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Tuesday 24 September 2019 06:10:34 PM
नई दिल्ली। केंद्रीय संचार मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा है कि भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा दूरसंचार बाज़ार है और यह परिवर्तन के मुहाने पर खड़ा है, इसके लिए अतिरिक्त एफडीआई की आवश्यकता है। रविशंकर प्रसाद ने आज नई दिल्ली में इंवेस्ट डिजिकॉम-2019 को संबोधित करते हुए कहा कि कॉरपोरेट टैक्स में छूट ने भारत को एफडीआई के लिए अधिक आकर्षक गंतव्य बना दिया है। उन्होंने कहा कि विनिर्माण क्षेत्र में दी गई टैक्स छूट से भारत में वियतनाम और थाइलैंड के समान कर व्यवस्था हो गई है।
केंद्रीय संचार मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि एप्पल जैसी कंपनियों के लिए भारत एक बड़ा बाजार है, यह कंपनियां यहां निर्माण कर सकती हैं और बड़े पैमाने पर निर्यात भी कर सकती हैं और एप्पल ने भारत में उत्पादन शुरू भी कर दिया है। संचार मंत्री ने कहा कि पिछले कुछ वर्ष के दौरान एफडीआई में बढ़ोत्तरी हुई है और वित्तवर्ष 2019 में 64 बिलियन डॉलर का विदेशी प्रत्यक्ष निवेश हुआ है। उन्होंने कहा कि दूरसंचार के क्षेत्र में 2.67 बिलियन डॉलर का विदेशी प्रत्यक्ष निवेश हुआ है, जबकि इलेक्ट्रॉनिक्स कंप्यूटर सॉफ्टवेयर और हार्डवेयर के क्षेत्र में 6.4 बिलियन डॉलर का विदेशी प्रत्यक्ष निवेश हुआ है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विज़न डिजिटल इंडिया के बारे में संचार मंत्री ने कहा कि कृत्रिम बुद्धिमता मशीन लर्निंग और आईओटी, सूचना प्रौद्योगिकी और संचार क्षेत्र में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। उन्होंने कहा कि वर्ष 2024 तक पांच बिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था से संबंधित लक्ष्य में आईसीटी क्षेत्र की हिस्सेदारी एक ट्रिलियन डॉलर होने की संभावना है। डिजिटल संचार आयोग के चेयरमैन तथा दूरसंचार विभाग के सचिव अंशु प्रकाश ने कहा कि क्षेत्र में निरंतर और दीर्घावधि निवेश की आवश्यकता है। डीसीसी, दूरसंचार विभाग के सदस्य (वित्त) पीके सिन्हा ने दूरसंचार क्षेत्र में एफडीआई की पृष्ठभूमि के संबंध में जानकारी दी। कार्यक्रम में उद्योगजगत के प्रतिनिधि, तकनीकी विशेषज्ञ, वकील, अर्थशास्त्री, शिक्षाजगत और सरकार के वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए। डॉट के सलाहकार (वित्त) दिलीप पाधे ने धन्यवाद ज्ञापन किया।