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Wednesday 18 September 2019 03:54:50 PM
नई दिल्ली। रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने कहा है कि भारत की सीमाओं का इतिहास नए सिरे से लिखा जाएगा। रक्षामंत्री ने भारतीय इतिहास अनुसंधान परिषद के अधिकारियों, नेहरू मेमोरियल संग्रहालय और पुस्तकालय, अभिलेखागार महानिदेशालय, गृह मंत्रालय, विदेश मंत्रालय और रक्षा मंत्रालय के अधिकारियों के साथ हुई बैठक में इस संबंध में प्रस्तावित परियोजना को स्वीकृति देते हुए कहा कि नए सिरे से सीमाओं का इतिहास लिखने के इस काम में सीमाओं से जुड़े विभिन्न पहलुओं को समाहित किया जाएगा, इसमें सीमांकन और परिसीमन, बदलाव, सुरक्षाबलों की भूमिका, सीमावर्ती लोगों की भूमिका उनके जीवन केसांस्कृतिक, सामाजिक और आर्थिक स्थितियों को शामिल किया जाएगा।
रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि नए सिरे से सीमाओं के इतिहास लिखने से नागरिकों और विशेष रूपसे अधिकारियों को देश की सीमाओं को बेहतर तरीके से समझने में मदद मिलेगी। राजनाथ सिंह ने इस परियोजना के संबंध में मिले विभिन्न सुझावों का स्वागत किया और अधिकारियों को इसे शीघ्रता से पूरा करने के लिए आवश्यक स्रोत सामग्री, व्यापक संदर्भ, कार्यप्रणाली और कार्ययोजना पर विशेषज्ञों से परामर्श करने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि यह आम लोगों तथा खासतौर से सीमा क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को राष्ट्रीय सीमाओं के प्रति जागरुक बनाने की अपनी तरह की पहली परियोजना है और इसके दो साल के भीतर पूरा हो जाने की उम्मीद है। गौरतलब है कि भारत भौगोलिक दृष्टि से विश्व में छठा सबसे बड़ा और जनसंख्या के दृष्टिकोण से दूसरा सबसे बड़ा देश है। भारत के पश्चिम में पाकिस्तान, उत्तर-पूर्व में चीन, नेपाल और भूटान, पूर्व में बांग्लादेश और म्यांमार है। हिंद महासागर में इसके दक्षिण पश्चिम में मालदीव, दक्षिण में श्रीलंका और दक्षिण-पूर्व में इंडोनेशिया से भारत की सामुद्रिक सीमा लगती है। इसके उत्तर की भौतिक सीमा हिमालय पर्वत से और दक्षिण में हिंद महासागर से लगी हुई है। इसके पूर्व में बंगाल की खाड़ी है तथा पश्चिम में अरब सागर है।