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Tuesday 02 April 2013 07:02:41 AM
लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार ने रबी विपणन वर्ष 2013-14 में केंद्रीकृत प्रणाली के अंतर्गत कृषकों को उनकी उपज का लाभकारी मूल्य उपलब्ध कराने के उद्देश्य से गेहूं खरीद नीति संबंधी आदेश जारी कर दिए हैं। इसके अंतर्गत गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य 1350 रुपए प्रति कुंटल निर्धारित किया गया है। गेहूं की खरीद एक अप्रैल से प्रारंभ हो गई है, जो 30 जून 2013 तक प्रभावी रहेगी। प्रत्येक 8 किलोमीटर की दूरी पर अनिवार्य रूप से एक क्रय केंद्र की व्यवस्था होगी तथा इसके लिए 6000 क्रय केंद्र खोले जाएंगे। सभी क्रय एजेंसियां किसानों से ही सीधे गेहूं की खरीद करेंगी।
मूल्य समर्थन योजना के अंतर्गत प्रदेश के लिए राज्य सरकार ने 60 लाख मीट्री टन गेहूं क्रय का कार्यकारी लक्ष्य निर्धारित किया है, जिसमें राज्य संस्थानों में 58 लाख मीट्री टन तथा भारतीय खाद्य निगम 2 लाख मीट्री टन गेहूं क्रय किया जाएगा और यदि निर्धारित अवधि में क्रय केंद्रों पर गेहूं की आवक बनी रहती है, तो किसानों के हितों के मद्देनजर निर्धारित लक्ष्य से अधिक भी गेहूं क्रय किया जाएगा।
गेहूं क्रय केंद्र प्रातः 9 बजे से सायं 6 बजे तक खुले रहेंगे। रविवार एवं राजपत्रित अवकाशों को छोड़कर शेष कार्य दिवसों में गेहूं क्रय केंद्र खुले रहेंगे। प्रत्येक कांटे पर अधिकतम 300 कुंटल प्रतिदिन गेहूं क्रय की सीमा निर्धारित की गई है। गेहूं कीखरीद किसानों से किसान जोतबही, किसान क्रेडिट कार्ड, खतौनी तथा साधन सहकारी समितियों की पास बुक के आधार पर की जाएगी। प्रत्येक बिल पर्चें व क्रय पंजिका पर जोतबही नंबर अथवा किसान के फोटोयुक्त पहचान पत्र का नंबर अंकित किया जाएगा। इसके साथ ही किसान का मोबाइल नंबर भी अंकित किया जाएगा।
किसानों को गेहूं के मूल्य का भुगतान सहकारी संस्थानों को छोड़कर समस्त क्रय एजेंसियों द्वारा आरटीजीएस के माध्यम से सीधे किसानों के खाते में किया जाएगा। जिन किसानों का सीबीएस बैंक खाता नहीं है, उनके लिखित अनुरोध पर गेहूं मूल्य का भुगतान ‘एकाउंट पेयी’ चेक के माध्यम से किया जाएगा। इसके अलावा जिन क्रय केंद्रों पर आरटीजीएस से भुगतान की व्यवस्था उपलब्ध न हो, गेहूं मूल्य का भुगतान खाद्य विभाग के केंद्र प्रभारी 2 लाख रुपए की सीमा तक ‘एकाउंट पेयी’ चेक के माध्यम से करेंगे।