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Monday 14 October 2019 03:03:43 PM
नई दिल्ली। केंद्रीय खेल एवं युवा मामलों के मंत्रालय ने फिट इंडिया मुहिम को गति प्रदान करने के लिए 1 नवंबर 2019 से राष्ट्रीय और राज्यस्तर के सभी खेल परिसंघों और क्लबों को केंद्र सरकार की ओर से उपलब्ध कराए गए खेल परिसरों का निःशुल्क इस्तेमाल करने की अनुमति का फैसला किया है। ये सुविधा भारतीय खेल प्राधिकरण के केंद्रों में आयोजित नहीं होने वाली खेल प्रतियोगिताओं में हिस्सा लेने वाले खेल प्रशिक्षकों और प्रशिक्षु खिलाड़ियों को भी उपलब्ध होगी। सरकार ने यह फैसला इस सोच के साथ लिया है कि खेल सुविधाओं की पहुंच सबतक हो सके, ताकि खेल संस्कृति के माध्यम से शारीरिक स्वास्थ्य ठीक रखना भारतीयों के आम जीवन का हिस्सा बन सके। शुरुआती चरण में दिल्ली के जवाहरलाल नेहरु स्टेडियम, इंदिरा गांधी स्टेडियम, मेजर ध्यानचंद स्टेडियम और करणी सिंह शूटिंग रेंज को राज्य और केंद्र स्तर के खेल परिसंघों के लिए खोला जाएगा, ताकि वे इन स्थानों में सभी तरह की खेल प्रतियोगिताएं और टूर्नामेंट आयोजित कर सकें। परिसरों के इस्तेमाल के लिए इन लोगों से कोई शुल्क नहीं लिया जाएगा।
खेल सुविधाओं से संबंधित यह नई नीति गैर एसएआई खेल प्रशिक्षकों को बिना किसी शुल्क के सरकारी स्टेडियमों में अपने एथलीटों को प्रशिक्षित करने की अनुमति देगी, बशर्ते प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले खिलाड़ियों की संख्या कम से कम दस हो। कोच 1 नवंबर 2019 से प्रशिक्षण सत्र शुरु करने के लिए ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। प्रशिक्षकों को खिलाड़ियों से अपने हिसाब से प्रशिक्षण शुल्क लेने की छूट होगी। पेशेवर रूपसे किसी खेल के लिए प्रशिक्षण नहीं प्राप्त करने वाले युवाओं को भी इन स्टेडियमों में अनुमति दी जाएगी, इसके लिए वे अपनी पसंद के समयानुसार उपलब्ध स्लॉट्स की बुकिंग ऑनलाइन कर सकते हैं, पर इसके पहले उन्हें भारतीय खेल प्राधिकरण से नाम मात्र का शुल्क अदा करके फोटो पहचानपत्र प्राप्त करना होगा। खेल मंत्री किरेन रिजीजू ने खेल मंत्रालय के इस फैसले पर कहा है कि सरकारी खेल अवसंरचनाओं की पहुंच सभी खेल परिसंघों और खिलाड़ियों तक आसान बनाने का उद्देश्य प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की फिट इंडिया मुहिम को बढ़ावा देना है। उन्होंने कहा कि देश में इतने खेल परिसर नहीं हैं, जहां बच्चे और फिटनेस में रुचि रखने वाले खेल गतिविधियों में हिस्सा ले सकें। उन्होंने कहा कि खेल मंत्रालय के पास देश के कुछ बेहतरीन खेल अवसंरचनाएं हैं और मंत्रालय चाहता है कि इनका इस्तेमाल देश में खेल संस्कृति को प्रोत्साहित करने के लिए हो।
खेल एवं युवा मामलों के मंत्री ने कहा कि नई नीति के बारे में सभी खेल परिसंघों के साथ बातचीत की गई थी और वे सभी सरकार के फैसले से काफी खुश हैं, इनमें से कई ने तो आनेवाले महीने में सरकारी खेल परिसरों में टूर्नामेंट और प्रतियोगिताओं के आयोजन के लिए आवेदन भी कर दिया है। उन्होंने कहा कि सरकार चाहती है कि अगले तीन महीने में मौजूदा खेल अवसंरचनाओं का तिगुना इस्तेमाल हो, इससे न केवल फिटनेस को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि ज्यादा से ज्यादा संख्या में युवाओं को खेलों में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित किया जा सकेगा, जिससे देश में और अधिक खेल प्रतिभाओं को पहचानने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि उपलब्ध खेल अवसंरचनाओं के उपयोग को सुनिश्चित करने के लिए प्रत्येक स्टेडियम को एक खास खेल के लिए आरक्षित किया जा रहा है। जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम खेल संघों के आयोजित फुटबाल लीग, प्रशिक्षण और प्रतियोगिताओं की मेजबानी करेगा, जबकि इंदिरा गांधी स्टेडियम में कुश्ती, मुक्केबाजी, जूडो और बैडमिंटन प्रतियोगिताएं आयोजित की जाएंगी। इसी तरह नैशनल स्टेडियम में हॉकी तथा तैराकी और केएसएसआर स्टेडियम में शूटिंग प्रतियोगिताएं होंगी।
अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ और हॉकी इंडिया ने अगले तीन महीने में कई लीग मैंचों और प्रतियोगिताओं के आयोजन का रोडमैप तैयार किया है। इसमें सबसे पहली खेल प्रतियोगिता जेएलएन में खेलो इंडिया गोल्डन लीग है, जिसमें सात वर्ष, 9 वर्ष और 11 वर्ष से कम आयुवर्ग के लड़के-लड़कियां भाग लेंगे। अपनी खेल अवसंरचना को सार्वजनिक उपयोग के लिए खोलने की सरकार की पहल के बारे में फुटबॉल दिल्ली के अध्यक्ष डॉ शाजी प्रभाकरन ने कहा कि खेल मंत्रालय के इस कदम से दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में फुटबॉल को लोकप्रिय बनाने में मदद मिलेगी। हम खेलो इंडिया गोल्डन लीग के साथ शुरु कर रहे हैं और जल्द ही क्लबों के लिए खेलो इंडिया ग्रुप ए और ग्रुप बी डिवीजन लीग की मेजबानी भी करेंगे। हम आगे जेएलएन में 5 वर्ष और उससे अधिक आयु के बच्चों के लिए एक समग्र कोचिंग कार्यक्रम भी शुरू करेंगे, जिसमें अगले 3 महीने में 400 से अधिक युवाओं के भाग लेने की उम्मीद है।