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Monday 01 April 2013 03:31:35 AM
देहरादून। बीएड टीईटी प्रशिक्षुओं ने अपनी मौलिक नियुक्ति के संबंध में विधानसभा कार्यालय में मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा से मुलाकात कर उन्हें एक ज्ञापन सौंपा। मुख्यमंत्री के निर्देश पर शिक्षा मंत्री मंत्री प्रसाद नैथानी ने उनके कक्ष में बीएड टीईटी प्रशिक्षुओं से विस्तार से वार्ता की। शिक्षा मंत्री ने कहा कि सरकार के महाधिवक्ता से नैनीताल उच्च न्यायालय में बीएड टीईटी प्रशिक्षुओं के केस की पैरवी सशक्त ढंग से कराई जाएगी। उन्होंने कहा कि सरकार बीएड टीईटी प्रशिक्षुओं शिक्षकों के भविष्य के प्रति बहुत संवेदनशील है। उन्होंने विभागीय अधिकारियों से कहा कि वे मुख्यमंत्री के माध्यम से एडवोकेट जनरल से प्रभावी पैरवी हेतु कार्रवाई करें।
बीएड टीईटी प्रशिक्षुओं का कहना था कि सरकार ने माह सितंबर 2012 में 2253 टीईटी प्रशिक्षु शिक्षकों को छः माह के प्रशिक्षण हेतु राजकीय प्राथमिक विद्यालयों में जिलों के अतिदुर्गम स्थानों में तैनाती दी थी। इस दौरान उन्हें 7300 रुपये मानदेय देने की व्यवस्था थी। एनसीटीई के मानकों के अनुसार छः माह के प्रशिक्षण पूर्ण होते ही मौलिक नियुक्ति दी जाएगी तथा प्रशिक्षण सेवा कालीन होगा। उनका कहना था कि माह मार्च 2013 में छः माह की अवधि पूर्ण होने के बावजूद भी राज्य सरकार ने प्रशिक्षु शिक्षकों के लिए कोई भी अग्रिम आदेश नहीं निर्गत किया है और न ही 7300 रुपये मानदेय दिया गया है, जिस कारण सभी प्रशिक्षु आंदोलन को बाध्य हैं।
बैठक में नरेंद्रनगर के विधायक सुबोध उनियाल, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री डीके कोटिया, निदेशक बेसिक शिक्षा अनिल नेगी, विधि सलाहकार शिक्षा विभाग गोविंद जायसवाल, बीएड प्रशिक्षु उत्तराखंड के प्रदेश अध्यक्ष अनूप जदली, महामंत्री शैलेंद्र गौड़, परमानंद सती, अनिल कोटनाला, नीलम तोमर, हर्षिता शर्मा, पूर्णिमा शर्मा उपस्थित थे।