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Thursday 24 October 2019 03:21:48 PM
नई दिल्ली। भारत सरकार ने 22 नवंबर 2018 को श्रीगुरु नानक देवजी की 550वीं जयंती को देश और दुनियाभर में भव्य तरीके से मनाने का एक प्रस्ताव पारित किया था और इसके तहत भारत-पाकिस्तान अंतर्राष्ट्रीय सीमा तक डेराबाबा नानक से करतारपुर साहिब कॉरिडोर के निर्माण और विकास को मंजूरी दी थी, ताकि भारत के खासतौर से सिख तीर्थयात्रियों को गुरुद्वारा दरबार साहिब करतारपुर की यात्रा करने में सुविधा हो और यह यात्रा वर्षभर सुचारू एवं सुगम तरीके से चल सके। इसी संदर्भ में भारत सरकार ने जीरो प्वाइंट इंटरनेशनल बाउंड्री डेराबाबा नानक में करतारपुर साहिब कॉरिडोर के संचालन के तौर-तरीकों पर पाकिस्तान के साथ समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। समझौते के तहत करतारपुर साहिब गलियारे के संचालन के लिए एक औपचारिक रूपरेखा तैयार की गई है। इस दौरान विदेश मंत्रालय, रक्षा मंत्रालय और गृह मंत्रालय के प्रतिनिधियों के साथ पंजाब सरकार के प्रतिनिधि भी उपस्थित थे।
समझौते की मुख्य बातें हैं कि भारतीय मूल के सभी धर्मों और व्यक्तियों के भारतीय तीर्थयात्री गलियारे का उपयोग कर सकते हैं, यात्रा वीज़ा मुक्त होगी, तीर्थयात्रियों को केवल एक वैध पासपोर्ट ले जाने की आवश्यकता है, भारतीय मूल के व्यक्तियों को अपने देश के पासपोर्ट के साथ ओसीआई कार्ड ले जाने की आवश्यकता है, कॉरिडोर सुबह से शाम तक खुलेगा, सुबह यात्रा करने वाले तीर्थयात्रियों को उसी दिन वापस लौटना होगा, कॉरिडोर पूरे साल चालू रहेगा, अधिसूचित दिनों को छोड़कर जिनकी जानकारी पूर्व में दी जाएगी, तीर्थयात्रियों के पास अकेले या समूहों में जाने के लिए और पैदल यात्रा करने का भी विकल्प होगा, भारत यात्रा की तारीख से 10 दिन पहले तीर्थयात्रियों की सूची पाकिस्तान को भेजेगा, यात्रा की तारीख से 4 दिन पहले तीर्थयात्रियों को पुष्टिकरण भेजा जाएगा और पाकिस्तान ने भारत को लंगर और प्रसाद के वितरण के लिए पर्याप्त प्रावधान करने का भी आश्वासन दिया है।
पाकिस्तान की तीर्थयात्रियों को 20 अमेरिकी डॉलर प्रति यात्री सेवाशुल्क के रूपमें वसूलने की जिद का मुद्दा मुख्य रूपसे चर्चा का विषय रहा है, जबकि भारत ने लगातार पाकिस्तान से तीर्थयात्रियों पर कोई शुल्क नहीं लगाने का आग्रह किया है। पिछली तीन संयुक्त सचिव स्तर की बैठकों और कूटनीतिक स्तरपर इसपर बार-बार जोर दिया गया था कि यह भारतीय तीर्थयात्रियों की धार्मिक और आध्यात्मिक भावनाओं के अनुरूप नहीं है। शुल्क माफ करने से इनकार करने पर भारत ने पाकिस्तान के साथ अपनी गहरी निराशा साझा की है। हालांकि 550 वें प्रकाशपर्व के पहले तीर्थयात्रियों और करतारपुर साहिब कॉरिडोर के समय पर परिचालन के हित में भारत समझौते पर हस्ताक्षर करने के लिए सहमत हो गया है, किंतु भारत सरकार इस मुद्दे पर पाकिस्तान सरकार से शुल्क लगाने के मुद्दे पर पुनर्विचार करने का आग्रह कर रही है। सभी मौसम कनेक्टिविटी के मुद्दे पर भारत सरकार ने अंतरिम व्यवस्था के रूपमें पुल का निर्माण भारतीय पक्ष और एक अस्थायी सेवा मार्ग के रूपमें किया है। उम्मीद है कि पाकिस्तान इस आश्वासन को पूरा करेगा कि वह जल्द से जल्द अपनी तरफ से पुल का निर्माण करेगा।
करतारपुर साहिब कॉरिडोर के समय पर उद्घाटन के लिए सभी आवश्यक इन्फ्रास्ट्रक्चर अर्थात राजमार्ग और यात्री टर्मिनल भवन पूरा होने वाले हैं। तीर्थयात्रियों के मार्ग को सुगम और आसान तथा सुविधाजनक बनाने के लिए एक मजबूत सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित की जा रही है।तीर्थयात्रियों के पंजीकरण के लिए ऑनलाइन पोर्टल prakashpurb550.mha.gov.in लाइव हो गया है। तीर्थयात्रियों को आवश्यक रूपसे इस पोर्टल पर ऑनलाइन पंजीकरण करना होगा और अपनी पसंद की किसी भी दिन की यात्रा करने के लिए पंजीकरण किया जा सकता है। पंजीकरण की पुष्टि यात्रा की तारीख से 3 से 4 दिन पहले तीर्थयात्रियों को एसएमएस और ईमेल से सूचित की जाएगी। एक इलेक्ट्रॉनिक यात्रा पर्ची जारी की जाएगी, जिसे यात्री टर्मिनल बिल्डिंग में पहुंचने पर तीर्थयात्रियों को अपने पासपोर्ट के साथ ले जानी होगी।