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Monday 16 December 2019 04:06:05 PM
लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रिज़र्व पुलिस लाइन लखनऊ में महिला रिक्रूट आरक्षियों की दीक्षांत परेड की मुख्य अतिथि सलामी ली। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर कहा कि इन महिला आरक्षियों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ’ अभियान को नई ऊंचाई प्रदान की है, इन सभी ने 6 माह के दौरान कठिन परिश्रम से जो प्रशिक्षण प्राप्त किया है, वह इन्हें कर्तव्यनिष्ठ पुलिसकर्मी और पेशेवर पुलिस बल का अभिन्न अंग बनने में सहायता करेगा। उन्होंने कहा कि किसी भी पेशेवर पुलिस बल की आत्मा उसके प्रशिक्षण में होती है। मुख्यमंत्री ने कहा कि जनता के साथ पुलिस का जो नजदीकी संबंध होना चाहिए, वह कई बार परिस्थितियों के कारण बाधित हो जाता है, लेकिन व्यवस्थित प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले पुलिसकर्मी जब किसी अभियान से जुड़ेंगे तो उनके कार्यों की प्रशंसा होगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश की कानून व्यवस्था के प्रति अत्यंत सजग है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार के प्रयासों से उत्तर प्रदेश पुलिस अब एक प्रभावी पुलिस बल बनने की ओर अग्रसर है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ऐसे प्रेरणादायक व उत्साहवर्धक कार्यक्रमों में दर्शकों के रूपमें बच्चों को बुलाने पर जोर दिया और कहा कि जब वे परेड देखेंगे तो उनके मन में भी पुलिस बल का हिस्सा बनने की इच्छा होगी और ऐसा करने से आमजन में भी पुलिस के प्रति विश्वास बढ़ेगा। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में ढाई वर्ष में 80 हजार से अधिक नवयुवकों और नवयुवतियों को पारदर्शी तरीके से उत्तर प्रदेश पुलिस का हिस्सा बनाया गया है, इसके अलावा बड़े पैमाने पर पुलिसकर्मियों को पदोन्नतियां भी दी गई हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने पुलिस बल के लिए गृह विभाग के बजट में कई गुना वृद्धि करते हुए पुलिस लाइन निर्माण और पुलिसकर्मियों के लिए आवासीय एवं बुनियादी सुविधाओं की व्यवस्था के लिए धनराशि उपलब्ध कराई है तथा अच्छे कार्य के लिए पुलिसकर्मियों को सेवामेडल भी दिए जा रहे हैं।उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने बडे़ पैमाने पर भर्ती किए गए आरक्षियों, सबइंस्पेक्टरों के प्रशिक्षण की व्यवस्था की है, जो उन्हें पेशेवर पुलिसकर्मी बनने में मदद करेगा। उन्होंने 24 नवम्बर को डॉ भीमराव आंबेडकर पुलिस अकादमी मुरादाबाद में उपनिरीक्षक नागरिक पुलिस तथा प्रशिक्षुओं की पासिंग आउट परेड कार्यक्रम में शामिल होने का भी जिक्र किया।
योगी आदित्यनाथ ने कहा कि पासआउट होने वाली महिला आरक्षी अब पुलिस विभाग के दैनिक कार्यों में सहभागी होने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं। उन्होंने कहा कि इनके दायित्व बढ़ गए हैं और अब इनकी असली परीक्षा की शुरुआत हो रही है। उन्होंने महिला आरक्षियों का आह्वान किया कि वे अपने कर्तव्यों का पूरी ईमानदारी, दृढ़ निश्चय तथा परिश्रम से निर्वहन करें। मुख्यमंत्री ने कहा कि पुलिस विभाग को प्रभावी बनाने में इनकी भूमिका बहुत ही महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि पुलिस परिवार की सौम्यता एवं सहृदयता के प्रतीक के रूपमें महिला आरक्षी समाज में अपनी सकारात्मक उपस्थिति दर्ज कराएं। उन्होंने कहा कि पीड़ित महिलाएं व बच्चियां जहां इनके साथ सहज होकर अपनी पीड़ा साझा कर सकेंगी, वहीं उनके प्रति इनका संवेदनशील एवं ममतामयी व्यवहार उनकी पीड़ा को कम करेगा, इससे पुलिस पीड़ित महिलाओं की समुचित मदद करने में समर्थ होगी, साथ ही समाज में पुलिस के प्रति सकारात्मक भाव भी पैदा होगा, जो विभाग के लिए उल्लेखनीय योगदान होगा।