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Thursday 24 October 2019 01:00:32 PM
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंत्रिमंडल ने 4जी सेवाओं के लिए स्पैक्ट्रम के प्रशासनिक आवंटन, सॉव्रन गारंटी सहित बॉन्ड्स जारी करने के माध्यम से ऋण अदायगी की नई रूपरेखा बनाने, कर्मचारी लागत में कमी और परिसंपत्तियों के मुद्रीकरण के माध्यम से बीएसएनएल एवं एमटीएनएल में नई जान डालने तथा बीएसएनएल और एमटीएनएल के विलय प्रस्ताव को सैद्धांतिक मंजूरी प्रदान कर दी है। सरकार का कहना है कि बीएसएनएल और एमटीएनएल को 4जी सेवाओं के लिए स्पैक्ट्रम का प्रशासनिक आवंटन, ताकि ये पीएसयू ब्रॉडबैंड और अन्य डाटा सेवाएं प्रदान करने में सक्षम हो सके। स्पैक्ट्रम का वित्तपोषण भारत सरकार इन पीएसयू में 20,140 करोड़ रुपये मूल्य की पूंजी डालकर करेगी, इसके अलावा स्पैक्ट्रम मूल्य के लिए जीएसटी के तौरपर 3,674 करोड़ रुपये की राशि का वहन भी सरकार बजटीय संसाधनों के माध्यम से करेगी।
स्पैक्ट्रम आवंटन का उपयोग करते हुए बीएसएनएल और एमटीएनएल 4जी सेवाएं उपलब्ध कराने, बाज़ार में प्रतिस्पर्धा करने तथा अपने विशाल नेटवर्क का उपयोग करके ग्रामीण क्षेत्र सहित देशभर में हाईस्पीड डाटा उपलब्ध कराने में समर्थ हो सकेंगे। बीएसएनएल और एमटीएनएल 15,000 करोड़ रुपये के दीर्घकालिक बॉन्ड्स भी जारी करेंगे, जिसके लिए सॉव्रन गारंटी भारत सरकार उपलब्ध कराएगी। इन संसाधनों के साथ बीएसएनएल और एमटीएनएल अपने मौजूदा कर्ज की अदायगी की नए सिरे से रूपरेखा तैयार करेंगे और सीएपीईएक्स, ओपीईएक्स तथा अन्य आवश्यकताओं की भी आंशिक पूर्ति करेंगे। बीएसएनएल और एमटीएनएल आकर्षक स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति योजना के जरिए 50 साल और उससे अधिक आयु के अपने कर्मचारियों के लिए स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति की भी पेशकश करेंगे, जिसका वहन भारत सरकार बजटीय सहायता से करेगी। वीआरएस की अनुग्रह राशि संघटक के लिए 17,169 करोड़ रुपये की अतिरिक्त आवश्यकता होगी, भारत सरकार पेंशन, ग्रैच्युटी और रूपांतरण की लागत का वहन करेगी।
बीएसएनएल और एमटीएनएल अपनी परिसंपत्तियों का मुद्रीकरण करेंगे, ताकि ऋण चुकाने, बॉन्ड्स की सर्विसिंग, नेटवर्क का उन्नयन, विस्तार एवंपरिचालन संबंधी धनराशि की आवश्यकताएं पूरी जा सकें। सरकार ने आशा व्यक्त की है कि बीएसएनएल और एमटीएनएल में नई जान डालने वाली इन योजनाओं के कार्यांवयन से वे दोनों अपने सुदृढ़ दूरसंचार नेटवर्क के माध्यम से ग्रामीण और दूर-दराज के इलाकों सहित समूचे देश में विश्वसनीय और गुणवत्तापूर्ण सेवाएं उपलब्ध कराने में समर्थ हो सकेंगे।