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अयोध्या में श्रीराम आगमन पर ऐतिहासिक दीपोत्सव

राज्यपाल मुख्यमंत्री अतिथियों और अयोध्यावासियों ने की अगवानी

विभिन्न सांस्कृतिक आयोजनों के बीच प्रभु श्रीराम का राज्याभिषेक

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Sunday 27 October 2019 02:36:50 PM

chief minister yogi adityanath crowned shri ram

अयोध्या। उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और फिजी की संसद की उपसभापति एवं फिजी सरकार में मंत्री इस आयोजन की मुख्य अतिथि वीना भटनागर ने अयोध्या में राम की पैड़ी पर ऐतिहासिक दीपोत्सव में भाग लिया एवं दीपोत्सव-2019 के इस पुनीत आयोजन में भक्तिपूर्ण वातावरण व मंत्रोच्चार के साथ सरयू के नया घाट पर सरयूजी की भव्य और दिव्य आरती उतारी। आरती में उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य, संत महात्माओं, विशिष्ट नागरिकों और भक्तगणों ने भाग लिया। आरती व दीप प्रज्ज्वलन के अलौकिक दृश्य से लोग अभिभूत नज़र आए। ऐसा महसूस हुआ कि दीपों के माध्यम से सकारात्मक ऊर्जा निकलकर कण-कण को राममय बना रही है। दीपोत्सव एक लोकोत्सव के रूपमें भी नज़र आया। इसके उपरांत सरयू पुल पर आतिशबाजी का भव्य एवं शानदार प्रदर्शन किया गया। हेलीकॉप्टर से प्रभु श्रीराम, माता सीता और वीरवर लक्ष्मण के प्रतीक स्वरूपों का अवतरण हुआ, राज्यपाल व मुख्यमंत्री तथा विशिष्ट अतिथियों ने उनका स्वागत और अभिनंदन किया। यहीं पर भरत मिलाप कार्यक्रम भी हुआ। प्रभु श्रीराम, माता सीता और लक्ष्मण का मंच पर पूजन, वंदन एवं आरती कर भगवान श्रीराम का प्रतीकात्मक राज्याभिषेक किया गया।
अयोध्या में दीपोत्सव को भव्यता प्रदान करने के लिए इस बार राम की पैड़ी के घाटों को वृहद रूप दिया गया। दीपोत्सव में दीपों के प्रकाश एवं रंगीन बिजली की रोशनी से संपूर्ण राम की पैड़ी जगमगा उठी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दीपोत्सव-2019 कार्यक्रम में राम की पैड़ी पर भारी संख्या में आए सभी आगंतुकों एवं साधु-संतों को अयोध्या का वातावरण राममय बनाने के लिए बधाई के साथ दीपावली की शुभकामनाएं दीं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि आजादी के 67 वर्ष बाद कहीं जाकर भारत के सांस्कृतिक गौरव, विरासत और परम्परा को जगाने का कार्य हुआ है। उन्होंने कहा कि श्रीराम की परम्परा गौरव की अनुभूति प्रदान करती है और रामराज्य की शासन व्यवस्था तो भेदभाव रहित तथा सभी दुःखों से परे है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि रामराज्य की अवधारणा को साकार करते हुए मोदी सरकार देश की सांस्कृतिक, सामरिक और आर्थिक शक्ति को मजबूत करने का कार्य कर रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि देश और प्रदेश में बिना किसी भेदभाव के जाति, सम्प्रदाय, मत, मजहब, भाषा से परे रहकर सभी वर्गों के उत्थान और विकास के लिए योजनाएं चलाई जा रही हैं। रामनगरी अयोध्या ने तीसरे दीपोत्सव पर 6 लाख 11 हजार दीपों को प्रज्ज्वलित कर नया विश्व कीर्तिमान स्थापित करते हुए गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में नाम दर्ज कराया है।
