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Saturday 21 December 2019 01:56:23 PM
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रमुख उद्योग चैम्बर एसोचैम के 100 वर्ष पूरे होने पर आयोजित कार्यक्रम में कहा है कि भारत को 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने का लक्ष्य हासिल करना संभव है। प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत को 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था में तब्दील करने का आइडिया अचानक नहीं आया है, पिछले 5 वर्ष में देश ने स्वयं को इतना मजबूत कर लिया है कि उसने न केवल खुद के लिए इतना महत्वपूर्ण लक्ष्य तय कर लिया है, बल्कि इस दिशा में उसने ठोस प्रयास करने भी शुरू कर दिए हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि इससे 5 साल पहले अर्थव्यवस्था तबाही की ओर अग्रसर थी। उन्होंने कहा कि एनडीए सरकार ने न केवल गिरती अर्थव्यवस्था पर विराम लगाया, बल्कि अर्थव्यवस्था में अनुशासन का मार्ग भी प्रशस्त किया है। प्रधानमंत्री ने कहा कि हमने भारत की अर्थव्यवस्था में बुनियादी परिवर्तन किए हैं, ताकि इसका संचालन निर्धारित नियमों के मुताबिक और अनुशासित ढंग से हो सके। उन्होंने कहा कि भारत सरकार ने औद्योगिक क्षेत्र की दशकों पुरानी मांगें पूरी की हैं और हमने देश को 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने की मजबूत नींव डाल दी है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि हम औपचारिकरण और आधुनिकीकरण के दो मजबूत स्तम्भों पर भारतीय अर्थव्यवस्था का निर्माण कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि हम अधिक से अधिक क्षेत्रों को औपचारिक अर्थव्यवस्था के दायरे में लाने की कोशिश कर रहे हैं, इसके साथ ही हम देश की अर्थव्यवस्था को नवीनतम प्रौद्योगिकी से जोड़ रहे हैं, ताकि हम आधुनिकीकरण की गति को तेज कर सकें। प्रधानमंत्री ने बताया कि अब किसी भी कम्पनी के पंजीकरण में कई हफ्तों के बजाय केवल कुछ ही घंटे लगते हैं। उन्होंने कहा कि स्वचालन से सीमापार व्यापार बड़ी तेजी से करने में मदद मिल रही है, बुनियादी ढांचागत सुविधाओं के बेहतर जुड़ाव से बंदरगाहों और हवाई अड्डों पर जहाजों एवं विमानों के आगमन-प्रस्थान में लगने वाला कुल समय निरंतर घटता जा रहा है, ये सभी एक आधुनिक अर्थव्यवस्था के ही उदाहरण हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत सरकार उद्योग जगत के विचारों को सुनती है, उसकी जरूरतों को समझती है और उसके सुझावों के प्रति पूरी तरह से संवेदनशील है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि निरंतर अथक प्रयास करने की बदौलत ही भारत कारोबार में सुगमता सूचकांक में उल्लेखनीय छलांग लगाने में कामयाब हो पाया है। प्रधानमंत्री ने कहा कि कारोबार करने में सुगमता वाक्य भले ही सिर्फ चार शब्दों से बना हो, लेकिन इस सूचकांक में भारत की रैकिंग को बेहतर करने के लिए अनगिनत ठोस प्रयास किए गए हैं, जिनमें जमीनी स्तर पर नीतियों एवं नियमों में अपेक्षित बदलाव लाना भी शामिल हैं। प्रधानमंत्री ने इस बात को भी रेखांकित किया कि देश में व्यक्तिगत तौरपर उपस्थित हुए बगैर ही कर प्रशासन सुनिश्चित करने के निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं, ताकि करदाता और प्राधिकरणों के बीच व्यक्तिगत उपस्थिति की आवश्यकता कम से कम हो जाए। उन्होंने कहा कि कर प्रणाली में पारदर्शिता, दक्षता और जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए हम बगैर व्यक्तिगत उपस्थिति वाले कर प्रशासन की ओर तेजी से अग्रसर हो रहे हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार ने कॉरपोरेट सेक्टर से जुड़े अनेक कानूनों का गैर-अपराधीकरण कर दिया है, ताकि उद्योगजगत भयरहित माहौल में काम कर सके। प्रधानमंत्री ने कहा कि कम्पनी अधिनियम में अनेक प्रावधान हैं, जिनके मामूली उल्लंघन को भी फौजदारी अपराध मान लिया जाता है, सरकार ने ऐसे अनेक प्रावधानों का गैर-अपराधीकरण कर दिया है, हम इसके अलावा भी कई अन्य प्रावधानों का गैर-अपराधीकरण कर रहे हैं अथवा उन्हें दीवानी अपराधों में तब्दील कर रहे हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि इस समय देश में कॉरपोरेट टैक्स की जो दर है, वह न्यूनतम है और इससे आर्थिक विकास की गति तेज होगी। प्रधानमंत्री ने कहा कि इस समय देश में कॉरपोरेट टैक्स की दर न्यूनतम है, इसका अर्थ यही है कि यदि कोई भी सरकार उद्योग जगत से न्यूनतम कॉरपोरेट टैक्स ले रही है तो वह हमारा देश ही है। प्रधानमंत्री ने श्रम सुधारों की दिशा में किए जा रहे प्रयासों के बारे में भी विस्तार से बताया। उन्होंने बैंकिंग सेक्टर को और भी अधिक पारदर्शी एवं लाभप्रद बनाने के लिए इस सेक्टर में लागू किए गए व्यापक सुधारों के बारे में भी विस्तार से बताया। प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार की ओर से उठाए गए विभिन्न कदमों की बदौलत 13 बैंक मुनाफे के पथ पर अग्रसर हैं, जबकि 6 बैंक ‘पीसीए’ के दायरे से बाहर आ गए हैं। उन्होंने कहा कि हमने बैंकों के विलय की प्रक्रिया भी तेज कर दी है, बैंक अपने-अपने देशव्यापी नेटवर्कों का विस्तार कर रहे हैं और इसके साथ ही वे वैश्विक मान्यता हासिल करने की दिशा में अग्रसर हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि इस समग्र सकारात्मकता के साथ भारत 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने के लक्ष्य की प्राप्ति की दिशा में अग्रसर हो गया है। प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार इस लक्ष्य की प्राप्ति में आवश्यक सहयोग प्रदान करने के लिए बुनियादी ढांचागत क्षेत्र में 100 लाख करोड़ रुपये के साथ-साथ ग्रामीण क्षेत्र में भी 25 लाख करोड़ रुपये का और निवेश करेगी।