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Monday 7 October 2019 01:31:52 PM
कटक। उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने मीडिया से सनसनीखेज प्रवृत्ति से दूर रहने और बिना समाचार तथा विचारों को मिलाए तथ्यों को प्रस्तुत करने की अपील की है। उन्होंने कहा है कि मीडिया को ईमानदार और सच्चा बना रहना चाहिए और बहुत संयम एवं जिम्मेदारी के साथ काम करना चाहिए। ओडिशा के कटक में एक प्रमुख ओडिया दैनिक समाचार पत्र ‘द समाजा’ के शताब्दी समारोह को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि एक स्वतंत्र और निष्पक्ष मीडिया न केवल स्वस्थ लोकतंत्र का हिस्सा है, बल्कि एक अनिवार्य शर्त भी है। उन्होंने कहा कि मीडिया को लोकतांत्रिक प्रणाली का चौथा स्तंभ माना जाता है, एक ऐसा स्तंभ जो लोकतंत्र का समर्थन, पालन और पोषण करता है और आवश्यक होने पर सुधार करने में मदद करता है।
उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने कहा कि मीडिया को लोगों को सूचित, शिक्षित और प्रबुद्ध करना चाहिए। उन्होंने कहा कि जनता की राय बनाने में इसकी महत्वपूर्ण भूमिका है, मीडिया को नागरिकों को सशक्त बनाना चाहिए और शासन प्रणाली में अधिक पारदर्शिता और जवाबदेही की शुरुआत करने में मदद करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि मीडिया को नागरिकों की आवाज़ आगे बढ़ानी चाहिए और उनके विचारों को कानूनविदों तक पहुंचाने चाहिएं। वेंकैया नायडू ने मीडिया से लोकतांत्रिक प्रणाली में खामियों को उजागर करने का आग्रह किया, जिससे सरकार को प्रणाली को अधिक जवाबदेह, उत्तरदायी और नागरिक अनुकूल बनाने में मदद मिले। उपराष्ट्रपति ने कहा कि मीडिया के बिना लोकतंत्र पहिए के बिना एक वाहन के समान है। उन्होंने पत्रकारिता को एक मिशन के रूपमें वर्णित करते हुए कहा कि टीआरपी, सर्कुलेशन की संख्या और बॉटम लाइन हालांकि महत्वपूर्ण हैं पर इससे मीडिया का मार्ग नहीं तय होना चाहिए। उन्होंने कहा कि मीडिया को अपनी सभी गतिविधियों के केंद्र में आम आदमी के कल्याण और राष्ट्र की प्रगति को स्थान देना चाहिए।
उपराष्ट्रपति ने मीडिया को स्थापित पूर्वाग्रहों से छुटकारा पाने और युवाओं, महिलाओं, किसानों और उद्यमियों की उम्मीदों को आवाज़ देने को कहा। उन्होंने कहा कि मीडिया को समाज के नैतिक कम्पास और विवेक के रूपमें कार्य करना चाहिए और सभी सामाजिक बुराइयों को समाप्त करने के लिए आक्रामक अभियान चलाना चाहिए। इस बात को रेखांकित करते हुए कि मीडिया में यथास्थिति में बदलाव के लिए एक माध्यम बनने की क्षमता है, उन्होंने सकारात्मक बदलावों को प्रेरित करने के लिए अधिक सकारात्मक कहानियों और सर्वोत्तम प्रथाओं की रिपोर्टिंग और उन्हें रेखांकित करने को कहा। उन्होंने मीडिया से भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत और भाषाओं की रक्षा, संरक्षण और संवर्द्धन में हाथ बटाने के लिए कहा। वेंकैया नायडू ने स्वच्छ भारत आंदोलन को सफल बनाने में भारतीय मीडिया की उल्लेखनीय भूमिका का उल्लेख करते हुए मीडिया से कहा कि वह ग़रीबी से लेकर बीमारी और जलवायु परिवर्तन जैसी ज्वलंत समस्याओं को हल करने में रचनात्मक भूमिका निभाए।
वेंकैया नायडू ने उम्मीद जताई कि क्षेत्रीय भाषाओं और ग्रामीण क्षेत्रों की समृद्धि को बढ़ावा देने के लिए अधिक से अधिक स्थानीय समाचार पत्र भारत में अस्तित्व में आएंगे। उन्होंने कहा कि क्षेत्रीय मीडिया वास्तव में विवेकपूर्ण, त्वरित और सत्य रिपोर्टिंग के माध्यम से भारत के ग्रामीण परिदृश्य को बदल सकता है। उपराष्ट्रपति ने इस अवसर पर ओडिया समाज के संस्थापक उत्कलमणि पंडित गोपबंधु दास को श्रद्धांजलि अर्पित की और कहा कि वे एक महान शिक्षक, पुनर्जागरण के कवि, अनुभवी पत्रकार, निस्वार्थ सामाजिक कार्यकर्ता, अग्रिम पंक्ति के स्वतंत्रता सेनानी और गांधीवादी विचारधारा तथा नैतिक मूल्य के महान समर्थक थे। उपराष्ट्रपति ने डॉ सुभाष चंद्र मिश्रा की गोपबंधु दास पर लिखित पुस्तक का भी विमोचन किया। कार्यक्रम में ओडिशा के राज्यपाल प्रोफेसर गणेशीलाल, ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक, पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस तथा इस्पात मंत्री धर्मेंद्र प्रधान, सांसद डॉ अच्युत सामंत और गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।