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Thursday 14 November 2019 04:07:51 PM
नई दिल्ली। भारत सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकताओं में विदेशी बैंकों में जमा कालेधन के खिलाफ सख्त अभियान है, जिसका प्रमाण है कि कर चोरी के खिलाफ मुहिम में सहयोग बढ़ाने के लिए भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और स्विट्जरलैंड के राष्ट्रपति उली मौरर के बीच हुए करार के बाद से दोनों देश कर चोरी से जुड़े मामलों में तेजीसे सूचनाएं साझा करने के लिए मिलकर काम कर रहे हैं। इस सहयोग को आगे बढ़ाने के लिए भारत सरकार के राजस्व सचिव डॉ अजय भूषण पांडे और स्विट्जरलैंड की अंतर्राष्ट्रीय वित्त सचिव डेनिला स्टॉफेल ने नई दिल्ली में सचिव स्तर की बैठक में कर मामलों में प्रशासनिक मदद और विशेष रूपसे एचएसबीसी के मामले में स्विट्जरलैंड के प्रयासों में हुई प्रगति पर संतोष व्यक्त किया है।
भारत और स्विट्जरलैंड के बीच सितंबर 2019 में स्वचालित आधार पर वित्तीय खाते की जानकारी साझा करने का स्वागत करते हुए सचिवों ने कर चोरी के लिए दूसरे देशों को माध्यम बनाए जाने की समस्या से निपटने के लिए वैश्विक कर पारदर्शिता के लिए अपने देशों की प्रतिबद्धता दोहराई। उन्होंने कहा कि गोपनीय बैंक खातों की जानकारी का यह स्वचालित विनिमय वित्तीय पारदर्शिता के एक नए युग की शुरुआत करेगा, क्योंकि भारतीय कर प्रशासन अब स्विट्जरलैंड में भारतीयों के सभी बैंक खातों का ब्यौरा जान पाएगा। सचिवों ने दोनों देशों के सक्षम अधिकारियों को विनिमय डेटा की गुणवत्ता को लगातार बढ़ाने के उद्देश्य से अनुभवों और सहयोग को साझा करने के लिए प्रोत्साहित किया।
राजस्व सचिव और स्विट्जरलैंड की वित्त सचिव ने अर्थव्यवस्था के डिजिटलीकरण से उत्पन्न चुनौतियों से निपटने के तौर-तरीकों पर भी बात की और इसके लिए अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर सहयोग पर सहमति जताई। दोनों सचिवों ने भारत और स्विट्जरलैंड के बीच हुए कर समझौतों की दिशा में सहयोग बढ़ाने के लिए सक्षम अधिकारियों के स्तर पर लगातार वार्ताएं जारी रखने को कहा। बैठक के दौरान दोनों सचिवों की ओर से एक संयुक्त बयान पर हस्ताक्षर भी किए गए।