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Thursday 31 October 2019 03:28:08 PM
नई दिल्ली। देशभर में आज लौहपुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल की जयंती राष्ट्रीय एकता दिवस के रूपमें मनाई जा रही है। राजधानी दिल्ली में पटेल चौक पर केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कृतज्ञ राष्ट्र की ओर से सरदार वल्लभभाई पटेल को श्रद्धासुमन अर्पित किए। इस अवसर पर गृहमंत्री अमित शाह ने शपथ भी ली कि वे सत्यनिष्ठा से राष्ट्र की एकता, अखंडता और सुरक्षा को बनाए रखने के लिए स्वयं को समर्पित करेंगे और देशवासियों के बीच यह संदेश दिलाने का भी भरसक प्रयास करेंगे। उन्होंने कहा कि वे यह शपथ देश की एकता की भावना से ले रहे हैं, जिसे सरदार वल्लभभाई पटेल की दूरदर्शिता और कार्यों से संभव बनाया जा सका है। अमित शाह ने कहा कि वे देश की आंतरिक सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए अपना योगदान करने का सत्यनिष्ठा से संकल्प करते हैं। उन्होंने कहा कि सरदारजी के कारण ही अखंड भारत का अस्तित्व सामने आया, उन्होंने भारत को एक करने का कार्य किया, इसलिए एकता दिवस पर हम सरदार वल्लभभाई पटेल को याद करके देश को अखंडित रखने के लिए आगे बढ़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि आज हमारे सामने जो 'एक भारत' का मानचित्र दिखाई दे रहा है, वह सरदारजी के ही कारण दिखाई दे रहा है और अब जम्मू-कश्मीर भी भारत का अभिन्न हिस्सा बन गया है।
गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि देश को आजाद करते समय अंग्रेजों ने देश को रियासतों में बांटने का काम किया था, उनका मानना था कि भारत को आजादी तो मिले, किंतु कई टुकड़ों में। अमित शाह ने कहा कि उस समय जब यह समस्या उठाई गई कि 550 टुकड़ों में एक देश कैसे पनप सकता है, कैसे विकसित हो सकता है तो महात्मा गांधी ने निर्णय किया कि देश की सभी रियासतों को एक संघ राज्य भारत बनाने का काम देश के प्रथम गृहमंत्री सरदार पटेल कर सकते हैं, उसी दिन से सरदारजी ने दृढ़ता से जबतक पूरा देश एक नहीं हुआ, तबतक सभी रियासतों को जोड़ने का कार्य करते रहे। गृहमंत्री ने कहा कि तत्कालीन समय में कई दिक्कतें भी आईं, किंतु सरदारजी ने एक भारत बनाने का काम किया और भारत को वर्तमान स्वरूप दिया। अमित शाह ने कहा कि महात्मा गांधी ने सरदारजी को इस संदर्भ में पत्र भी लिखा था कि रियासतों की समस्या इतनी जटिल थी कि उनके अलावा और कोई इस कार्य कों नहीं कर सकता था तथा उन्होंने देश को एक करके भारत की सबसे बड़ी सेवा करने का काम किया है।
गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि सरदारजी ने आजादी के बाद देश को एक करने का काम किया, किंतु एक कसक छूट गई थी, जो जम्मू-कश्मीर के रूपमें थी, जम्मू-कश्मीर का विलय तो भारत में हुआ, किंतु धारा 370 और 35ए के कारण यह समस्या बन गई थी, जिसे 70 साल तक किसी ने भी छूना भी मुनासिब नहीं समझा, लेकिन जब देश की जनता ने 2019 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को दोबारा सत्ता सौंपी, तब धारा 370 और 35ए को हटाने का साहसिक फैसला लिया गया और सरदार पटेल का अधूरा स्वप्न पूरा किया गया। अमित शाह ने कहा कि नरेंद्र मोदी ने धारा 370 व 35ए को समाप्त करके कश्मीर को भारत के साथ हमेशा के लिए जोड़ने का काम किया है। अमित शाह ने कहा कि धारा 370 और 35ए आतंकवाद का गेटवे बनी हुई थीं, जिसे रोकने का काम नरेंद्र मोदी सरकार ने किया। उन्होंने कहा कि देश की आजादी के कई साल बाद भी सरदार पटेल को उचित सम्मान नहीं दिया गया और उनको भुलाने के प्रयास किए गए, किंतु प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुजरात में देश के करोड़ों किसानों से अपने खेत में उपयोग किया जा चुका लोहा मांगने का काम किया और देशभर के करोड़ों किसानों के पास से लोहा, गांव से मिट्टी तथा नदियों का जल मंगाकर गुजरात में एक अद्भुत स्टैचू ऑफ यूनिटी बनाया, जो दुनिया में सबसे ऊंची मूर्ति है।
अमित शाह ने कहा कि नरेंद्र मोदी ने 182 मीटर ऊंचे इस स्टैचू को बनाकर सरदार साहब को उचित सम्मान देकर विश्व के सामने उदाहरण प्रस्तुत किया है। उन्होंने कहा कि नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत दुनिया में सबसे तेज अर्थव्यवस्था बनने के बाद 2024 तक 5 ट्रिलियन इकोनॉमी बनकर दुनिया के सबसे बड़े अर्थतंत्र की सूची में शामिल हो जाएगा। उन्होंने राष्ट्रीय एकता दिवस पर रन फार यूनिटी को झंडी दिखाकर रवाना किया और कहा कि एकता दौड़ देशवासियों की एकता के प्रति प्रतिबद्धता दर्शाती है और देशभर में हर नगर, हर शहर में एकता दौड़ का आयोजन किया गया, जो सरदारजी को सच्ची श्रद्धांजलि है। गृहमंत्री ने कहा कि एकता दौड़ की शुरुआत उस समय गुजरात के मुख्यमंत्री और वर्तमान भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने की थी।