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Friday 11 October 2019 02:28:13 PM
बेंगलुरु। मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने बेंगलुरु में भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन-इसरो के मुख्यालय में एक अनूठी पहल के तहत प्रधानमंत्री नवाचार शिक्षण कार्यक्रम-ध्रुव का शुभारंभ किया और कहा है कि यह कार्यक्रम देश के प्रतिभाशाली छात्रों के जीवन में बड़ा बदलाव लाने का काम करेगा। उन्होंने कहा कि ध्रुव कार्यक्रम देश में प्रतिभाशाली छात्रों की तलाश के लिए एक मंच के रूपमें काम करेगा और ऐसे छात्रों को विज्ञान, ललित कला और रचनात्मक लेखन आदि जैसे उनकी रूची के विषयों में उत्कृष्टता हासिल करने में मददगार होगा। रमेश पोखरियाल ने कहा कि इसके जरिए प्रतिभाशाली छात्र न केवल अपनी पूरी क्षमता का भरपूर इस्तेमाल कर सकेंगे, बल्कि समाज के लिए भी योगदान कर पाएंगे।
अंतरिक्ष विभाग के सचिव और इसरो के अध्यक्ष डॉ के सिवन, भारत के पहले अंतरिक्ष यात्री और अशोक चक्र विजेता विंग कमांडर सेवानिवृत राकेश शर्मा और अटल नवाचार मिशन के निदेशक रामनन, चुने गए 60 प्रतिभाशाली बच्चों सहित केंद्रीय विद्यालय के छात्र भी ध्रुव कार्यक्रम के शुभारंभ मौके पर मौजूद थे। उन्होंने डॉ सिवन और राकेश शर्मा के साथ बातचीत की और उनके जीवन के अनुभवों, संघर्षों तथा उपलब्धियों के बारे में जाना। मानव संसाधन विकास मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नवाचार शिक्षण कार्यक्रम प्रतिभाशाली बच्चों की पहचान करने और उन्हें प्रोत्साहित करने के लिए शुरू किया गया है, ताकि वे अपने कौशल और ज्ञान को और समृद्ध बना सकें। उन्होंने कहा कि देशभर में खोले गए उत्कृष्टता केंद्रों में विभिन्न क्षेत्रों में विशेषज्ञता प्राप्त लोग प्रतिभावान बच्चों को प्रशिक्षण देंगे, ताकि वे अपनी पूरी क्षमता हासिल कर पाएं। उम्मीद की गई है कि ध्रुव तारा कार्यक्रम के तहत चुने गए छात्रों में से कई अपने पसंदीदा क्षेत्रों में उत्कृष्टता हासिल कर सकेंगे और इस तरह अपने समुदाय, राज्य तथा राष्ट्र के लिए सम्मान अर्जित करेंगे।
मानव संसाधन विकास मंत्री ने कहा कि ध्रुव तारा कार्यक्रम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदीकी दूर दृष्टि का परिचायक है। उन्होंने कहा कि यह प्रतिभावान छात्रों के जीवन के साथ ही समाज में भी बड़ा बदलाव लाएगा, प्रतिभाशाली छात्रों की उपलब्धियों के जरिए पूरी दुनिया यह जान पाएगी कि सारे जहां से अच्छा हिंदुस्तान हमारा। ध्रुव तारा कार्यक्रम का ब्यौरा देते हुए रमेश पोखरियाल ने बताया कि इसमें ललित कला के छात्रों को भी विज्ञान के छात्रों के साथ ही शामिल किया गया है, क्योंकि ललित कला के छात्रों में अपनी सोच और अपनी बातें प्रभावी तरीके से पहुंचाने की अद्भुत क्षमता होती है। रमेश पोखरियाल ने कहा कि इस कार्यक्रम में देशभर के बच्चों को शामिल किया जाना एक भारत श्रेष्ट भारत की मूल भावना को सही मायने में