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Tuesday 26 November 2019 05:39:36 PM
नई दिल्ली। लोकपाल के अध्यक्ष न्यायमूर्ति पिनाकी चंद्र घोष ने आज नई दिल्ली में एक समारोह में लोकपाल का लोगो लांच किया। लोकपाल का आदर्श वाक्य 'मा गृधः कस्यस्विद्धनम्' भी अपनाया गया। माईगॉव पोर्टल के साथ-साथ लोकपाल रजिस्ट्री मेल से खुली प्रतियोगिता के लिए लोगो तथा आदर्श वाक्य की प्रविष्टियां आमंत्रित की गई थीं। लोकपाल के लोगो के लिए 2236 प्रविष्टियां आईं तथा आदर्श वाक्य के लिए 4705 प्रविष्टियां माईगॉव पोर्टल के माध्यम से आईं। प्रविष्टियां विभिन्न आयु समूह तथा देश के विभिन्न भागों से आमंत्रित की गई थीं। चयन में तीन चरण की प्रक्रिया अपनाई गई। लोकपाल के लोगो के रूपमें उत्तर प्रदेश के प्रयागराज के प्रशांत मिश्रा का लोगो डिजाइन चुना गया।
लोकपाल के लोगो का शाब्दिक अर्थ लोग यानी जनता तथा पाल यानी जनता की देखभाल करने वाला है। लोगो संकेत देता है कि किस तरह लोकपाल विधि के अनुसार न्याय स्थापित करके भारत की जनता की रक्षा और देखभाल करता है। लोगो में लोकपाल (जजों की पीठ), जनता (तीन मानवी चित्र), निगरानी (आंख की पुतली बनाता अशोक चक्र), कानून (नारंगी रंग में पुस्तक का आकार) तथा न्यायिक (विशिष्ट संतुलन बनाकर नीचे तिरंगा रूप में दो हाथ) को दिखाया गया है। लोगो तिरंगा है, जो लोकपाल के राष्ट्रीय भाव का प्रतिनिधित्व करता है।
माईगॉव पोर्टल पर प्राप्त कोई भी आदर्श वाक्य उचित नहीं पाया गया। लोकपाल ने 17 अक्टूबर 2019 को पूर्ण पीठ की बैठक में आदर्श वाक्य/ नारा जानकारी तथा विचार-विमर्श के आधार पर निश्चित किया। पीठ ने ईशाबोउपनिषद के पहले श्लोक का एक हिस्सा लेने पर सहमति व्यक्त की। अंतत: लोकपाल का आदर्श वाक्य 'मा गृधः कस्यस्विद्धनम्' चुना गया, जिसका अर्थ है कि किसी के धन का लोभ मत करो। इस अवसर पर लोकपाल के न्यायिक सदस्य न्यायमूर्ति दिलीप बाबासाहेब भोसले, न्यायमूर्ति प्रदीप कुमार मोहंती, न्यायमूर्ति अजय कुमार त्रिपाठी, गैर न्यायिक सदस्य दिनेश कुमार जैन, अर्चना रामसुंदरम महेंद्र सिंह, डॉ इंद्रजीत प्रसाद गौतम, लोकपाल सचिव वीके अग्रवाल, माईगॉव पोर्टल के सीईओ अभिषेक सिंह और लोकपाल के संयुक्त सचिव दिलीप कुमार भी उपस्थित थे।