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Saturday 9 November 2019 12:32:19 PM
कोलकाता। पश्चिमी बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने कहा है कि भारतीय अंतर्राष्ट्रीय विज्ञान महोत्सव जैसे मेगा आयोजन देश में वैज्ञानिक दृष्टिकोण विकसित करने में सहायक होंगे। कोलकाता में 5वें भारतीय अंतर्राष्ट्रीय विज्ञान महोत्सव के समापन समारोह को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि ऐसे आयोजनों को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर ले जाया जाना चाहिए। राज्यपाल ने कहा कि हमारी वैज्ञानिक उपलब्धि श्रेष्ठ स्थान पर पहुंच गई है और भारत में सटीक मौसम अनुमान के कारण तूफान से जानमाल की कम क्षति हुई हैं। केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी, पृथ्वी विज्ञान और स्वास्थ्य तथा परिवार कल्याण मंत्री डॉ हर्षवर्धन ने कहा कि मौसम के अनुमान के लिए कम्प्यूटिंग क्षमता की दृष्टि में भारत चौथे स्थान पर आ गया है और चार करोड़ से अधिक किसानों को एमएमएस के जरिए मौसम का सटीक अनुमान भेजा जा रहा है, इससे कृषि क्षेत्र में नुकसान कम हुआ है और भारत के सकल घरेलू उत्पाद में 50 हजार करोड़ रुपये का फायदा हुआ है।
विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री डॉ हर्षवर्धन ने कहा कि भारत वैज्ञानिक अनुसंधान किसी से पीछे नहीं है, भारत विश्व के 5 शीर्ष वैज्ञानिक देशों में से एक है। उन्होंने कहा कि भूकम्प का विश्लेषण और अध्ययन करने के लिए महाराष्ट्र में पृथ्वी के नीचे गहराई पर सेंसर लगाए गए हैं। डॉ हर्षवर्धन ने कहा कि प्रधानमंत्री की पर्यावरण हितैषी पहल स्वच्छ भारत अभियान से प्रेरणा लेकर भारत ने बायोमास वेस्ट से एथेनॉल बनाने की प्रक्रिया का सफल प्रदर्शन किया है। उन्होंने कहा कि सीएसआईआर प्रयोगशालाएं पर्यावरण प्रदूषण पर काबू पाने के लिए हरित प्रयास कर रही हैं एवं 5000 से अधिक स्टार्टअप को विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग सहायता दे रहा है। डॉ हर्षवर्धन ने कहा कि विज्ञान महोत्सव के दौरान 3 नए गिनिज विश्व रिकार्ड बनाए गए हैं। उन्होंने कहा कि 700 से अधिक जिलों ने इस मेगा विज्ञान महोत्सव में भाग लिया, अफगानिस्तान, भूटान, म्यांमार, मालदीव, ब्रिटेन और दक्षिण कोरिया से उच्चस्तरीय शिष्टमंडल शामिल हुआ।
डॉ हर्षवर्धन ने इससे पहले राष्ट्रीय विज्ञान शिक्षक सम्मेलन के समापन सत्र को संबोधित करते हुए बच्चों में वैज्ञानिक दृष्टिकोण विकसित करने के लिए शिक्षकों से कहा कि वे बच्चों को इसके लिए प्रेरित करें। डॉ हर्षवर्धन ने प्रतिनिधियों को सम्मानित किया और महिला वैज्ञानिकों एवं उद्यमियों को पुरस्कार प्रदान किए। वार्षिक विज्ञान महोत्सव का उद्देश्य समावेशी उन्नत विज्ञान और प्रौद्योगिकी के लिए नीति निर्धारित करना था। इस वर्ष के महोत्सव का विषय आरआईएसईएन इंडिया-अनुसंधान, नवाचार और राष्ट्र का वैज्ञानिक सशक्तिकरण था।