परिलक्षित करता है। उन्होंने कहा कि देश को समृद्धि के शिखर पर ले जाने का सारा दारोमदार इन प्रतिभावान बच्चों के कंधों पर ही है। उन्होंने कहा कि ये प्रतिभावन बच्चे न सिर्फ देश के 33 करोड़ दूसरे बच्चों के लिए एक प्रकाश स्तम्भ की तरह काम करेंगे, बल्कि उनके लिए सफलता का मार्ग भी प्रशस्त करेंगे। उन्होंने प्रधानमंत्री के नेतृत्व में सरकार की मेक इन इंडिया, स्टार्ट अप इंडिया, स्किल इंडिया, डिजीटल इंडिया और ऐसी ही कई पहलों की सराहना करते हुए कहा कि यह अभियान भारत को दुनिया में अग्रणी स्थान दिलाएंगे।
इसरो के अध्यक्ष डॉ के सिवन ने कहा कि ध्रुव के तहत चुने गए प्रत्येक छात्र की प्रतिभा को ध्रुव तारे की तरह निखारा जाएगा। उन्होंने ध्रुव कार्यक्रम की शुरुआत इसरो मुख्यालय से किए जाने पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि यह युवाओं की सोच के लिए प्रेरणास्रोत होगा। भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम का जिक्र करते हुए डॉ के सिवन ने कहा कि पिछले 60 वर्ष में यह कार्यक्रम युवा वैज्ञानिकों की प्रतिभा और सोच की वजह से ही अप्रत्याशित ऊंचाईयां हासिल कर पाया है। राकेश शर्मा ने कार्यक्रम में बच्चों के साथ अपने अनुभव साझा करते हुए उनसे आतंकवाद, जलवायु परिवर्तन और प्रदूषण जैसी चुनौतियों से निपटने के लिए भविष्य में तैयार रहने की अपील की। उन्होंने बच्चों को नसीहत देते हए कहा कि जीवन में पैसा नहीं, बल्कि बड़ा काम सबसे संतोष लेकर आता है। ध्रुव कार्यक्रम के पहले बैच में सरकारी और निजी स्कूलों के नौ से बारवीं कक्षा के 60 अत्याधिक प्रतिभावान छात्रों का चयन किया गया है। इनमें से 30 छात्रों को ललित कला और बाकी 30 को विज्ञान के क्षेत्र में विशेष प्रशिक्षण दिया जाएगा।
ध्रुव कार्यक्रम के तहत अगले 14 दिन में इन बच्चों को उनके चुने हुए क्षेत्र में प्रशिक्षण देने का काम शुरु कर दिया जाएगा। इस दौरान इन छात्रों को आतंकवाद, जलवायु परिवर्तन और पर्यावरण प्रदूषण जैसे विषयों प्रोजेक्ट तैयार करने के लिए कहा जाएगा। ये छात्र 14 से 23 अक्टूबर तक आईआईटी दिल्ली और राष्ट्रीय बाल भवन विभिन्न गतिविधियों में शामिल होंगे। ये छात्र 23 अक्टूबर को होनेवाले समापन समारोह में अपनी प्रोजेक्ट रिपोर्ट पेश करेंगे। इसके बाद कार्यक्रम के दूसरे चरण के तहत इन बच्चों को बेंगलुरु और नई दिल्ली में सांस्कृतिक और वैज्ञानिक महत्व वाले स्थान दिखाने ले जाया जाएगा। कार्यक्रम में विंग कमांडर रमेश शर्मा पर एक लघु फिल्म भी प्रदर्शित की गई। इस मौके पर रिफत शारूक, यग्न साई और विजय लक्ष्मी नारायण ने नैनो सेटेलाइट कलाम सेट-वी-2 अपने इस अनूठे प्रोजेक्ट की प्रस्तुति दी। इसरो ने 24 जनवरी 2019 को कलाम सेट वी-2 का प्रक्षेपण किया था। इस अवसर पर स्कूली शिक्षा और साक्षरता विभाग की सचिव रीना राय और मानव संसाधन मंत्रालय, विज्ञान और सूचना प्रौद्योगिकी विभाग तथा नीति आयोग के वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।