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Tuesday 24 December 2019 01:06:39 PM
नई दिल्ली। उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने 66वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार समारोह में विभिन्न श्रेणियों के अंतर्गत वर्ष 2018 के लिए राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार प्रदान किए। उपराष्ट्रपति ने फिल्म बिरादरी का आह्वान किया कि वह जनता विशेषकर युवाओं पर फिल्मों के बड़े पैमाने पर पड़ने वाले गहरे प्रभाव को ध्यान में रखते हुए फिल्मों में हिंसा, अशिष्टता और अश्लीलता दिखाने से बचें। दिल्ली में राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार प्रदान करने के बाद उपराष्ट्रपति ने कहा कि फिल्म निर्माताओं को इस शक्तिशाली माध्यम के लोगों पर पड़ने वाले गहरे प्रभाव के प्रति सचेत रहना चाहिए। उपराष्ट्रपति ने उनसे आग्रह किया कि वे सामाजिक परिवर्तन के साधन के रूपमें इस शक्तिशाली माध्यम का उपयोग करें और विभिन्न सामाजिक बुराइयों से निपटने के लिए लोगों को शिक्षित करें, सामाजिक सौहार्द को बढ़ावा दें तथा समाज के नजरिये में बदलाव लाएं।
उपराष्ट्रपति ने कहा कि मुख्य रूपसे ध्यान चुनौतियों और सामाजिक विचारधाराओं की कलात्मक प्रस्तुति पर होना चाहिए और विवादों का इस प्रकार से समाधान किया जाना चाहिए, जिससे सामाजिक सौहार्द बना रहे तथा नैतिक सिद्धांतों को मजबूती मिले। युवा मन पर सिनेमा के पड़ने वाले गहरे प्रभाव की ओर इशारा करते हुए वेंकैया नायडू ने कहा कि सिनेमा सही मूल्यों को बढ़ावा देने में एक प्रमुख भूमिका निभा सकता है। उन्होंने कहा कि हमें महिलाओं के खिलाफ हिंसा की मौजूदा प्रवृत्ति से निपटने के लिए एक कड़ा संदेश देना चाहिए। उन्होंने देश के कुछ हिस्सों में महिलाओं के खिलाफ दुष्कर्म और हिंसा की घटनाओं पर चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि समाज में हम सभी लोगों को और विशेष रूपसे फिल्म उद्योग से जुड़े लोगों को महिलाओं का सम्मानजनक चित्रण करना चाहिए। उपराष्ट्रपति ने कहा कि यह सोचना शायद ग़लत है कि संदेश देने वाली किसी फिल्म को दर्शक स्वीकार नहीं करेंगे। उनका कहना था कि सामाजिक संदेश के साथ एक फिल्म मनोरंजक और व्यावसायिक रूपसे भी सफल हो सकती है।
उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने जोर देकर कहा कि फिल्म उद्योग को स्वस्थ आहार और शारीरिक फिटनेस के महत्व के बारे में भी युवाओं में जागरुकता पैदा करनी चाहिए। उपराष्ट्रपति ने प्रत्येक फिल्म निर्माता से यह भी सुनिश्चित करने का आग्रह किया कि वे चरित्र चित्रण, संवाद और वेशभूषा के माध्यम से भारत की संस्कृति, रीति-रिवाजों, प्रथाओं और परंपराओं को दर्शाएं। उन्होंने कहा कि सिनेमा को परिवार व्यवस्था को मजबूत बनाने और लोकतांत्रिक शासन को बढ़ावा देने में भी मदद करनी चाहिए। भारतीय सिनेमा की वैश्विक लोकप्रियता का जिक्र करते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा कि भारतीय फिल्में बाहरी दुनिया के समक्ष 'भारतीयता' की महत्वपूर्ण झलक प्रस्तुत करती हैं। उन्होंने कहा कि हमें सांस्कृतिक कूटनीति की दुनिया का प्रभावी दूत बनने की आवश्यकता है। उन्होंने फिल्म बिरादरी और सरकार के बीच अधिक सहयोग करने और भारत के दर्शनीय स्थलों के उपयोग के तरीकों को विकसित करने का आह्वान करते हुए कहा कि निरंतर विकास के लिए सामूहिक रूपसे प्रयास करते हुए हम पर्यटन क्षेत्र को बढ़ावा दे सकते हैं और दुनिया के लिए सांस्कृतिक विविधता का प्रदर्शन कर सकते हैं।
