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Saturday 14 December 2019 01:54:57 PM
नई दिल्ली। रेलमंत्री पीयूष गोयल ने कहा है कि कोई भी संगठन जो अच्छे कार्य करना चाहता है, उसे सभी हितधारकों के परामर्श पर ध्यान देना चाहिए। रेल मंत्रालय की संसदीय सलाहकार समिति की अध्यक्षता करते हुए पीयूष गोयल ने रेल परियोजनाओं के लिए पर्याप्त धन उपलब्ध कराने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार जताया। उन्होंने कहा कि प्रणाली को बेहतर बनाना एक निरंतर प्रक्रिया है, पांच वर्ष के दौरान सुरक्षा, स्वच्छता, समयबद्धता और अवसंरचना विकास में उल्लेखनीय प्रगति हुई है, सभी परियोजनाओं पर कार्य तेजी से चल रहा है, इनमें ट्रेनों में तथा रेलवे स्टेशनों पर यात्रियों के लिए सुविधाओं को बेहतर बनाने का कार्य भी शामिल है। पीयूष गोयल ने रेलवे की कार्यप्रणाली में बदलाव और मानसिकता में परिवर्तन की सराहना करते हुए कहा कि रेलकर्मियों के योगदान के बिना ऐसे बदलाव संभव नहीं थे।
रेलमंत्री पीयूष गोयल ने हाल ही में हुए दो दिवसीय सम्मेलन ‘परिवर्तन संगोष्ठी’ के बारे में कहा कि लगभग 300 अधिकारियों के साथ विभिन्न विषयों पर विचार-विमर्श हुआ। नई दिल्ली में आयोजित इस संगोष्ठी में 300 अधिकारियों ने भाग लिया था, जबकि 1000 से अधिक अधिकारी वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए इससे जुड़े थे, लगभग 430 अधिकारियों से 2300 सुझाव प्राप्त हुए, जिससे रेलवे के भविष्य में विकास के लिए कार्य योजना बनाने में मदद मिलेगी। रेल मंत्री ने कहा कि रेलवे का लक्ष्य है माल ढुलाई तथा यात्रियों की संख्या में वृद्धि करके राजस्व बढ़ाना। उन्होंने कहा कि आम लोग ही रेलवे की सेवाओं के सबसे बड़े हितधारक हैं और ट्रेनों के नए हॉल्ट/ ठहराव के संबंध में उचित दृष्टिकोण अपनाने की आवश्यकता है। रेल राज्यमंत्री सुरेश सी अंगड़ी ने कहा कि भारतीय रेल देश की अर्थव्यवस्था की जीवन रेखा है और परियोजनाओं को पूरा करने के लिए राज्य सरकारों का सहयोग बहुत आवश्यक है। उन्होंने रेलवे परिचालन की कठिनाईयों के बारे में कहा कि भारतीय रेल में प्रतिदिन 2.3 करोड़ लोग यात्रा करते हैं, जो आस्ट्रेलिया की जनसंख्या के बराबर हैं। उन्होंने कहा कि रेलवे की दृष्टि एकदम स्पष्ट होनी चाहिए कि इसे लोगों की सेवा करनी है।
रेलवे की संसदीय सलाहकार समिति की बैठक में विभिन्न विषयों को रेखांकित किया गया, इनमें ओवर और अंडर ब्रिज का निर्माण, रेल लाइनों का दोहरीकरण, ट्रेनों तथा रेल स्टेशनों में यात्रियों को दी जाने वाली सुविधाएं, पिछड़े क्षेत्रों की कनेक्टिविटी के लिए नई ट्रेन शुरू करना या चालू ट्रेनों को विस्तार देना तथा मंजूर की गई परियोजनाओं को तेजी से पूरा करना, यात्रियों के लिए चिकित्सा सुविधाएं, रेलवे की जमीन का उचित उपयोग, इंजनों के लिए सौर ऊर्जा का उपयोग शामिल था। सदस्यों ने रेल भाड़े को तर्कसंगत बनाना, मालवाहक ट्रेनों की यात्रा समय अवधि बेहतर बनाना और खाद्य पदार्थों की कीमतों को प्रकाशित करना जैसे सुझाव भी दिए। सलाहकार समिति के सदस्यों के समक्ष ‘भारतीय रेल : राष्ट्र की जीवन रेखा’ विषय पर एक प्रस्तुति भी दी गई, इसमें अवसंरचना के आधुनिकीकरण, रेलवे परिसंपत्तियां और परिचालन, राजस्व और परिव्यय, पूंजीगत परिव्यय, परियोजनाओं की प्राथमिकता, सुरक्षा को बेहतर बनाना, रेलवे का डिजिटल रूपांतरण आदि विषयों के संबंध में ब्यौरा दिया गया। बैठक में रेलवे बोर्ड के चेयरमैन विनोद कुमार यादव, बोर्ड के सदस्य तथा रेलवे के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।