स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम
Tuesday 12 November 2019 01:56:32 PM
नई दिल्ली। भारतवर्ष आज कार्तिक पूर्णिमा और सिख धर्म के आराध्य एवं मानवता के आदर्श श्रीगुरु नानक देवजी की 550वीं जयंती मना रहा है। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह और रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने श्रीगुरु नानक देवजी के 550वें जन्म दिवस और कार्तिक पूर्णिमा पर देशवासियों को बधाई एवं शुभकामनाएं दी हैं। इनके अलग-अलग बधाई संदेशों में कहा गया है कि श्रीगुरु नानक देवजी का जीवन और शिक्षाएं संपूर्ण मानवता को प्रेम, त्याग, समानता और सद्भाव के आदर्शों से अवगत कराती हैं। उन्होंने कहा कि श्रीगुरु नानक देवजी के ज्ञान का प्रकाश सभी को भेदभाव तथा कर्मकांडों से मुक्त होने के लिए आलोकित करता है और 'सरबत दा भला' यानी 'सभी की भलाई' के लिए प्रेरित करता है।
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि श्रीगुरु नानक देवजी ने 'नाम जपो, कीरत करो और वंड छको' का संदेश दिया है, जिसका अर्थ है-ईश्वर के नाम का जप करो, ईमानदारी और मेहनत के साथ अपनी जिम्मेदारी निभाओ और जो कुछ भी कमाते हो उसे जरूरतमंदों के साथ बांटो। रामनाथ कोविंद ने कहा कि श्रीगुरु नानक देवजी ने पूरी मानवता के कल्याण का आह्वान किया था, उन्होंने महिलाओं के सम्मान पर जोर दिया और एक आदर्श पारिवारिक पुरुष एवं महान संत के रूपमें पूरी दुनिया को 'कर्म' का संदेश दिया। रामनाथ कोविंद ने कहा कि आइये, हम इस शुभ अवसर पर श्रीगुरु नानक देवजी का अनुसरण करें और उनकी समानता तथा सामाजिक एकता की शिक्षाओं पर आधारित समाज का निर्माण करें। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी अमृतसर साहिब के सुल्तानपुर लोधी में होने वाले श्रीगुरु नानक देवजी के 550वें जयंती समारोह में भी शामिल हुए।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने श्रीगुरु नानक देवजी के 550वें प्रकाश पर्व पर उनका श्रद्धापूर्वक स्मरण करते हुए देशवासियों और खासतौर से विश्व के सिख समुदाय को उनकी जयंती पर बधाई दी हैं। प्रधानमंत्री ने अपने शुभकामना संदेश में कहा है कि यह दिन श्रीगुरुनानक देवजी के न्याय संगत, समग्र और सौहार्दपूर्ण समाज के स्वप्न को पूरा करने के लिए खुद को एक बार फिर समर्पित करने का दिन है। उन्होंने कहा कि श्रीगुरुनानक देवजी ने नैतिकतापूर्ण जीवन के उच्च मानदंड स्थापित किए, उन्होंने मानवता और हिंदू धर्म की रक्षा के लिए कार्य किए एवं कुरीतियों का सदैव विरोध किया, उनका दर्शन सूफियों जैसा था। प्रधानमंत्री ने कहा कि श्रीगुरुनानक देवजी की शिक्षाएं समाज को प्रकाश की ओर ले जाती हैं, जिनसे मनुष्य को अपने देश अपने समाज अपने परिवार और शिक्षा का ज्ञान मिलता है।
सुल्तानपुर लोधी कपूरथला पंजाब में श्रीगुरू नानक देवजी की 550वीं जन्मशती समारोह में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि सुल्तानपुर लोधी आना उनके लिए सौभाग्य की बात है, यह वह भूमि है, जहां श्रीगुरू नानक देवजी को ज्ञान की प्राप्ति हुई थी। राष्ट्रपति ने कहा कि श्रीगुरूनानक देवजी ने लोगों को समानता, भाईचारे, दया और नैतिकता का पाठ पढ़ाकर उन्हें जाति, सम्प्रदाय और कर्मकांड से मुक्त कराने का प्रयास किया। राष्ट्रपति ने कहा कि श्रीगुरू नानक देवजी के सच्चे अनुयायी सभी के कल्याण के लिए कार्य करते हैं, सौहार्द के साथ रहते हैं और कर्मठता और ईमानदारी के साथ अपना काम करते हैं। उन्होंने कहा कि श्रीगुरूनानक देवजी की अध्यवसाय आधारित धार्मिक शिक्षाओं का परिणाम है कि उनके अनुयायियों का पूरी दुनिया में नाम है। उन्होंने कहा कि इस महान गुरू की शिक्षाओं का पालन करके हम अपने देश को दुनिया से बेहतर बनाने में बड़ा योगदान कर सकते हैं।
गौरतलब है कि श्रीगुरु नानक देवजी सिखों के प्रथम यानी आदिगुरु हैं, इनके अनुयायी इन्हें गुरू नानक, नानक देवजी, बाबा नानक और नानकशाह जैसे विभिन्न नामों और विशेषणों से संबोधित करते हैं। श्रीगुरु नानक देवजी अपने व्यक्तित्व में दार्शनिक, योगी, गृहस्थ, धर्म सुधारक, समाज सुधारक, कवि, देशभक्त और विश्वबंधु जैसे गुणों से समृद्धशाली थे, वे सर्वेश्वरवादी थे। उन्होंने मानवता को सनातन मत की मूर्तिपूजा की शैली के विपरीत एक परमात्मा की उपासना का एक अलग मार्ग दिया। संत साहित्य में श्रीगुरु नानक देवजी उन संतों की श्रेणी में हैं, जिन्होंने नारी को बड़प्पन दिया है। इनके उपदेश का सार यही होता था कि ईश्वर एक है। जीवन के अंतिम दिनों में इनकी ख्याति बहुत बढ़ गई और इनके विचारों में भी परिवर्तन हुआ। ये स्वयं अपने परिवारवर्ग के साथ रहने लगे और मानवता की सेवा में समय व्यतीत करने लगे। उन्होंने करतारपुर नामक एक नगर बसाया, जोकि अब पाकिस्तान में है और वहां एक बड़ी धर्मशाला बनवाई। भारत-पाकिस्तान ने बाबा के दर्शनार्थ करतारपुर कॉरिडोर का निर्माण कराया है।