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि महिला आरक्षी जनसेवा के लिए महत्वपूर्ण प्रशिक्षण प्राप्त करके पासआउट हुई हैं। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश पुलिस के सामने कानून व्यवस्था को सुदृढ़ करने तथा अपराध नियंत्रण की अत्यंत कड़ी चुनौतियां हैं, इस नई प्रशिक्षण व्यवस्था के अंतर्गत प्रशिक्षित होकर ये सभी इन चुनौतियों का डटकर मुकाबला करने में समर्थ होंगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि अपराधों के नए-नए आयाम और उनके बदलते स्वरूप को देखते हुए राज्य सरकार ने पुलिस व्यवस्था के आधुनिकीकरण के साथ ही गहन पुलिस प्रशिक्षण की आवश्यकता को महसूस किया है, इसके दृष्टिगत वर्ष 2018 में उत्तर प्रदेश में पुलिस प्रशिक्षण हेतु 31 केंद्रों पर वर्चुअल क्लासरूम स्थापित किए गए हैं और लखनऊ में फॉरेंसिक साइंस यूनिवर्सिटी एवं पुलिस अकादमी स्थापित करने का भी निर्णय लिया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश देश का सर्वाधिक जनसंख्या वाला राज्य है, इतनी विशाल आबादी वाले राज्य में कानून व्यवस्था एवं अपराधों पर नियंत्रण बनाए रखना भी एक बड़ी चुनौती है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार के ढाई वर्ष से अधिक की कार्यावधि में प्रदेश की कानून व्यवस्था की स्थिति में सकारात्मक बदलाव आया है।
पुलिस महानिदेशक ओपी सिंह ने भी समारोह को सम्बोधित किया। उन्होंने कहा कि पुलिस बल को सक्षम बनाने के लिए नवीन प्रशिक्षण पाठ्यक्रम विकसित किया गया है, साइबर क्राइम, विधिक प्रशिक्षण, कम्प्यूटर सहित आवश्यक विषयों की जानकारी प्रशिक्षण के दौरान उपलब्ध कराई जा रही है और पुलिस को जनोन्मुखी बनाए जाने की दिशा में लगातार कार्य किया जा रहा है। पुलिस महानिदेशक ने महिला रिक्रूट आरक्षियों को उनकी शानदार परेड के लिए बधाई दी और कहा कि पुलिस का काम संविधान एवं विधि व्यवस्था का अनुपालन करते हुए समाज को सुरक्षा प्रदान करना है। उन्होंने कहा कि प्रशिक्षण में आरक्षियों ने जो रूचि दिखाई है, उसे अपने सेवाकाल में बनाए रखते हुए प्रशिक्षण का उपयोग करते हुए समाज में अपनी सार्थकता स्थापित करें। पुलिस महानिदेशक ने कहा कि मुख्यमंत्री के निर्देशन में दो वर्ष में 80 हजार से ज्यादा भर्तियां की गई हैं, जिसमें 70 हजार से अधिक आरक्षी हैं, जिनके आधुनिक प्रशिक्षण के लिए 31 वर्चुअल क्लास रूम तथा वाह्य केंद्रों पर केंद्रीय बलों द्वारा प्रशिक्षण दिया गया है, आरक्षी से मुख्य आरक्षी के 35 हजार से ज्यादा एवं उपनिरीक्षक/ निरीक्षक के 11 हजार से ज्यादा पदोन्नति दी गई हैं।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पासिंग आउट महिला आरक्षियों को शपथ दिलवाई, उन्हें प्रशस्तिपत्र और पुरस्कार भी वितरण किए। इस दौरान पुलिस महानिदेशक ने मुख्यमंत्री को स्मृति चिन्ह भेंट किया। ज्ञातव्य है कि पासिंग आउट परेड में 677 महिला आरक्षी शामिल थीं, जिनमें लखनऊ पुलिस लाइन में प्रशिक्षण प्राप्त करने वाली 389 महिला आरक्षी और सीतापुर पुलिस लाइन में 288 प्रशिक्षाणार्थी शामिल थीं। दीक्षांत समारोह में सैनिक कल्याण मंत्री चेतन चौहान, जलशक्ति मंत्री डॉ महेंद्र सिंह, अल्पसंख्यक कल्याण राज्यमंत्री मोहसिन रजा, ऊर्जा राज्यमंत्री रमाशंकर सिंह पटेल, लखनऊ की मेयर संयुक्ता भाटिया, अपर मुख्य सचिव गृह एवं सूचना अवनीश कुमार अवस्थी, पुलिस महानिदेशक प्रशिक्षण, अपर पुलिस महानिदेशक, कानून व्यवस्था, अपर पुलिस महानिदेशक लखनऊ जोन, अपर पुलिस महानिदेशक प्रशिक्षण, अपर पुलिस महानिदेशक प्रशासन, पुलिस महानिरीक्षक कानून व्यवस्था, शासन-प्रशासन के अधिकारी, महिला आरक्षियों के परिजन और स्कूली बच्चे भी मौजूद थे।