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Friday 11 October 2019 01:33:00 PM
नई दिल्ली। केंद्रीय महिला और बाल विकास मंत्री स्मृति जुबिन ईरानी ने भारत की पोषण चुनौतियों पर 5वीं राष्ट्रीय परिषद की बैठक में कहा है कि पोषण सभी के जीवन के लिए जरूरी है, भारत में कुपोषण के संकट से निपटने के लिए मानवीय समाधान विकसित करने की आवश्यकता है और इसके लिए पोषण में निवेश के आर्थिक लाभों को उजागर और प्रचारित किया जाना चाहिए। उन्होंने विश्व बैंक की वैश्विक पोषण रिपोर्ट 2018 का हवाला दिया, जिसमें कहा गया है कि भारत को कुपोषण के मामलें में वार्षिक रूपसे कम से कम 10 बिलियन डॉलर का नुकसान उठाना पड़ता है, यह नुकसान उत्पादकता, बिमारी और मृत्यु से जुड़ा है और गंभीर रूपसे मानव विकास तथा बाल मृत्यु दर में कमी करने में बाधक है। उन्होंने कहा कि पोषण सभी नागरिकों के जीवन के लिए एक अभ्यास है और इसे महिलाओं और बच्चों तक सीमित नहीं रखा जाना चाहिए।
स्मृति ईरानी ने बताया कि उनका मंत्रालय बिल एंड मिलिंडा गेट्स फाउंडेशन और दीनदयाल शोध संस्थान के साथ एक पोषण मानचित्र विकसित कर रहा है, जिसमें देश के विभिन्न क्षेत्रों की फसलों और खाद्यान्नों को दिखाया जाएगा, क्योंकि कुपोषण संकट का समाधान क्षेत्रीय फसल को प्रोत्साहित करने और प्रोटीन समृद्ध स्थानीय खाद्य पदार्थ को अपनाने में है। उन्होंने सुझाव दिया कि पोषण अभियान के अनाम नायकों को मान्यता देने के लिए स्वास्थ्य और पोषण मानकों पर राज्यों की रैंकिंग की प्रणाली विकसित की जा सकती है और इसके लिए नीति आयोग राज्यों के लिए ढांचा विकसित कर सकता है, ताकि जिलों की रैंकिंग की जा सके। उन्होंने कहा कि रैंकिंग प्रक्रिया में नागरिकों और सिविल सोसाइटी को शामिल किया जा सकता है। परिषद की बैठक में राज्यों में पोषण अभियान लागू करने के बारे में महिला और बाल विकास मंत्रालय, नीति आयोग तथा स्वास्थ्य तथा परिवार कल्याण मंत्रालय ने प्रेजेंटेशन दिए। बैठक में आकांक्षी जिलों और पिछड़े हुए राज्यों की चुनौतियों पर विस्तृत विचार-विमर्श किया गया। क्षमता सृजन और स्वास्थ्यकर्मियों की गुणवत्ता में सुधार के बारे में युद्ध स्तरपर काम करना होगा, ताकि सभी आंगनवाड़ीकर्मी स्मार्टफोन और अन्य यंत्रों के उपयोग में प्रशिक्षित हो सके और सफलतापूर्वक डैशबोर्ड पर डाटा अपलोड कर सकें।
भारत की पोषण चुनौतियों पर बैठक में राज्यों की नवाचारी योजनाओं और कार्यक्रमों को साझा किया गया। यह निर्णय लिया गया कि इस वर्ष सितंबर में मनाए गए पोषण माह के दौरान राज्यों के श्रेष्ठ व्यवहारों तथा नवाचार योजनाओं का प्रलेखन किया जाए। बैठक में महिला और बाल विकास सचिव रवींद्र पंवार, नीति आयोग के उपाध्यक्ष डॉ राजीव कुमार, उत्तर प्रदेश की महिला और बाल विकास मंत्री स्वाति सिंह, राजस्थान की महिला एवं बाल विकास मंत्री ममता भूपेश और वरिष्ठ अधिकारी, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण, कृषि, पेयजल एवं स्वच्छता, ग्रामीण विकास, जनजातीय मामले, पंचायती राज, उपभोक्ता मामले और खाद्य, वित्त, मानव संसाधन विकास, आवास और शहरी कार्य, सूचना प्रसारण और पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी, भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद, राष्ट्रीय पोषण संस्थान, भारतीय सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण, टाटा ट्रस्ट, बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन और विश्व बैंक के प्रतिनिधियों ने भी भाग लिया।