अयोध्या में श्रीराम की पैड़ी सहित दीपों का यह रिकॉर्ड एक साथ दीप जलाकर रचा गया। राम की पैड़ी पर 4 लाख 10 हजार दीपक, जबकि अयोध्या के विभिन्न मंदिरों और स्थानों में 2 लाख 1 हजार दीपक प्रज्ज्वलित किए गए, इतनी संख्या में अयोध्या ने दीपों को जलाकर विश्व रिकॉर्ड स्थापित किया। मुख्यमंत्री को गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड का प्रमाणपत्र प्रदान किया गया। दीप प्रज्ज्वलन के उपरांत दीपक की रोशनी के बीच प्रोजेक्शन मैपिंग शो के माध्यम से राम कथा का प्रदर्शन किया गया। अद्भुत, अलौकिक एवं अनुपम छटा के बीच अयोध्या में भव्य एवं दिव्य दीपोत्सव-2019 का आयोजन हुआ। सरयू के 12 घाटों पर महाविद्यालयों, विद्यालयों के छात्र-छात्राओं और वॉंलंटियर्स ने दीपोत्सव कार्यक्रम में दीप जलाए। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अयोध्या के विकास और सौंदर्यीकरण के लिए लगभग 226 करोड़ रुपए की परियोजनाओं का शिलान्यास और लोकार्पण भी किया, साथही दीपोत्सव की स्मृतियों को संजोए रखने के लिए डाक टिकट जारी किया। लोकार्पित परियोजनाओं में राम की पैड़ी में अविरल जल प्रवाह हेतु पैड़ी की रिमॉडलिंग, गुप्तारघाट का विकास, हनुमान गढ़ी के प्रवेश एवं निकास द्वार पर शेड निर्माण, अयोध्या में भजन स्थल का निर्माण, ग्राम सुनवा में कामाख्या भवानी मंदिर में यात्री शेड व सुलभ कॉम्प्लेक्स का निर्माण, जिला महिला चिकित्सालय अयोध्या में 100 शैय्या के मेटरनिटी विंग का निर्माण प्रमुख हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत की ऋषि परम्परा का संदेश वसुधैव कुटुम्बकम का रहा है, साथही स्वत्व व स्वाभिमान को ठेस पहुंचाने पर भारत के लोगों ने मुंहतोड़ जवाब भी दिया है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ढाई वर्ष के दौरान व लगभग डेढ़ दर्जन बार अपने अयोध्या भ्रमण की चर्चा करते हुए कहा कि पूर्व की सरकारों में अयोध्या उपेक्षित था, अब सैकड़ों करोड़ रुपए की योजनाएं अयोध्या के विकास और सौंदर्यीकरण के लिए लागू की जा रही हैं। राम की पैड़ी को हरिद्वार की हरि की पैड़ी के समान बनाया जा रहा है। योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रधानमंत्री के नेतृत्व मे रामायण सर्किट, कृष्णा सर्किट, आध्यात्मिक महत्व के सर्किटों को विकसित करने का कार्य किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश के पास अयोध्या, काशी और मथुरा जैसे आध्यात्मिक वैभव और महत्व के जनपद हैं, इनकी समृद्ध परम्परा के साथ जुड़ते हुए उन्हें आगे बढ़ाने का कार्य करना होगा। उन्होंने कहा कि अयोध्या को उसकी खोई हुई पहचान वापस दिलाने का कार्य किया जा रहा है, दीपोत्सव का आयोजन उसी कड़ी का एक हिस्सा है। उन्होंने दीपोत्सव को देश व दुनिया में दिखाए जाने के लिए मीडिया के प्रति आभार व्यक्त किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि भगवान श्रीराम के आदर्श मर्यादा का पालन करते हुए आगे बढ़ने की प्रेरणा देते हैं, इनसे यह भी सीख मिलती है कि सही मार्ग पर चलकर विजयश्री प्राप्त की जा सकती है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि भगवान श्रीराम के आदर्शों से प्रेरित होकर सभी लोग देश व प्रदेश के विकास में योगदान देंगे। उन्होंने कहा कि दीपोत्सव का आयोजन सामूहिक भावनाओं से ओत-प्रोत होते हुए पर्यावरण की रक्षा का भी संदेश देता है। मुख्यमंत्री ने फिजी गणराज्य से पधारीं वहां की संसद की उप-सभापति एवं मंत्री वीना भटनागर का स्वागत व अभिनंदन करते हुए कहा कि फिजी में एक नया भारत बसता है।
राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने दीपावली की बधाई व शुभकामनाएं देते हुए कहा कि दीपावली का पर्व अंधेरे से लड़ने की प्रेरणा देता है। उन्होंने कहा कि प्रभु श्रीराम का नाम मनुष्य के अंदर और बाहर उजाला करता है। उन्होंने अयोध्या का वर्णन पौराणिक ग्रंथों में मिलने की चर्चा करते हुए कहा कि प्रदेश सरकार ने एक सराहनीय कदम उठाते हुए अयोध्या के दीपोत्सव को राज्य मेले का दर्जा दिया है। राज्यपाल ने कहा कि भगवान श्रीराम का जीवन आदर्श जीवन की परिकल्पना है, इससे सभी को प्रेरणा मिलती है, उनके आदर्शों का पालन कर एक साधारण मनुष्य भी महापुरुष बन सकता है। उन्होंने कहा कि प्रभु श्रीराम के जीवन का हर पक्ष मानवता का संदेश देता है, वह आस्था और प्रेम का प्रतीक है। फिजी की उपसभापति वीना भटनागर ने अयोध्या की भूमि को शत-शत प्रणाम करते हुए फिजी की ओर से दीपावली की शुभकामनाएं और मंगलकामनाएं कीं। उन्होंने दीपोत्सव-2019 कार्यक्रम में आमंत्रित किए जाने के लिए केंद्र व प्रदेश सरकार का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि फिजी के लोग भारतीय संस्कृति, भाषा, परम्परा और विरासत अभिन्न रूपसे संजोए हुए हैं। उन्होंने कहा कि फिजी में 2000 रामायण मंडलियां कार्यरत हैं, वहां पर रामायण व गीता पाठ होता है, श्रद्धा-भक्ति का भाव वहां के लोगों के रोम-रोम में बसा है। उपसभापति ने कहा कि भारत और फिजी के रिश्ते निरंतर मजबूत हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि सांस्कृतिक, सामाजिक व आर्थिक समृद्धि की दिशा में दोनों देश परस्पर मिल-जुलकर कार्य कर रहे हैं, फिजी में भारतीय संस्कृति व हिंदी का संरक्षण व संवर्धन किया जा रहा है, विद्यार्थियों को भारत सरकार की तरफ से छात्रवृत्ति प्रदान की जाती है, जिससे उन्हें अध्ययन में मदद मिलती है, भारत की चिकित्सा सुविधाओं का लाभ भी फिजीवासियों को मिलता है।
केंद्रीय संस्कृति एवं पर्यटन के स्वतंत्र प्रभार राज्यमंत्री प्रहलाद सिंह पटेल ने कहा कि दीपोत्सव कार्यक्रम में श्रीराम के समय के दृश्य एक बार फिर से जीवंत हो उठे हैं। उत्तर प्रदेश के पर्यटन राज्यमंत्री नीलकंठ तिवारी ने अतिथियों का धन्यवाद व आभार व्यक्त किया। मुख्यमंत्री ने संतों का भी स्वागत, वंदन और अभिनंदन किया। अयोध्या पर हेलीकॉप्टर से पुष्प वर्षा की गई, जिससे कार्यक्रम स्‍थल पर उपस्थित जनसमुदाय आह्लादित हुआ। अयोध्या में राम की पैड़ी में दीप प्रज्ज्वलन के उपरांत रामकथा पार्क में विभिन्न देशों की रामलीलाओं का मंचन किया गया। रामलीलाओं के मंचन में नेपाल, श्रीलंका, इंडोनेशिया, फिलीपिंस आदि की रामलीलाएं शामिल थीं। रामलीला के क्षेत्र में विशिष्ट योगदान देने वाले व्यक्तियों व टीमों को सम्मानित किया गया। दीपोत्सव पर अंतर्राष्ट्रीय रामलीला प्रस्तुत करने वाले नेपाल की रामलीला दल के नायक परमेश नेपाल, श्रीलंका रामलीला दल के नायक विक्रमा सिंहे चंदना, इंडोनेशिया रामलीला दल के नायक कोकोर्डा पुत्रा तथा फिलीपिंस रामलीला दल के नायक स्टीवेंस फिलीपिंस को शॉल एवं स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया। रामायण क्षेत्र में काम करने वाले विशेषज्ञों मॉरीशस के राजेंद्र अरूण एवं डॉ विनोद बाला अरूण, थाईलैंड के सुशील कुमार धानुका, थाईलैंड के आचार्य चिरापट्ट परपंडविद्या, थाईलैंड की अनीता बोस, चीन के जीई किंगकन, जनकपुर नेपाल के महंत रामरोशन दासजी महाराज तथा बजरंग मठ जबलपुर के डॉ पवन स्थापक को शॉल एवं स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया। इस अवसर पर राज्य मंत्रिमंडल के सदस्य, जनप्रतिनिधि, साधु-संत समाज, शासन-प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

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