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राष्‍ट्रीय भू-विज्ञान सम्मान प्रदान किए गए

भारत सरकार ने तैयार की राष्ट्रीय खनिज नीति-2019

'सात वर्ष में खनिज उत्पादन 200 प्रतिशत बढ़ाना है'

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Friday 20 September 2019 02:38:27 PM

national geo science honors awarded

नई दिल्ली। केंद्रीय संसदीय कार्य, कोयला और खान मंत्री प्रह्लाद जोशी ने भू-विज्ञान, खनन और संबद्ध क्षेत्रों में उत्कृष्ट योगदान के लिए देश के 22 वैज्ञानिकों को वर्ष 2018 के राष्‍ट्रीय भू-विज्ञान सम्मान प्रदान किए। प्रह्लाद जोशी ने इस अवसर पर कहा कि भू-विज्ञान के क्षेत्र में कार्य करने वाले पेशेवरों और शैक्षणिक संस्थानों के बीच तालमेल को मजबूत बनाना समय की जरूरत है। देश में खनिज संसाधनों की मांग पर प्रकाश डालते हुए प्रह्लाद जोशी ने भू-विज्ञान समुदाय से कम से कम पारिस्थितिकी गड़बड़ी करते हुए गहरे और छिपे खनिज संसाधनों को खोजने के लिए नवाचारी साधनों के साथ आगे बढ़ने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि सरकार ने राष्ट्रीय खनिज नीति 2019 तैयार की है, जिसका उद्देश्य 7 वर्ष में खनिज उत्पादन यानी मूल्य के संदर्भ में 200 प्रतिशत तक बढ़ाना है। उन्‍होंने उम्‍मीद जाहिर की कि जीएसआई के ओर‍बीअस जियोलॉजिकल पोटेंशियल की 27 लाख लाइन किलोमीटर को कवर करने वाले राष्ट्रीय एयरो-जियोफिजिकल मैपिंग कार्यक्रम के पूरा होने के बाद खनिज संभावित क्षेत्रों की पहचान होगी, जिससे खनिज ब्लॉकों की नीलामी की जा सकेगी। वर्तमान सीजन में भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण ने विभिन्न खनिज जिसों के बारे में लगभग 400 खनिज अन्वेषण परियोजनाओं को लागू करके अपनी अन्वेषण गतिविधियां दोगुनी कर ली हैं।
खनन क्षेत्र में किए गए परिवर्तनकारी निवेशक अनुकूल उपायों पर प्रह्लाद जोशी ने कहा कि एमएमडीआर संशोधन अधिनियम-2015 से प्रतिस्पर्धी नीलामी प्रक्रिया और खनिज रियायतें अनुदान में पारदर्शिता आई है और राष्ट्रीय खनिज अन्वेषण ट्रस्ट एवं जिला खनिज प्रतिष्‍ठान इस दिशा में उठाए गए कदम हैं। उन्होंने बताया कि सरकार ने खनन क्षेत्रों में प्रभावित लोगों के लिए दीर्घकालिक स्थायी आजीविका सुनिश्चित करने के लिए प्रधानमंत्री खनिज क्षेत्र कल्याण योजना स्‍थापित की है। प्रह्लाद जोशी ने अनुसंधान कार्य और भविष्‍य की योजनाओं के बारे में बातचीत की। इससे पहले खान सचिव अनिल मुकीम ने इस सम्मान की पृष्ठभूमि के बारे में जानकारी देते हुए यह बताया कि खान मंत्रालय ने 1966 में इसकी शुरुआत की थी और अबतक देश के विभिन्न संस्थानों के 820 भू-वैज्ञानिकों और इंजीनियरों को सम्मानित किया जा चुका है।
राष्‍ट्रीय भू-विज्ञान सम्मान 10 विषयों में दिए गए हैं, जिनमें खनिज अन्वेषण, भूजल अन्वेषण, खनन प्रौद्योगिकी, खनिज लाभ, सतत खनिज विकास, बुनियादी और अनुप्रयुक्त भू-विज्ञान, भू-पर्यावरण अध्ययन और प्राकृतिक आपदाओं की जांच शामिल हैं। वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद के प्रोफेसर सैयद वजीह अहमद नकवी ने जलीय जैव- भू-रासायनिक अनुसंधान के क्षेत्र में उनके महत्वपूर्ण वैश्विक योगदान के लिए उत्कृष्टता सम्मान प्राप्‍त किया। गोवा विश्वविद्यालय की डॉ सोहिनी गांगुली को पेट्रोलॉजी, ज्वालामुखी और भू-रसायन विज्ञान के क्षेत्र में उनके महत्वपूर्ण कार्य के लिए युवा वैज्ञानिक पुरस्कार-2018 से सम्मानित किया गया। समारोह में भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण के महानिदेशक एसएन मेश्राम, खान मंत्रालय और जीएसआई के वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।

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