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Saturday 23 November 2019 05:00:03 PM
गोरखपुर। भारतीय वायुसेना स्टेशन गोरखपुर में वायुसेना की 105 हेलीकॉप्टर यूनिट का हीरक जयंती समारोह बड़े उत्साह के साथ मनाया गया। इस अवसर को यादगार बनाने के लिए मुख्य अतिथि के रूपमें कमोडोर कमांडेंट एयर वाइस मार्शल ए तिवारी वायुसेना स्टेशन गोरखपुर पहुंचे, जहां वायु अफसर कमांडिंग एयर कमोडोर पवन कुमार ने उनकी अगवानी की। ‘डेयरिंग ईगल्स’ के नाम से प्रख्यात भारतीय वायुसेना की 105 हेलीकॉप्टर यूनिट प्रतिगामी संक्रिया रिकार्ड के साथ भारतीय वायुसेना की दूसरी सबसे पुरानी हेलीकॉप्टर यूनिट है।
भारतीय वायुसेना की 105 हेलीकॉप्टर यूनिट की स्थापना बेल 47 जी हेलीकॉप्टर के साथ वायुसेना स्टेशन जोरहाट में 23 नवंबर 1959 को की गई थी। इस यूनिट को मी-4 हेलीकॉप्टरों से पुनः सुसज्जित करके 1964 में वायुसेना स्टेशन छबुआ लाया गया था। यह यूनिट 1 सितंबर 1981 को मी-8 हेलीकॉप्टरों में रूपांतरित हुई और 3 अगस्त 1987 को वायुसेना स्टेशन गोरखपुर आई। भारत-चीन युद्ध के दौरान सन् 1962 में इस यूनिट ने भूटान से बर्मा तक की सीमा पर अपना ऑपरेशन चलाया। सन् 1965 में भारत-पाकिस्तान युद्ध के दौरान इसने कुंभीरग्राम से अगरतला तक संक्रियात्मक कार्रवाई की। सन् 1971 में भारत-पाकिस्तान युद्ध के दौरान इसने आधुनिक विमानन के क्रमिक इतिहास में 6023 सैनिकों एवं 55000 किलोग्राम का मिलिट्री हार्डवेयर को ढाका के नजदीक उतारने का अबतक का सबसे साहसिक कार्य किया। सन् 1987 में गोरखपुर आने के बाद मी-8 हेलीकॉप्टरों के एक अतिरिक्त दस्ता एवं उसके क्रू के साथ श्रीलंका में 1987-88 के दौरान आई पि के एफ के साथ ‘ऑपरेशन पवन’ में हिस्सा लिया।
वायुसेना की हेलीकॉप्टर यूनिट को इसकी विशिष्टता के कारण विभिन्न स्थानों में इसे ऑपरेशनल कार्य का उत्तरदायित्व सौंपा गया। इसे एक वीर चक्र, 4 शौर्य चक्र, 15 वायुसेना मेडल, दो विशिष्ट सेवा मेडल, 39 वायु सेनाध्यक्ष प्रशस्ति प्रमाणपत्र, एक सह वायु सेनाध्यक्ष प्रशस्ति प्रमाणपत्र और पैंतालीस वायु अफसर कमांडिंग इन चीफ प्रशस्ति प्रमाणपत्र प्राप्त हो चुके हैं। इस यूनिट को 2006 में वायुसेना अध्यक्ष यूनिट प्रशस्ति एवं 2009 में राष्ट्रपति ध्वज हासिल करने का गौरव भी प्राप्त है। एयर वाइस मार्शल ए तिवारी ने 105 हेलीकॉप्टर यूनिट के 60 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में सभी सेवानिवृत्त एवं सेवारत कार्मिकों को उनके अद्वितीय त्याग, निस्वार्थ समर्पणभाव और अनुकरणीय साहस के लिए बधाई दी। हीरक जयंती समारोह के दौरान सारंग हेलीकॉप्टर प्रदर्शन टीम ने अपने यादगार युद्धाभ्यास की कलाबाजी के प्रदर्शन से दर्शकों को सम्मोहित कर दिया।