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Tuesday 15 October 2019 02:08:59 PM
नई दिल्ली। केंद्रीय वित्त और कारपोरेट मामलों की मंत्री निर्मला सीतारामन ने नई दिल्ली में बैंकों के मुख्य कार्यकारी अधिकारियों के साथ बैठक कर सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के कामकाज की समीक्षा की। बैठक में कर्ज दिए जाने और आर्थिक विकास को गति देने के लिए सरकार की ओर से किए गए उपायों की भी गहन समीक्षा की गई। बैठक में इस बात का संज्ञान लिया गया कि एक से 9 अक्टूबर के बीच कस्टमर आउटरीच कार्यक्रम के तहत पहले चरण में पंजाब नेशनल बैंक ने 81781 करोड़ रुपये के नए ऋण प्रदान किए, जिसमें 34342 करोड़ रुपये के नए सावधि ऋण भी शामिल हैं।
समीक्षा बैठक में बताया गया कि चूंकि ऋण उपलबधता कार्यक्रम में गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियां भी भाग लेंगी, इसलिए सूक्ष्म, लघु और मझौले उद्यमों पर भी विशेष ध्यान रखा जाएगा। ऐसे उद्यमों के करीब 40 हजार करोड़ रुपये के बकाया ऋण भुगतान के लिए कारपोरेट मामलों का मंत्रालय बैंकों को बराबर की मदद करेगा। छोटे उद्यमों को कार्यशील पूंजी की दिक्कत नहीं आए इसका भी पूरा ध्यान रखा जाएगा। बैठक में आवास ऋण, वाहन ऋण, कृषि ऋण, शिक्षा ऋण और व्यक्तिगत ऋणों के बारे में भी चर्चा की गई। यह कहा गया कि बैंकों में हाल में डाली गई 55 हजार करोड़ रुपये की पूंजी से सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक ऋण जरूरतों को पूरा करने में पूरी तरह सक्षम हैं।
बैंकों की बैठक में इस बात का भी संज्ञान लिया गया कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक गैर बैकिंग वित्तीय कंपनियों और आवास ऋण उपलब्ध कराने वाले एचएफसी को लगातार वित्तीय मदद दे रहे हैं। सितंबर 2018 से लेकर 10 अक्टूबर 2019 तक सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक कुल आर्थिक मदद के रूपमें अबतक 397557 करोड़ रुपये तथा पूल बाइआउट्स के तहत 107792 करोड़ रुपये के कर्ज जारी कर चुके हैं। बैंकों के मुख्य कार्यकारी अधिकारियों ने जानकारी दी कि वे आशिंक ऋण योजना तथा उसके तहत जारी पूल बाइआट्स के तहत ऋण देना जारी रखेंगे। बैठक में बैंकों ने 21 से 25 अक्टूबर के दौरान दूसरे चरण के आउटरीच कार्यक्रम के तहत ऋण देने के लिए 150 जिलों में शिविर लगाने की अपनी योजना की जानकारी भी दी।