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Friday 22 November 2019 12:48:15 PM
नई दिल्ली। भारत में ब्रिटिश शासनकाल के दौरान भारतीय स्वतंत्रता संग्राम पर सबसे अधिक प्रभाव डालने वाली जलियांवाला बाग की घटना के 100वें वर्ष पर केंद्रीय संस्कृति और पर्यटन राज्यमंत्री प्रह्लाद सिंह पटेल ने अमृतसर के जलियांवाला बाग की पवित्र मिट्टी से युक्त 'कलश' को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सौंपा। प्रह्लाद सिंह पटेल ने 5 नवंबर को ऐतिहासिक जलियांवाला बाग राष्ट्रीय स्मारक के दौरे के दौरान वहां से यह पवित्र मिट्टी लाई थी। राज्यमंत्री प्रह्लाद सिंह पटेल ने प्रधानमंत्री को कलश सौंपने के बाद एक प्रेस कॉंफ्रेंस में इसके पीछे के दृष्टिकोण के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि 'कलश' को राष्ट्रीय संग्रहालय नई दिल्ली में रखा जाएगा, जिसे आम जनता देख सकेगी।
संस्कृति और पर्यटन राज्यमंत्री ने कहा कि यह भारत के युवाओं को प्रेरित करेगा कि उनके पूर्वजों ने भारत की स्वतंत्रता के लिए अपना बलिदान दिया था। उन्होंने कहा कि यह महज सामान्य मिट्टी नहीं है, यह दुनिया के सबसे बड़े बलिदानों का हिस्सा है और हम उनके बलिदानों का सम्मान करते हैं। उन्होंने कहा कि नई पीढ़ियों को इस पवित्र मिट्टी के माध्यम से उनकी वीरता और देशभक्ति के बारे में पता चलेगा। प्रह्लाद सिंह पटेल ने मीडिया को संस्कृति और पर्यटन मंत्रालय की 100 दिनों की उपलब्धियों के बारे में भी बताया। उन्होंने कहा कि सरकार ने ताजमहल में बेबी फीडिंग रूम स्थापित किया है और महिला पर्यटकों के लिए बेहतर सुविधाएं प्रदान करने के लिए देश के सभी प्रतिष्ठित स्थलों में इस तरह के बेबी फीडिंग रूम स्थापित किए जा रहे हैं। उन्होंने यह भी खुलासा किया कि संस्कृति मंत्रालय कुछ महत्वपूर्ण भारतीय स्मारकों में विदेशी पर्यटकों की सुविधा के लिए विदेशी भाषाओं में साइन बोर्ड लगा रहा है। उन्होंने कहा कि हम उन शीर्ष तीन देशों को यह सुविधा प्रदान कर रहे हैं, जहां से 1 लाख से अधिक पर्यटक ऐसे स्थलों का दौरा करने आ रहे हैं।
राज्यमंत्री प्रह्लाद सिंह पटेल ने कहा कि इस तरह की सुविधा मध्य प्रदेश के सांची में शुरू होगी, जहां बौद्ध तीर्थयात्री विभिन्न देशों से विशेष रूपसे श्रीलंका और दक्षिण कोरिया से आते हैं। उन्होंने कहा कि ई-वीजा शुल्क में कमी और होटल के कमरों पर जीएसटी दरों में कमी के कारण अधिक पर्यटक भारत आ रहे हैं। उन्होंने बताया कि नरेंद्र मोदी सरकार ने आम जनता के लिए 137 चोटियों को खोला है और इसके बगल में सियाचिन ग्लेशियर को भी जनता के लिए खोला गया है। उन्होंने कहा कि भारत 2019 में विश्व यात्रा और पर्यटन सूचकांक में 40 से बढ़कर 34वें स्थान पर पहुंच गया है। उन्होंने आशा व्यक्त करते हुए कहा कि पर्यटन अनुकूल नीतियों के बल पर हम निकट भविष्य में शीर्ष 10वें स्थान पर होंगे।