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Friday 11 October 2019 12:31:57 PM
नई दिल्ली। पाकिस्तान के कब्जे वाले जम्मू-कश्मीर के विस्थापितों के प्रतिनिधिमंडल ने केंद्रीय राज्यमंत्री डॉ जितेंद्र सिंह से मुलाकात की और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निर्देश पर 2016 में घोषित पुनर्वास पैकेज में विस्थापितों के 5300 परिवारों को शामिल करने के फैसले के लिए आभार प्रकट किया। प्रतिनिधिमंडल के सदस्य कैबिनेट के फैसले के बाद पैकेज के कार्यांवयन के बारे में कुछ स्पष्टीकरण चाहते थे और उन्होंने राज्यमंत्री से अनुरोध किया कि पुनर्वास पैकेज के लाभ विस्थापितों के 5300 परिवारों को समान रूपसे उपलब्ध होने चाहिएं, जो पहले इस पैकेज से बाहर छूट गए थे, साथ ही इसकी प्रक्रिया भी सरल होनी चाहिए।
राज्यमंत्री डॉ जितेंद्र सिंह ने प्रतिनिधिमंडल और पुनर्वास पैकेज से संबंधित केंद्रीय गृह मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक की व्यवस्था की। प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों ने कहा कि उनकी दी गई जानकारी और सुझावों को सुना गया और गृह मंत्रालय आने वाले समय में इनकी जांच करेगा एवं प्रक्रिया को सरल और सुगम बनाने की हर संभव कोशिश करेगा। डॉ जितेंद्र सिंह ने मंत्रिमंडल के फैसले को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में जम्मू-कश्मीर के विकास और समृद्धि के लिए सरकार का एक और बड़ा कदम बताया। उन्होंने कहा कि सरकार के पास फैसले लेने की क्षमता और साहस दोनों हैं, इसलिए सरकार कश्मीर से जुड़े मुद्दों के समाधान के लिए फैसले ले सकती है।
डॉ जितेंद्र सिंह ने कुछ स्वार्थी तत्वों की फैलाई जा रही झूंठी अफवाहों पर ध्यान नहीं देने की अपील की। उन्होंने कहा कि ये स्वार्थी तत्व जम्मू-कश्मीर से जुड़े अनुच्छेद 370 व 35ए और पश्चिमी पाकिस्तान से विस्थापित या पाकिस्तान के कब्जे वाले जम्मू-कश्मीर से विस्थापित पंडितों के बारे में सरकार की ओर से लिए गए फैसले से नाखुश हैं। उन्होंने आश्वासन दिया कि आनेवाले समय में जम्मू-कश्मीर के लिए 31 अक्टूबर से की गई नई व्यवस्था का फायदा अगले कुछ महीने में दिखने लगेगा। प्रतिनिधिमंडल में महेंद्र मेहता, प्रमुख सदस्य श्याम गुप्ता, मदन मोहन, बोधराज, मनोज खंडेलवाल एवं और भी शामिल थे।