कई तरह की डिजिटल सेवाएं उपलब्‍ध कराएंगे।
आईटी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने एक वेबपोर्टल भी शुरु किया, जिसपर चोरी किए गए मोबाइलों का पता लगाने के लिए रिपोर्ट दर्ज कराई जा सकती है। उन्होंने कहा कि इंटरनेशनल मोबाइल इक्विपमेंट आइडेंटिटी को मोबाइल फोन डिवाइस की विशिष्ट पहचान माना जाता है। आईटी मंत्री ने कहा कि आईएमईआई नंबर प्रोग्राम करने योग्य है, कुछ शरारती तत्‍व इस नंबर को रिप्रोग्राम करते हैं, जिससे परिणामस्वरूप आईएमईआई की क्लोनिंग हो जाती है और एक ही आईएमईआई नंबर वाले कई फोन डिवाइस हो जाते हैं। उन्होंने कहा कि इस समस्‍या से निपटने के लिए एकीकृत उपकरण पहचान रजिस्टर प्रणाली नाम की परियोजना को सुरक्षा, चोरी और मोबाइल हैंडसेटों की पुनर्संरचना सहित अन्य चिंताओं को दूर करने के लिए दूरसंचार विभाग ने बनाया है।

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