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'विकास सहयोग भारत-श्रीलंका संबंधों का स्तंभ'

श्रीलंका भारत की विकास गाथा का अभिन्‍न अंग बने-राष्ट्रपति

राष्‍ट्रपति गोटबाया राजपक्षे की राष्ट्रपति भवन में की अगवानी

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Saturday 30 November 2019 02:37:37 PM

president gotabaya rajapaksa and ramnath kovind

नई दिल्ली। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने श्रीलंका के राष्‍ट्रपति गोटबाया राजपक्षे के प्रथम भारत दौरे पर उनका स्वागत करते हुए राष्ट्रपति भवन में उनकी जोरदार अगवानी की। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने इस अवसर पर राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे के साथ बातचीत में कहा कि निकट पड़ोसी होने के नाते हमारी वृद्धि और प्रगति एकसाथ जुड़ी हुई है। उन्होंने कहा कि हमारे पड़ोस की शांति और समृद्धि में हम दोनों की साझा हिस्सेदारी है, हमारे द्विपक्षीय संबंधों का अपना एक अलग स्थान है और इस दिशा में हमें प्रगति करनी चाहिए। राष्ट्रपति ने कहा कि दोनों देशों को इस क्षेत्र की साझा सुरक्षा और विकास को बढ़ावा देने के लिए सभी क्षेत्रों में सहयोग को मजबूत करना चाहिए। उन्‍होंने कहा कि हमारे घनिष्ठ संबंध हमारी सामान्य आकांक्षाओं, एकसाथ काम करने की हमारी साझा प्रतिबद्धता और एक-दूसरे की चिंताओं के प्रति हमारी पारस्परिक संवेदनशीलता पर निर्भर होने चाहिएं।
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि भारत हमेशा द्विपक्षीय संबंधों के आर्थिक स्तंभ को मजबूत करने और भारत-श्रीलंका के बीच अधिक व्यापार और निवेश को बढ़ावा देने के प्रति आशांवित है। उन्होंने कहा कि भारत चाहता है कि श्रीलंका हमारी विकास गाथा का अभिन्‍न अंग बने। उन्‍होंने कहा कि हमारी अर्थव्यवस्थाओं के बीच तालमेल को देखते हुए बहुत कुछ हासिल किया जा सकता है। राष्ट्रपति ने कहा कि विकास सहयोग भारत-श्रीलंका संबंधों का एक महत्वपूर्ण स्तंभ है और यह प्रसन्‍नता का विषय है कि इस संबंध में लोगों के लाभ हेतु श्रीलंका के साथ उसके जुड़ाव ने इन संबंधों को मूर्तरूप दिया है। उन्होंने कहा कि श्रीलंका की आवश्यकताओं और प्राथमिकताओं के अनुसार भारत आपसी हित की अधिक परियोजनाएं प्रारंभ करने के लिए तैयार है।
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे के सम्मान में भोज की भी मेजबानी की। राष्ट्रपति ने कहा कि भारत, श्रीलंका के साथ अपने संबंधों को सर्वाधिक महत्व देता है, हम एक स्थिर, समृद्ध और शांतिपूर्ण श्रीलंका देखना चाहते हैं, जिसमें सभी लोगों की आकांक्षाएं पूरी हों। राष्‍ट्रपति ने कहा कि विशिष्टता और विविधता के लिए सम्मान हमारे साझा लोकतांत्रिक मूल्यों की शक्ति है। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार की समावेशी विकास दृष्टि ‘सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास’ भी हमारे पड़ोस तक व्याप्‍त है। राष्ट्रपति ने कहा कि हमारी साझा विरासत गहरी और स्थायी है, हमें अपने लोगों के आपसी लाभ के लिए अपने बहुआयामी संबंधों को और ज्यादा मजबूत करने हेतु नए मार्ग खोजने की आवश्यकता है। राष्ट्रपति ने कहा कि हम क्षेत्र में स्थिरता और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए भारत के साथ श्रीलंका सरकार के दृढ़ संकल्प की सराहना करते हैं।

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