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Thursday 10 October 2019 03:48:28 PM
नासिक। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने आज नासिक में एक भव्य समारोह में आर्मी एविएशन कोर को कलर प्रदान करके सम्मानित किया। राष्ट्रपति ने इस अवसर पर कहा कि उन्हें अपने वायु सैनिकों के बीच खुद को पाकर बेहद खुशी हो रही है, सशस्त्र बलों के सर्वोच्च कमांडर के रूपमें वे इस अवसर को अपने देश के सशस्त्र बलों को समर्पित करते हैं। उन्होंने कहा कि आर्मी एविएशन कोर के अस्तित्व के 32 वर्ष हो चुके हैं, यह सम्पूर्ण अवधि उनकी वीरता, सम्मान और गौरव की गाथाओं से परिपूर्ण रही है। राष्ट्रपति ने कहा कि 1986 में अपनी स्थापना के तुरंत बाद आर्मी एविएशन कोर ने श्रीलंका में ऑपरेशन पवन के दौरान युद्ध में अपनी स्वच्छ साख कायम की। उन्होंने कहा कि वर्ष 1984 के बाद से कोर के लिए सियाचिन ग्लेशियर अंतिम कार्यस्थल रहा है, बेहद चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में 20000 फुट और उससे अधिक ऊंचाई पर काम कर रहे कोर के अत्यधिक कुशल और उत्प्रेरित पायलटों ने 'ऑपरेशन मेघदूत' में कठोर और बहुमूल्य कार्य किया है, इस संदर्भ में मैं पिछले वर्ष 10 मई को सियाचिन यात्रा के दौरान कुमार पोस्ट की अपनी यात्रा का विशेष रूपसे उल्लेख करूंगा, यह एक अनोखा अनुभव था। उन्होंने कहा कि ग्लेशियर में प्रतिकूल परिस्थितियों में रहने वाले हमारे अधिकांश जवान अद्वितीय पराक्रम और दृढ़ संकल्प का प्रमाण हैं और मैंने अपनी यात्रा के दौरान महसूस किया कि हम इन बहादुर सैनिकों की सतर्कता और बलिदान के कारण शांति से रहते हैं।
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि आर्मी एविएशन कोर को विशिष्ट शौर्य और उल्लेखनीय सेवा के लिए 273 सम्मान और पुरस्कार मिल चुके हैं, इससे कोर के जवानों की असाधारण बहादुरी और जोश का पता चलता है और यह हमारी सशस्त्र सेनाओं के सभी सैनिकों और अधिकारियों के लिए एक आदर्श है एवं इन्होंने विभिन्न युद्धों और ऑपरेशनों में प्रतिष्ठा हासिल की है और खेलों, जान जोखिम में डालने जैसी और अनेक पेशेवर चुनौतियों के दौरान आगे बढ़कर कार्य किया है। उन्होंने कहा कि इनके साहस और निष्ठा से 1999 में ‘ऑपरेशन विजय’ में ‘कारगिल’ युद्ध जीता, इनके बहुत से स्क्वाड्रंस को उनके असाधारण कार्य के लिए प्रतिष्ठित ‘चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ यूनिट प्रशस्ति पत्र’ प्रदान किया गया। प्राकृतिक आपदाओं के दौरान इन्होंने उत्तम कार्य किए हैं। उन्होंने कहा कि संयुक्तराष्ट्र शांति सेना मिशन में सोमालिया और कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य जैसे देशों में कार्य करते समय इन्होंने हमारे देश के उत्कृष्ट राजदूतों की भूमिका निभाई है।
राष्ट्रपति ने आर्मी एविएशन कोर के शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की और कहा कि उनके खून और बलिदान ने हमारी प्रभुसत्ता की रक्षा की और देश को गौरवांवित किया है। उन्होंने कोर के जवानों को उनकी वीरता और कर्तव्य के प्रति समर्पण के लिए बधाई दी एवं उनकी असाधारण बहादुरी और जोश को सराहा। उन्होंने कहा कि आर्मी एविएशन कोर के सदस्य सबसे कठिन क्षेत्रों और खराब मौसम में शक्तिशाली ताकत बनकर उभरते हैं। गौरतलब है कि आर्मी एविएशन कोर या सेना विमानन कोर भारतीय सेना का एक घटक है, इसका 1 नवम्बर 1986 को गठन किया गया था, जिसका नेतृत्व नई दिल्ली से महानिदेशक पद के लेफ्टिनेंट जनरल करते हैं। राष्ट्रपति ने कहा कि भारतीय सेना और देश को उनपर गर्व है। राष्ट्रपति ने देवलाली में स्कूल ऑफ आर्टिलरी का भी दौरा किया और तोप चलाने वालों से बातचीत की।