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Thursday 24 October 2019 01:44:29 PM
नई दिल्ली। केंद्रीय पंचायती राजमंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने देश की 2.5 लाख पंचायतों में से 240 को राष्ट्रीय पंचायत पुरस्कार-2019 प्रदान किए हैं। नरेंद्र सिंह तोमर ने इस अवसर पर आह्वान किया कि नए भारत का निर्माण के लिए हर पंचायत आगे बढ़े। उन्होंने कहा कि ग्राम पंचायतों और सरपंचों को उन्हें प्रदान की गई शक्तियों का पूरा उपयोग करना चाहिए और जल्द से जल्द अपनी पंचायतों के लिए विकास योजनाएं बनानी चाहिएं, ताकि सरकारी कार्यक्रमों को प्रभावी ढंग से क्रियांवित किया जा सके। उन्होंने कहा कि मतदाताओं ने जो जिम्मेदारी सौंपी है, उसपर हर निर्वाचित प्रतिनिधि को गर्व होना चाहिए और वे देश के किसी भी अन्य निर्वाचित प्रतिनिधि से कम नहीं हैं। उन्होंने पुरस्कार प्राप्तकर्ता पंचायत प्रतिनिधियों से अन्य पंचायतों के लिए आदर्श और प्रेरणा बनने के लिए कहा, ताकि वे भी सीख सकें और बेहतर बनने के प्रयास करें। पुरस्कार समारोह में कर्नाटक, छत्तीसगढ़, असम और तमिलनाडु के पंचायती राज मंत्रियों और देशभर के पंचायती राज संस्थानों के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया।
राष्ट्रीय पंचायत पुरस्कार के लिए सबसे अच्छा प्रदर्शन करने वाली पंचायतों का चुनाव विभिन्न पैमानों और संकेतकों के आधार पर किया गया था। यह प्रोत्साहन विशेष प्रयास करने वाले पंचायत प्रतिनिधियों का हौसला बढ़ाता है, पंचायतों और ग्राम सभाओं के लिए अनुकरण करने योग्य मॉडल तैयार करता है और जनता का ध्यान पंचायतों के प्रदर्शन पर केंद्रित करता है, जो सभी पंचायतों को अपना प्रदर्शन बेहतर बनाने के लिए प्रोत्साहित करता है। अंततः यह स्थानीय स्तर पर समग्र सुशासन के लिए एक इको-सिस्टम निर्मित करता है। ग्राम पंचायतों और सरपंचों को पुरस्कार विभिन्न श्रेणियों में प्रदान किए गए, इनमें दीनदयाल उपाध्याय पंचायत सशक्तिकरण पुरस्कार-सेवाओं और सार्वजनिक वस्तुओं के वितरण में सुधार कार्यों की सराहना में सबसे अच्छा प्रदर्शन करने वाली पंचायतों को दिया गया। ये पुरस्कार आम और नौ विषयगत श्रेणियों में दिए जाते हैं-स्वच्छता, नागरिक सेवाएं, प्राकृतिक संसाधन प्रबंधन, हाशिए पर पड़े वर्ग की सेवा, सामाजिक क्षेत्र में प्रदर्शन, आपदा प्रबंधन, ग्राम पंचायतों को सहयोग के लिए स्वैच्छिक कार्रवाई करने वाले सीबीओ/ व्यक्ति, राजस्व सृजन में नवाचार और ई-गवर्नेंस। नानाजी देशमुख राष्ट्रीय गौरव ग्राम सभा पुरस्कार-ग्राम सभाओं द्वारा ग्राम पंचायतों को सामाजिक और आर्थिक विकास में उनके उत्कृष्ट योगदान को देखते हुए दिया जाने वाला पुरस्कार।
ग्राम पंचायत विकास योजना पुरस्कार-वर्ष 2018 में शुरु किए गए इस पुरस्कार से देशभर में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाली ग्राम पंचायतों को सम्मानित किया जाता है, जिन्होंने राज्य या संघ राज्य क्षेत्र के लिए जीपीडीपी को विकसित किया है, जो पंचायती राज मंत्रालय के विशिष्ट दिशा-निर्देशों के अनुरूप हैं या अपनाए गए हैं। बाल सुलभ ग्राम पंचायत पुरस्कार की शुरुआत वर्ष 2018-19 के दौरान बाल-सुलभ प्रथाओं को अपनाने में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले ग्राम पंचायतों, ग्राम परिषदों, प्रत्येक राज्य व केंद्रशासित प्रदेशों में से एक के लिए किया गया। ई-पंचायत पुरस्कार-राज्यों व केंद्रशासित प्रदेशों को दिया जाता है या फिर अपने कामकाज में दक्षता, पारदर्शिता और जवाबदेही लाने के लिए पीआरआई की ई-सक्षमता को बढ़ावा देने के लिए। इस पुरस्कार का मुख्य उद्देश्य पंचायतों को सूचना और संचार प्रौद्योगिकी के उपयोग के लिए प्रोत्साहित करना है और उन राज्यों व केंद्रशासित प्रदेशों को प्रोत्साहित करना है, जिन्होंने ई-पंचायत अनुप्रयोगों को अपनाने और लागू करने की दिशा में समर्पित प्रयास किए हैं, साथ ही पंचायतों और उसके समतुल्य ग्रामीण निकायों के माध्यम से सेवाओं का इलेक्ट्रॉनिक वितरण को सक्षम बनाना है। कार्यक्रम में 'ग्राम मानचित्र' स्थानिक योजना एप भी शुरू किया गया, जोकि पंचायतों के लिए एक भूस्थानिक निर्णय समर्थन प्रणाली है। पंचायतें इस एप का उपयोग वास्तविक समय पर विकासात्मक योजना बनाने, इसके विकास और निगरानी के लिए कर सकती हैं।