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'भारत-जापान के संबंध गहरे और ऐतिहासिक'

'भारतीय अर्थव्‍यवस्‍था में बदलाव में जापान प्रमुख साझेदार'

सम्राट नारुहितो के राज्‍याभिषेक में शामिल हुए राष्‍ट्रपति

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Wednesday 23 October 2019 04:10:19 PM

emperor naruhito accession ceremony

टोक्यो/ नई दिल्ली। राष्‍ट्रपति रामनाथ कोविंद ने जापान के शाही महल में सम्राट नारुहितो के राज्‍याभिषेक समारोह में शिरकत की। राष्‍ट्रपति ने इस अवसर पर कहा कि जापान के साथ हमारे सांस्‍कृतिक संबंध अत्‍यंत गहरे और ऐतिहासिक हैं, हम बौद्ध धर्म से लेकर हिंदू धर्म तक तथा उससे भी परे आध्‍यात्मिक एवं धार्मिक जुड़ाव को साझा करते हैं। राष्‍ट्रपति ने कहा कि हमारे रणनीतिक, राजनी‍तिक, सुरक्षा और आर्थिक सहयोग नए मुकाम पर पहुंच गए हैं, जापान हमारी अर्थव्‍यवस्‍था में व्‍यापक बदलाव लाने में हमारे लिए एक प्रमुख साझेदार है, मुंबई से अहमदाबाद तक हाईस्‍पीड रेल परियोजना में जापान से साझेदारी हमारे गहरे पारस्‍परिक विश्‍वास एवं मित्रता का प्रतीक है। उन्होंने कहा कि पारस्‍परिक तकनीकी सहयोग बढ़ाने के लिए हमने भारत-जापान डिजिटल साझेदारी कायम की है।
राष्‍ट्रपति रामनाथ कोविंद ने जापान में भारत के राजदूत संजय कुमार वर्मा के टोक्यो में आयोजित स्‍वागत समारोह में भारतीय समुदाय को भी संबोधित किया। राष्‍ट्रपति ने कहा कि भारत व्‍यापक बदलाव के पथ पर अग्रसर है, भारतीय अर्थव्‍यवस्‍था तेज रफ्तार से विकसित हो रही है, हम नई बुनियादी ढांचागत सुविधाएं सृजित कर रहे हैं और डिजिटल अर्थव्‍यवस्‍था, नई प्रौद्योगिकियों, जलवायु परिवर्तन और ज्ञान समाज की रूपरेखा को विशेष स्‍वरूप प्रदान करने के मोर्चों पर पूरी दुनिया की अगुवाई करने के प्रयास कर रहे हैं। रामनाथ कोविंद ने कहा कि भारत अपनी प्रगति और समृद्धि में भाग लेने के लिए भारतीय समुदाय को अपार अवसर प्रदान करता है।
रामनाथ कोविंद ने कहा कि भारत दरअसल भारतीय समुदाय के सहयोग एवं प्रतिबद्धता की आशा रखता है, ताकि हमारे सपनों के भारत का निर्माण किया जा सके। राष्‍ट्रपति ने कहा कि यह एक ऐसा भारत होगा, जो अपनी प्रगति एवं समृद्धि से लाखों घरों को रोशन करेगा, यही नहीं यह सभी की आवश्‍यकताओं का ख्‍याल रखेगा। उन्होंने त्सुकिजी होंगवानजी बौद्ध मंदिर का दर्शन किया और बोधगया से लाए गए एक पौधे का रोपण किया। राष्‍ट्रपति ने शिंतो मीजी तीर्थ का भी मुआयना किया। उनका गोटेम्बा पगोडा के प्रतिनि‍धिमंडल से भी संवाद हुआ।

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