वेंकैया नायडू ने पुरस्कार विजेताओं को बधाई देते हुए उम्मीद जताई कि वर्ष 2020 में फिल्मों में कलात्मक और रचनात्मकता की बढ़ी हुई भावना देखने को मिलेगी, क्योंकि भारतीय सिनेमा उत्कृष्टता की अधिक ऊंचाइयों की चाह रखता है। उपराष्ट्रपति ने फिल्म निर्माण में आसानी और सर्वाधिक फिल्म अनुकूल राज्य होने का पुरस्कार जीतने के लिए उत्तराखंड राज्य को भी बधाई दी। उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने कहा कि हिंसा का लोकतंत्र में कोई स्थान नहीं है और फिल्म निर्माताओं को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि फिल्मों के संवाद, पात्रों का वर्णन और उनका पहनावा इस प्रकार हो कि उसमें भारत की संस्कृति, रिवाजों, परम्पराओं की झलक मिले। उन्होंने कहा कि सिनेमा को देश की परिवार व्यवस्था को मजबूत बनाने और लोकतांत्रिक मूल्यों को बढ़ावा देने में मदद करनी चाहिए। उपराष्ट्रपति ने फिल्म उद्योग को बधाई देते हुए कहा कि किस प्रकार से सिनेमा का इस्तेमाल सामाजिक बदलाव के लिए किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि कला की भाषा सार्वभौमिक है और यह सामाजिक नियमों को आकार देने में मदद करती है। भारतीय फिल्मों की विश्वभर में लोकप्रियता की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि सिनेमा की कोई भौगोलिक अथवा धार्मिक सीमाएं नहीं हैं, क्योंकि यह एक सार्वभौमिक भाषा बोलती है और मन की भावनाओं को छू जाती है। उपराष्ट्रपति ने कहा कि हमें सांस्कृतिक कूटनीति की दुनिया में प्रभावी दूत बनने की आवश्यकता है।
फिल्म पुरस्कार समारोह में सूचना और प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर, सूचना और प्रसारण सचिव रवि मित्तल, फीचर फिल्म श्रेणी के अध्यक्ष राहुल रवेल, गैर-फीचर फिल्म श्रेणी के अध्यक्ष एएस कनल, सिनेमा पर सर्वश्रेष्ठ लेखन के अध्यक्ष उत्पल बोरपुजारी, जूरी के सदस्य और अध्यक्ष तथा अभिनेता अक्षय कुमार, आयुष्मान खुराना, कीर्ति सुरेश, विक्की कौशल और गणमान्य व्यक्ति भी उपस्थित थे। विश्वभर में भारतीय सिनेमा की लोकप्रियता और उसकी बढ़ती मांग पर प्रकाश डालते हुए केंद्रीय सूचना और प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि हमारे थियेटर और हमारी फिल्में हमारी संपत्ति हैं, यह हमारी भावुक शक्ति है और हमें इसका लाभ अवश्य उठाना चाहिए। उन्होंने कहा कि फिल्म शूटिंग की इजाजत और उसे मंजूरी देने की प्रक्रिया को आसान बनाने के लिए हमने फिल्म डिवीजन में एकल खिड़की प्रणाली तैयार की है। हम इसे क्षेत्रीय स्तर पर लागू करने की प्रक्रिया में हैं। पुरस्कार विजेताओं को बधाई देते हुए श्रीप्रकाश जावड़ेकर ने सिनेमा की जादुई दुनिया और उसे बनाने वालों की प्रतिभा की चर्चा की। उन्होंने कहा कि फिल्म इसी प्रकार की कला है, जिस प्रकार से विश्वकर्मा ने दुनिया की रचना की थी, फिल्म निर्माता भी नई दुनिया बनाते हैं और हम उस दुनिया में तल्लीन हो जाते हैं।
राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कारों की विभिन्न श्रेणियों में इस वर्ष गुजराती फिल्म हेलारो को सर्वश्रेष्ठ फीचर फिल्म, ‘बधाई हो’ फिल्म को पूर्ण मनोरंजन वाली सर्वश्रेष्ठ लोकप्रिय फिल्म, हिंदी फिल्म ‘पैडमैन’ को सामाजिक मुद्दों पर बनी सर्वश्रेष्ठ फिल्म, आदित्य धर को ‘उरी: द सर्जिकल स्ट्राइक’ के लिए सर्वश्रेष्ठ निर्देशक, आयुष्मान खुराना और विक्की कौशल को ‘अंधाधुन’ और ‘उरी: द सर्जिकल स्ट्राइक’ में अपने प्रदर्शन के लिए सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का संयुक्त पुरस्कार, कीर्ति सुरेश को तेलुगु फिल्म महानति में उनके प्रदर्शन के लिए सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री की ट्रॉफी, मराठी फिल्म ‘नाल’ को निर्देशक की पहली सर्वश्रेष्ठ फिल्म के लिए इंदिरा गांधी पुरस्कार, जबकि एक अन्य मराठी फिल्म ‘पानी’ को पर्यावरण संरक्षण पर बनी सर्वश्रेष्ठ फिल्म का पुरस्कार, कन्नड़ फिल्म ओन्डाला इराडाला को राष्ट्रीय एकता पर सर्वश्रेष्ठ फीचर फिल्म के लिए नरगिस दत्त पुरस्कार और उत्तराखंड को फिल्मों के लिए सबसे अनुकूल राज्य का पुरस्कार प्रदान किया गया।राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद राष्ट्रपति भवन में 29 दिसंबर को पुरस्कार विजेताओं के लिए जलपान की मेजबानी करेंगे, जबकि भारतीय सिनेमा के महानायक अमिताभ बच्चन को भारतीय फिल्म उद्योग में उनके 50वें वर्ष के लिए भारतीय सिनेमा के सर्वोच्च सम्मान दादा साहब फाल्के पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा। खराब स्वास्थ्य के कारण वे समारोह में शामिल नहीं हो पाए थे।