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Thursday 17 October 2019 11:33:42 AM
लखनऊ। उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने कहा है कि शिक्षा सबसे शक्तिशाली हथियार है, जिसका उपयोग दुनिया को बदलने के लिए किया जा सकता है। लखनऊ विश्वविद्यालय के 62वें दीक्षांत समारोह में छात्र-छात्राओं को पदक प्रदान करते हुए राज्यपाल ने कहा कि शिक्षा न केवल मनुष्य का अधिकार है, बल्कि जीवन के विभिन्न आयामों में संतुलन बनाए रखने का साधन है। उन्होंने कहा कि लखनऊ विश्वविद्यालय के शिक्षकों का नाम दुनिया में सम्मान से लिया जाता है। राज्यपाल ने नीति आयोग के उपाध्यक्ष डॉ राजीव कुमार और चंद्रयान मिशन की निदेशक डॉ रितु करिधाल को मानद उपाधि प्रदान की।
राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने कहा कि देश में कम ही ऐसे विश्वविद्यालय हैं, जिनके पास सौ साल से ज्यादा की शैक्षिक विरासत है, लखनऊ विश्वविद्यालय उनमें से एक है। उन्होंने कहा कि इस विश्वविद्यालय के छात्रों का देश का सर्वोच्च सम्मान प्राप्त करना विशिष्ट परिचायक है जैसे-भारत के उत्कृष्ट पुरस्कारों में से 2 पद्म विभूषण, 4 पद्म भूषण एवं 19 पद्मश्री पुरस्कार के साथ-साथ बीसी राय और शांतिस्वरूप भटनागर पुरस्कार भी यहां के छात्रों ने प्राप्त किए हैं। राज्यपाल ने मेडल पाने वाले विद्यार्थियों से कहा कि वे आगे की पढ़ाई भी मेहनत से करेंगे तो उन्हें जरूर सफलता मिलेगी। उन्होंने मेडल प्राप्त करने वाले छात्र-छात्राओं का आह्वान किया कि वे अपने आस-पास के क्षेत्र में एक बेटा या एक बेटी को पढ़ाने में सहयोग करें, ताकि समाज में शिक्षा के प्रति जागरुक संदेश जाए, देश के प्रधानमंत्री भी कहते हैं कि बेटियों की शिक्षा और उनका सम्मान होना चाहिए, तभी हमारा देश एक अच्छा भारत बनेगा।
आनंदीबेन पटेल ने कहा कि भारत सरकार और राज्य सरकार प्रधानमंत्री आवास योजना, आयुष्मान योजना, उज्ज्वला योजना, मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना, मुद्रा योजना सहित विभिन्न योजनाओं को संचालित कर गरीबों को लाभांवित कर रही है, भारत सरकार के स्वच्छ भारत मिशन की सफलता की दुनिया में चर्चा हो रही है। राज्यपाल ने ‘पढ़े लखनऊ बढ़े लखनऊ’ अभियान के सफल आयोजन के लिए लखनऊ विश्वविद्यालय को बधाई दी, जिसमें 9 लाख 70 हजार छात्र-छात्राओं ने एक साथ पुस्तकें पढ़कर विश्व रिकार्ड बनाया था। उप मुख्यमंत्री एवं उच्च शिक्षा मंत्री डॉ दिनेश शर्मा ने कहा कि लखनऊ विश्वविद्यालय विभिन्न प्रकार के नए पाठ्यक्रम का संचालन कर रहा है और सरकार कौशल विकास के माध्यम से शिक्षा और रोज़गार देने का काम कर रही है।
मुख्य अतिथि और नीति आयोग के उपाध्यक्ष डॉ राजीव कुमार ने उन्हें मानद उपाधि प्रदान करने के लिए लखनऊ विश्वविद्यालय की कृतज्ञता प्रकट की। उन्होंने कहा कि आज हमारे देश पर पूरी दुनिया की नज़र है और हमारी भावी पीढ़ी पर देश को प्रगतिपथ पर आगे ले जाने की बहुत बड़ी जिम्मेदारी है। दीक्षांत समारोह में विश्वविद्यालय के शिक्षक, अधिकारी, कर्मचारी, छात्र-छात्राओं के अभिभावक भी उपस्थित थे। इस अवसर पर लखनऊ विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर सुरेंद्र प्रताप सिंह ने विश्वविद्यालय की प्रगति आख्या प्रस्तुत की। दीक्षांत समारोह में विशेष रूपसे आमंत्रित प्राथमिक विद्यालय के बच्चों को पुस्तकें और उपहार देकर प्रोत्साहित किया गया। राज्यपाल ने कुलपति लखनऊ विश्वविद्यालय की तीन वर्षीय यात्रा और लखनऊ विश्वविद्यालय शैक्षिक कैलेंडर की पुस्तक का विमोचन भी किया।