स्वतंत्र आवाज़
word map

'भारत-जर्मनी की वैश्विक साझेदारी में प्रगति'

विश्‍व समुदाय आतंकवाद से मिलकर लड़े-रामनाथ कोविंद

राष्‍ट्रपति रामनाथ कोविंद से मिलीं जर्मन चांसलर एंजेला

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Saturday 2 November 2019 04:15:08 PM

german chancellor meets president ram nath kovind

नई दिल्ली। राष्‍ट्रपति रामनाथ कोविंद ने संघीय गणराज्य जर्मन की चांसलर डॉ एंजेला मर्केल का राष्‍ट्रपति भवन में जोरदार स्‍वागत किया और कहा कि जर्मनी और भारत के बीच पहले से भी ज्यादा मजबूत वाणिज्यिक संबंध हैं। उन्होंने कहा कि यूरोपीय संघ एवं भारत में व्‍यापक व्‍यापार व निवेश के क्षेत्र में संतुलित समझौते को जल्‍द लागू करने के लिए यूरोपीय संघ के प्रयासों में तेजी लाने में जर्मनी के समर्थन को भारत महत्‍वपूर्ण मानता है, इससे दोनों पक्षों के व्‍यापारिक समुदाय को न केवल मजबूत और सकारात्‍मक संदेश मिलेगा, बल्कि भारत-जर्मनी के बीच व्‍यापार एवं प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में और भी ज्यादा सहयोग बढ़ेगा।
राष्‍ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि भारत-जर्मनी के बीच वैश्विक साझेदारी में अच्‍छी प्रगति हो रही है और बहुपक्षीय व बहुध्रुवीय व्‍यवस्‍था को मजबूत करने के लिए हमें एकसाथ मिलकर काम करना चाहिए। उन्होंने कहा कि भारत और जर्मनी पुनर्गठित संयुक्‍तराष्‍ट्र सुरक्षा परिषद की स्‍थायी सदस्‍यता के लिए अधिकृत दावेदार हैं, इसके संदर्भ में जी-4 के हिस्‍से के रूपमें हमारा सहयोग महत्‍वपूर्ण है। राष्‍ट्रपति ने कहा कि आतंकवाद एक ऐसी वैश्विक चुनौती है, जिसके विरुद्ध विश्‍व समुदाय को एकसाथ मिलकर लड़ने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि भारत और जर्मनी को आतंकवाद से मुकाबला करने में सहयोग बढ़ाने के साथ-साथ फाइनेंशियल एक्‍शन टॉस्‍क फोर्स की बैठकों में अपनी स्थितियों से तालमेल बनाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि विश्‍व के सभी हिस्‍सों में आतंकवादियों के सुरक्षित ठिकानों को नष्‍ट करना होगा।
जर्मन चांसलर डॉ एंजेला मर्केल इससे पूर्व नई दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ गांधी स्मृति स्‍थल का दौरा किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महात्मा गांधी की प्रतिमा के समक्ष चांसलर की अगवनी की। इस मूर्ति को प्रसिद्ध मूर्तिकार पद्मभूषण राम सुतार ने बनाया है। इस स्थल के महत्व का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने डॉ एंजेला मर्केल को बताया कि गांधी स्मृति वह स्थान है, जहां महात्मा गांधी ने अपने जीवन के कुछ महीने गुजारे थे और 30 जनवरी 1948 को उनकी हत्या हुई थी। दोनों विश्व नेताओं ने उसके बाद संग्रहालय का दौरा किया। संग्रहालय में प्रतिष्ठित कलाकार उपेंद्र महारथी तथा शांतिनिकेतन के नंदलाल बोस की छात्रा इंडो-हंगेरियन चित्रकार एलिजाबेथ ब्लूनर के बनाए रेखाचित्रों और पेंटिंग्स का अवलोकन किया।
डॉ एंजेला मर्केल ने बिराद राजाराम याज्ञनिक की डिजिटल वीथिका को भी देखा, जो अहिंसा और सत्याग्रह की विषयवस्तु पर बनाई गई है। इसके बाद दोनों नेताओं ने संग्रहालय में विविध डिजिटल अधिष्ठापनाओं को देखा, जिनमें महात्मा गांधी के बारे में अलबर्ट आइंस्टीन का कथन शामिल है। इसके अलावा 107 देशों में गाए जाने वाले ‘वैष्णव जन तो’ का गायन संबंधी इंटरऐक्टिव कियॉस्क भी देखा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और जर्मनी की चांसलर डॉ एंजेला मर्केल ने शहीद स्तंभ पर महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि दी और पुष्प अर्पित किए।
भारत-जर्मनी संग्रहालयों में सहयोग समझौता
केंद्रीय संस्कृति और पर्यटन राज्यमंत्री (स्‍वतंत्र प्रभार) प्रहलाद सिंह पटेल ने नई दिल्ली में फैडरल चांसलर की राज्‍यमंत्री संस्कृति तथा मीडिया की संघीय सरकार आयुक्‍त मोनिका ग्रूटर्स के नेतृत्व में आए जर्मन शिष्‍टमंडल के साथ द्विपक्षीय बैठक की। बैठक के दौरान भारत और जर्मनी के संग्रहालयों के बीच सहयोग के संबंध में एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए। इस समझौता ज्ञापन में राष्‍ट्रीय संग्रहालय दिल्‍ली, राष्‍ट्रीय आधुनिक कला संग्रहालय, भारतीय संग्रहालय कोलकाता, पेरूसियन कल्‍चरल हेरिटेज फाउंडेशन स्टॉफ़ेनबर्गस्टर, बर्लिन और स्टिफ़टंग हम्बोल्ट फ़ोरम इम बर्लिनर सेलॉस बर्लिन शामिल है। समझौता ज्ञापन का उद्देश्य पुरातात्विक मानवजातीय और कलात्‍मक ऐतिहासिक वस्तुओं और उनके ऐतिहासिक तथा समकालीन स्रोतों का भौतिक संस्कृति के अध्ययन के ढांचे के भीतर अनुसंधान करना है।
प्रह्लाद सिंह पटेल ने कहा कि संस्कृति की राष्ट्र के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका होती है। भारत और जर्मनी में शैक्षणिक और सांस्कृतिक आदान-प्रदान की एक लंबी परंपरा है। इस समझौता ज्ञापन से दोनों देशों से संबंधित प्राचीन ग्रंथों का जर्मन और भारतीय भाषाओं में अनुवाद करने की संभावनाओं का पता लगाया जाएगा। उदाहरण के लिए सन्यास उपनिषद और यतिधर्म प्रकाश जैसे संस्कृत ग्रंथों का जर्मन भाषा में अनुवाद किया जा सकता है। इसी तरह गुंटर ग्रास के डाई ब्लेलेक्रोमेल, थॉमस मैन के बुडेनब्रुक्‍स और फ्रांज काफ्का के द ट्रायल का हिंदी या संस्कृत में अनुवाद किया जा सकता है। अमूर्त सांस्कृतिक विरासत, बहाली और संरक्षण अध्ययन तथा शिक्षण कार्य इसमें शामिल होंगे। इस सहयोग का आधार प्रतिभागी संस्थानों के संग्रह और उनकी विशेषज्ञता है।

हिन्दी या अंग्रेजी [भाषा बदलने के लिए प्रेस F12]