स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम
Saturday 9 November 2019 03:46:59 PM
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से दिल्ली के रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशंस के प्रतिनिधियों ने मुलाकात की और हाल के केंद्रीय मंत्रिमंडल के ऐतिहासिक निर्णय के लिए उनकी सराहना की। प्रधानमंत्री ने इस अवसर पर कहा कि इससे पूरी दिल्ली का भाग्य बदलेगा और जबतक दिल्ली का भाग्य नहीं बदलेगा, तबतक देश का भाग्य नहीं बदलेगा। उन्होंने कहा कि इस निर्णय के परिप्रेक्ष्य में सबका साथ सबका विकास की भावना है, यह निर्णय राजनीति से ऊपर है और सभी व्यक्तियों के हित के लिए है। उन्होंने कहा कि धर्म और राजनीतिक पहचान को आधार नहीं बनाया गया है, संसद सदस्यों, विधायकों, कालोनीवासियों समेत सभी क्षेत्रों के लोगों के साथ विचार-विमर्श करके पीएम-उदय योजना को लॉंच किया गया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस निर्णय को दिल्लीवासियों की जीत बताया, जो सभी सरकारों के साथ इस आशा से सहयोग करते रहे हैं कि उनके जीवन में बदलाव आएगा। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार इनके जीवन में अस्थिरता और अनिश्चितता के वातावरण को समाप्त करना चाहती थी, उसने मालिकाना हक अथवा हस्तांतरण अधिकार पर आधारित कानून लाने का फैसला किया, इस निर्णय से दशकों की अनिश्चितता समाप्त होगी तथा मकान खाली करने या विस्थापित होने के डर से मुक्ति मिलेगी और लोग अपने जीवन के सपनों को पूरा कर सकेंगे। प्रधानमंत्री ने कहा कि आजादी के बाद देश में निर्णय नहीं लेने, निर्णय लेने में विलम्ब करने और समस्याओं से दूर रहने की संस्कृति विकसित हो गई थी, जिससे हमारे जीवन में अस्थिरता आई।
जम्मू-कश्मीर का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि अनुच्छेद 370 के अस्थाई प्रावधान से क्षेत्र में अस्थिरता और भ्रम की स्थिति रही, इसी प्रकार तीन तलाक के मुद्दे ने महिलाओं के जीवन को दयनीय बनाया हुआ था। उन्होंने कहा कि सरकार ने इनको समाप्त कर दिया है और इसी प्रकार 40 लाख निवासियों के मन से घर खाली करने के भय को भी समाप्त कर दिया गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मध्यम आयवर्ग के नागरिकों के लिए रुकी हुई आवास परियोजनाओं को फिर से शुरु करने से सम्बंधित निर्णय का उल्लेख किया। इस निर्णय से देश के 4.5 लाख घर खरीदने वालों को लाभ मिलेगा और वे अपना जीवन शांतिपूर्ण ढंग से व्यतीत कर सकेंगे। उन्होंने कहा कि पीएम-उदय योजना दिल्ली के लाभार्थियों के जीवन में एक नई सुबह लेकर आई है।
प्रधानमंत्री ने 2022 तक सभी के लिए आवास उपलब्ध कराने से सम्बंधित सरकार की प्रतिबद्धता का उल्लेख किया। इस दौरान केंद्रीय आवासन एवं शहरी कार्यमंत्री हरदीप सिंह पुरी, दिल्ली के संसद सदस्य मनोज तिवारी, हंसराज हंस और विजय गोयल भी उपस्थित थे। गौरतलब है कि केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 23 अक्तूबर 2019 को दिल्ली की अनाधिकृत कालोनियों में रहने वाले लोगों को मालिकाना हक/ हस्तांतरण अधिकार देने से सम्बंधित प्रस्ताव को मंजूरी दी थी, इसकी अधिसूचना 29 अक्तूबर 2019 को जारी की गई थी। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने संसद के आगामी सत्र में जनरल पावर ऑफ अटार्नी (जीपीए), वसीयत, क्रय-विक्रय से सम्बंधित अनुबंध, सम्पत्ति पर कब्जे के दस्तावेज से सम्बंधित विधेयक पेश करने की मंजूरी दी है। प्रस्तावित विधेयक में पंजीकरण शुल्क और स्टाम्प ड्यूटी को नाममात्र रखने का प्रावधान है, जो सरकार तय करेगी। यह मौजूदा सर्किल रेट से अलग होगा, ये सुविधाएं केवल एक बार के लिए मान्य होंगी और यह अनाधिकृत कालोनीवासियों की विशेष परिस्थितियों को देखते हुए ऐसा निर्णय लिया गया है।